दाेस्‍त की मां के अंतिम संस्‍कार में गुलबी घाट गए PMCH के एंबुलेंस चालक की गोली मार की गई हत्‍या

मोहम्मद अलाउद्दीन के विषय में जानकारी जुटाई जा रही है। अपराधियों की अभी पहचान नहीं हो सकी है। गुलबी घाट आने और जाने के रास्ते में जगह-जगह लगे सीसीटीवी कैमरा के फुटेज को पुलिस खंगाल रही है। वारदात के बाद अधिकारियों की नींद उड़ गई है।

By Prashant KumarEdited By: Publish:Fri, 15 Jan 2021 05:40 PM (IST) Updated:Fri, 15 Jan 2021 05:40 PM (IST)
दाेस्‍त की मां के अंतिम संस्‍कार में गुलबी घाट गए PMCH के एंबुलेंस चालक की गोली मार की गई हत्‍या
गुलबी घाट पर हत्‍या की जांच करने पहुंचे पुलिस अधिकारी। जागरण।

जागरण संवाददाता पटना सिटी। सुलतानगंज थाना अंतर्गत गुलबी घाट पर गंगा किनारे अज्ञात अपराधी ताबड़तोड़ 35 वर्षीय मोहम्मद अलाउद्दीन उर्फ बिकाऊ को तीन गोली मार कर फरार हो गए। जख्मी हालत में एंबुलेंस संचालक को पीएमसीएच ले जाया गया जहां उसकी मौत हो गई।

थानाध्यक्ष शेर सिंह यादव ने बताया कि मोहम्मद अलाउद्दीन उर्फ बिकाऊ पीएमसीएच स्थित क्वार्टर में रहता था। वह एंबुलेंस चलवाता आता था। उन्होंने बताया कि पीएमसीएच के लिए स्टाफ क्वार्टर में रहने वाले राहुल की माँ कांति देवी की शव यात्रा में अलाउद्दीन आया था। घाट किनारे शव का अंतिम संस्कार किया जा रहा था। सभी लोग वहीं पर जमा थे। अलाउद्दीन भी घाट किनारे ही बैठा था। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि अचानक पांच छह की संख्या में आय अपराधियों ने ताबड़तोड़ तीन गोली अलाउद्दीन को मारी। वह वहीं पर अचेत हो गया। शव यात्रा में शामिल लोग उसे पीएमसीएच ले गए।

घटनास्थल पहुंचे डीएसपी अमित शरण ने बताया कि मोहम्मद अलाउद्दीन के विषय में जानकारी जुटाई जा रही है। अपराधियों की अभी पहचान नहीं हो सकी है। गुलबी घाट आने और जाने के रास्ते में जगह-जगह लगे सीसीटीवी कैमरा के फुटेज को पुलिस खंगाल रही है। मां का अंतिम संस्कार कर लौट रहे राहुल ने बताया कि उसकी मां का हर्निया का ऑपरेशन हुआ था। कई दिनों से वह कोमा में थी। इसी दौरान आज उसकी मौत हो गई। राहुल ने बताया कि मोहम्मद अलाउद्दीन पीएमसीएच के क्वार्टर में उसके घर के समीप ही रहता है। वह एंबुलेंस चलवाता है। राहुल बताया कि इसे अधिक वह अलाउद्दीन के बारे में कुछ नहीं जानता है।

गौरतलब है कि हत्‍या और लूट जैसी संगीन वारदातों के बाद पटना पुलिस के अधिकारिकयों की नींद उड़ गई है। मुख्‍यमंत्री की फटकार के बाद भी अधिकारी सजग नहीं दिख रहे, जिसके कारण घटनाओं का सिलसिला जारी है। अपराध नियंत्रण के नाम पर वाहन जांच कर लोगों को बेवजह परेशान करने के कई मामले सामने आ चुके हैं।

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