वारदात के बाद एफआइआर दर्ज करने तक सीमित रह जाती पुलिस
--जांच में अटकी हैं हत्या चोरी और लूट की वारदातें -अब पुलिस की कार्यप्रणाली पर उठने लगे हैं सवाल ---------- जागरण संवाददाता पटना
पटना । पुलिस की सुस्ती से अपराधी बेलगाम हो गए हैं। लगातार हो रही वारदातों के बाद भी पुलिस जांच के नाम पर केवल एफआइआर दर्ज करने तक सीमित है। न तो अपराधी पकड़े जा रहे हैं और न ही लूट की नकदी बरामद हो रही है। अब पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठने लगे हैं।
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पुलिस के पास एक ही
जवाब, छानबीन जारी है
एक माह पूर्व बेउर मोड़ स्थित प्रॉपर्टी डीलर के दफ्तर में घुसकर अपराधियों ने ताबड़तोड़ फायरिग कर दी। गोली लगने से एक की मौत हो गई और तीन लोग घायल हो गए। मामले में पुलिस हत्या की वजह तो दूर एक भी आरोपित को गिरफ्तार नहीं कर सकी। पुलिस के पास हर सवाल का एक ही जवाब है, अभी छानबीन की जा रही है। इसी तरह, शुक्रवार को कंकड़बाग थाना क्षेत्र के चांदमारी रोड में दो लोगों के बीच हुई फायरिग में राहगीर रामाधार को गोली लग गई। पुलिस चार दिनों के बाद भी आरोपित को गिरफ्तार नहीं कर सकी।
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26 दिनों के बाद भी
लुटेरे की पहचान नहीं
एक सितंबर को कंकड़बाग थाना क्षेत्र में पेट्रोल पंप मैनेजर से 8.60 लाख रुपये की दिनदहाड़े लूट हो गई। पुलिस की जांच में पता चला कि इसमें दो लुटेरे शामिल थे, जो बिना हथियार के रुपये लूटकर पैदल ही फरार हो गए। इस मामले में आज तक पुलिस लुटेरों को गिरफ्तार नहीं कर सकी और न ही राशि बरामद की।
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दीघा, राजीव नगर और पाटलिपुत्र थाना पुलिस ने चोरी मामले कई शातिर को गिरफ्तार किया। दूसरे राज्य से यहां आकर चोरी करने वाले गिरोह के अपराधी से लेकर आभूषण कारोबारी की गिरफ्तारी हुई। लूट और हत्या मामले की जांच चल रही है। रात्रि गश्ती बढ़ाने का निर्देश दिया गया है।
-उपेंद्र कुमार शर्मा, एसएसपी