कर्पूरी जयंती पर राजद कार्यालय में नाच पर गरमाई बिहार की सियासत, मांझी ने कहा- गंदी है मानसिकता

पूर्व मुख्‍यमंत्री जीतन राम मांझी ने ट्वीट किया है कि लालू यादव बीमार हैं और उनके कार्यालय में कर्पूरी जयंती पर नाच का आयोजन गंदी मानसिकता है। इसके बाद बिहार में कर्पूरी को लेकर राजनीति चमकाने पर आरोप-प्रत्‍यारोप का दौर शुरू है।

By Sumita JaiswalEdited By: Publish:Sun, 24 Jan 2021 07:08 PM (IST) Updated:Mon, 25 Jan 2021 03:03 PM (IST)
कर्पूरी जयंती पर राजद कार्यालय में नाच पर गरमाई बिहार की सियासत, मांझी ने कहा- गंदी है मानसिकता
पूर्व मुख्‍यमंत्री जीतन राम मांझी की तस्‍वीर ।

पटना, जेएनएन। बिहार के पूर्व मुख्‍यमंत्री जननायक कर्पूरी ठाकुर की जयंती पर आज ( 24 जनवरी ) सभी  राजनीतिक दलों ने अपने स्‍तर से कार्यक्रम का आयोजन किया। जिन्‍होंने कार्यक्रम का आयोजन नहीं किया सोशल मीडिया पर उन्‍हें याद किया, श्रद्धांजलि अर्पित की । राजद कार्यालय में भी कर्पूरी ठाकुर की 97 वीं जयंती समारोह का आयोजन था। प्रदेश अध्‍यक्ष जगदानंद सहित पार्टी के कई बड़े नेता मौजूद थे।

कार्यक्रम के दौरान एक डांस का वीडियों भी वायरल हुआ। जिसमें एक पुरूष 'लौंडा डांस' करता नजर आ रहा है। डांस के इस वीडियों को रीट्विट करते हुए पूर्व मुख्‍यमंत्री जीतन राम मांझी ने शर्मनाक करार दिया है। उन्‍होंने कहा है कि लालू जी अस्‍वस्‍थ हुए तो उनके पुत्र तेज प्रताप को राजद कार्यालय में हुए  इस आयोजन में मंच पर जगह भी नहीं दी गई। यह उनका अंदरूनी मामला हो सकता है। मगर लालू जी जैसे नेता के बीमार होने के बावजूद उनकी पार्टी द्वारा इस तरह का नाच-गाना का कार्यक्रम कराना गंदी मानसिकता को दर्शाता है।

@laluprasadrjd जी का स्वास्थ्य ख़राब हुआ तो उनके बेटे @TejYadav14 को मंच पर जगह तक नहीं दी गई यह @RJDforIndia का आंतरिक मामला हो सकता है,

पर लालू जी जैसे जन नेता के बीमार होने के बावजूद उनके पार्टी द्वारा इस तरह का नाच/गाने का कार्यक्रम कराना गंदे मानसिकता को दर्शाता है।

शर्मनाक pic.twitter.com/6g9yZNrPlz

— Jitan Ram Manjhi (@jitanrmanjhi) January 24, 2021

राजद ने किया पलटवार

राजद प्रवक्‍ता मृत्‍युंजय मिश्रा का कहना है कि - अरे ये नाच है क्‍या?  उन्‍होंने पलटवार करते हुए कहा कि कर्पूरी ठाकुर के नाम पर सिर्फ अपनी राजनीतिक चमकानेवाले उनकी जयंती का आयोजन करते हैं। राजद अध्‍यक्ष लालू यादव ने तो उनकी विचारधारा को आजीवन माना और उसी अनुरूप राजनीति की। अब तेजस्‍वी भी ऐसा कर रहे हैं।

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