Citizenship Amendment Bill 2019 पर नीतीश के खिलाफ गए प्रशांत किशोर, JDU कर सकता है बड़ी कार्रवाई

Citizenship Amendment Bill 2019 पर जेडीयू के उपाध्‍यक्ष प्रशांत किशोर पार्टी के स्‍टैंड के खिलाफ हैं। उन्‍होंने कहा है कि वे इस मुद्दे को छोड़ने नहीं जा रहे।

By Amit AlokEdited By: Publish:Thu, 12 Dec 2019 08:59 PM (IST) Updated:Fri, 13 Dec 2019 08:25 AM (IST)
Citizenship Amendment Bill 2019 पर नीतीश के खिलाफ गए प्रशांत किशोर, JDU कर सकता है बड़ी कार्रवाई
Citizenship Amendment Bill 2019 पर नीतीश के खिलाफ गए प्रशांत किशोर, JDU कर सकता है बड़ी कार्रवाई

पटना [जेएनएन]। Citizenship Amendment Bill 2019: केंद्र की नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) सरकार द्वारा संसद (Parliament) में लाए गए नागरिकता संशोधन बिल (CAB) पर जनता दल यूनाइटेड (JDU) में सुप्रीमो नीतीश कुमार (Nitish Kumar)  व उपाध्‍यक्ष प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) में ठनी दिख रही है। जेडीयू में अलग-थलग पड़ चुके प्रशांत किशोर ने फिर गुरुवार को पार्टी के स्टैंड के खिलाफ (Against Party Line) जाकर ट्वीट (Tweet) किया। माना जा रहा है कि जेडीयू इस मामले में बड़ी कार्रवाई कर सकती है।

विदित हो कि प्रशांत किशोर ने दाे दिनों पहले पार्टी लाइन के खिलाफ जाकर ट्वीट किया था। इसपर जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने सार्वजनिक तौर पर प्रशांत किशोर को परामर्श दिया था कि उन्‍हें सार्वजनिक बयानबाजी से परहेज करते हुए पार्टी फोरम (Party Forum) में अपनी बात रखनी चाहिए। प्रशांत किशोर ने इस परामर्श को खारिज करते हुए गुरुवार को फिर पार्टी लाइन के खिलाफ जाकर ट्वीट कर दिया।

प्रशांत किशोर ने किया ये ट्वीट

अपने ताजा ट्वीट में प्रशांत किशोर ने लिखा है कि हमें बताया गया है कि नागरिकता संशोधन बिल (CAB) नागरिकता छीनने के लिए नहीं, देन के लिए है। लेकिन हकीकत यह है कि राष्‍ट्रीय नागरिक रजिस्‍टर (NRC) के साथ मिलकर यह बिल सरकार को सुनियोजित तरीके से लोगों को धर्म का आधार बनाकर विभेद करने और यहां तक कि सजा दिलाने में भी मददगार बनेगा।

We are told that #CAB is bill to grant citizenship and not to take it from anyone. But the truth is together with #NRC, it could turn into a lethal combo in the hands of Government to systematically discriminate and even prosecute people based on religion.#NotGivingUp

— Prashant Kishor (@PrashantKishor) December 12, 2019

लिखा: छोड़ने नहीं जा रहे मुद्दा

 उन्होंने अपने ट्वीट के साथ हैशटैग #NotGivingUp के माध्‍यम से प्रशांत किशोर ने यह सेंदेश भी दिया है कि वे इस मुद्दे को छोड़ने नहीं जा रहे। स्‍पष्‍ट है कि उन्‍होंने पार्टी लाइन के खिलाफ जाकर जेडीयू में बगावत का बिगुल फूंक दिया है। हालांकि, पार्टी पर नीतीश कुमार की पकड़ को देखते हुए प्रशांत किशोर अकेले पड़ गए दिख रहे हैं। प्रशांत किशोर को इस बगावत की सजा मिलनी तय मानी जा रही है। पार्टी उन पर बड़ी कार्रवाई कर सकती है।

पहले भी कर चुके कई ट्वीट

इसके पहले प्रशांत किशोर ने एक के बाद एक अपने कई ट्वीट किए थे। उनमें उन्‍होंने सुप्रीमो नीतीश कुमार का नाम तो नहीं लिखा, लेकिन पार्टी  नेतृत्‍व का जिक्र जरूर किया। लिखा कि नागरिकता संशोधन बिल का समर्थन करने ले पहले जेडीयू नेतृत्व को उन लोगों के बारे में भी सोचना चाहिए था, जिन्होंने 2015 में पार्टी पर भरोसा कर जिताया था। यह नहीं भूलना चाहिए कि 2015 की जीत के लिए पार्टी और इसके प्रबंधकों के पास किसी के साथ सौदा करने के लिए बहुत रास्ते नहीं बचे थे।

इसके पहले उन्‍होंने एक अन्‍य ट्वीट में नागरिकता संशोधन बिल पर जेडीयू के स्‍टैंड पर निराशा जाहिर करते हुए लिखा था कि यह बिल नागरिकों के नागरिकता के अधिकार से धर्म के आाधार पर भेदभाव करता है। उन्होंने धर्मनिरपेक्षता और गांधी जी के सिद्धांतों को ले जेडीयू की प्रतिबद्धता का भी जिक्र किया।

नहीं मानी पार्टी फोरम में बात रखने की नसीहत

प्रशांत किशोर के अलावा जेडीयू के अंदर से विरोध के कुछ और सुर भी फूटे। पवन वर्मा समेत कई लोगों ने भी नागरिकता संधोधन बिल का विरोध किया। इसके बाद जेडीयू के प्रदेश अध्‍यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने प्रशांत किशोर सहित ऐसे लोगों को नसीहत दी कि वे अपनी बात पार्टी फोरम में रखें। लेकिन प्रशांत किश्‍ाोर नहीं माने।

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