Pulwama terror attack: शहीद की गर्भवती पत्नी ने कहा-मेरी कोख में पल रहा बच्चा लेगा बदला

पुलवामा आतंकी हमले में शहीद हुए बिहार के भागलपुर जिले के सपूत रतन ठाकुर की गर्भवती पत्नी ने रोते हुए कहा कि अगर सरकार बदला नहीं लेती तो मेरा होनेवाला बच्चा आतंकियों से बदला लेगा।

By Kajal KumariEdited By: Publish:Sat, 16 Feb 2019 05:24 PM (IST) Updated:Wed, 27 Feb 2019 03:49 PM (IST)
Pulwama terror attack: शहीद की गर्भवती पत्नी ने कहा-मेरी कोख में पल रहा बच्चा लेगा बदला
Pulwama terror attack: शहीद की गर्भवती पत्नी ने कहा-मेरी कोख में पल रहा बच्चा लेगा बदला

पटना, जेएनएन। पुलवामा आतंकी हमले में शहीद हुए भागलपुर जिले के लाल रतन कुमार ठाकुर के शहीद होने की सूचना मिलते ही पूरे गांव में मातमी सन्नाटा पसर गया। बीच-बीच में शहीद की पत्नी राजनंदिनी कुमारी सहित पूरे परिवार की रुलाई सुनाई दे रही थी।

पाकिस्तानी आतंकियों से बदला ले सरकार

शहीद रतन ठाकुर की पत्नी राजनंदिनी बार-बार यही कह रही थी कि पाकिस्तानी आतंकियों से बदला लेना होगा। यदि सरकार आतंकियों से बदला नहीं लेती है, तो मेरी कोख में पल रहा बच्चा सैनिक बनकर अपने पिता के हत्यारों से जरूर बदला लेगा।

 

चार साल के बेटे को पता नहीं, उसके पापा हो गए शहीद

रतन के चार वर्षीय बेटे कृष्णा को पता नहीं था कि उसके पिता शहीद हो गए हैं। वह अपने दादा (रामनिरंजन ठाकुर) की गोद में था। पूछने पर बोला...पापा ड्यूटी पर गए हैं। उनसे फोन पर बात हुई थी। क्या कहा था उन्होंने। कृष्णा बोला कि पापा ने कहा है सबको आप बाेलने के लिए। पापा ने बहुत खिलौना दिया है। बंदूक है, गाड़ी है और भी बहुत सारे खिलौने। फिर अपने पापा की तस्वीर देखकर चहक उठा-देखिए, यही है मेरे पापा...।

पिता ने कहा-मेरी दुनिया में हो गया अंधकार

पिता राम निरंजन ठाकुर ने कहा कि रात में उन्हें पुत्र के शहीद होने की जानकारी पत्रकारों से मिली, फिर भी भरोसा नहीं हुआ। सुबह लगभग साढ़े आठ बजे कंट्रोल रूम से पुत्र रतन के शहीद होने की सूचना मिली तो ऐसा लगा कि दुनिया में उजाला नहीं, अंधकार ही अंधकार हो गया।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री इसका बदला जरूर लें। बेशक 44 की जगह क्यों न चालीस हजार सैनिक शहीद हो जाएं लेकिन पाकिस्तानी आतंकियों के साथ-साथ जम्मू-कश्मीर के वैसे लोगों का भी सर्वनाश कर देना चाहिए जो आतंकियों को शरण देते हैं। 

श्वसुर ने कहा-बड़े गुमान से बेटी का हाथ दिया था जवान के हाथ में 

शहीद के श्वसुर कमल ठाकुर ने फोन पर कहा कि बड़े गुमान से बेटी का हाथ सीआरपीएफ के जवान के हाथों में सौंपा था। आज जब वे देश के काम आ गए हैं तब भी वे हमारी आन-बान-शान बढ़ा गए हैं। हम मानते हैं कि आज भी वे हमारे बीच हैं। उनके मार्ग पर चलकर हम, हमारी बेटी और नाती आगे बढ़ते रहेंगें।  

 

रतन की शादी साढ़े चार साल पूर्व ककवारा के समीप कटेली बस्ती के कमल ठाकुर की सुपुत्री राजनंदिनी के साथ बौंसी में हुई थी। कमल ठाकुर का परिवार पिछले तीन साल से दुल्हा बाबू के आने का  इंतजार कर रहे थे। रतन ने भी इस साल चचेरे साले की शादी में कटेली आने का वादा किया था। लेकिन, पहली दफा ससुराल आने का वादा पूरा करने के पहले ही उन्होंने भारत माता की गोद में सदा के लिए आंखें मूंद लीं।

भागलपुर के रहने वाले थे शहीद रतन कुमार ठाकुर 

भागलपुर के कहलगांव के रतनपुर गांव के रहने वाले रतन का पूरा परिवार इन दिनों भागलपुर शहर के लोदीपुर मोहल्ले में किराए के मकान में रहता है। घर पर जवान की पत्नी राजनंदिनी देवी और चार साल का बेटा कृष्णा है। 

शहीद के पिता ने बताया कि वे लोग अपने गांव से बच्चों को पढ़ाने के लिए मार्च 2018 में भागलपुर आ गए थे।उन्होंने बताया कि "रतन के अलावा एक और बेटा मिलन ठाकुर है, जो बीए में पढ़ता है। दो बेटियां हैं। रतन की पत्नी, बच्चे सबलोग एक साथ रहते हैं।

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