PM मोदी ने पटना को दिया मेट्रो रेल का तोहफा, जानिए इसके बारे में कुछ खास बातें
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को पटना में मेट्रो रेल परियोजना का रिमोट से शिलान्यास किया। इस परियोजना की खास बातों को जानने के लिए पढ़ें यह खबर।
पटना [जेएनएन]। पटना में भी अब दिल्ली की तरह मेट्रो रेल की सुविधा उपलब्ध होगी। पटना जू (चिडि़याघर) के गेट नंबर एक के पास पटना मेट्रो का शिलान्यास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को रिमोट के जरिए बरौनी से किया। इसके लिए केंद्रीय शहरी विकास एवं आवास मंत्री हरदीप सिंह पुरी और बिहार नगर विकास एवं आवास मंत्री सुरेश शर्मा ने भूमि पूजन किया।
बरौनी से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पटना मेट्रो का जिस वक्त शिलान्यास किया, पटना में आयोजित कार्यक्रम में शहरी विकास राज्यमंत्री हरदीप सिंह पुरी, नगर विकास मंत्री सुरेश कुमार सिंह, श्रवण कुमार, श्याम रजक, रणवीर नंदन, अरुण कुमार, पटना की मेयर सीता साहू, विशेष सचिव संजय दयाल व अन्य ने शिरकत की।
13365.77 करोड़ आएगी लागत
पटना मेट्रो रेल प्रोजेक्ट को पूरा करने पर 13365.77 करोड़ रुपये की लागत आएगी। इसके दो कॉरिडोर बनाए जाएंगे। ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर और नॉर्थ-साउथ कॉरिडोर। ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर की लंबाई 16.94 किमी होगी। जबकि नार्थ-साउथ कॉरिडोर की लंबाई 14.45 किमी होगी
ऐसे होंगे दोनों कॉरिडोर
पहला कॉरिडोर (ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर): इस रूट में दानापुर, रूपसपुर, सगुना मोड़, राजा बाजार, गोल्फ क्लब, चिडिय़ाखाना, रूकुनपुरा, विकास भवन, विद्युत भवन, जंक्शन, मीठापुर बस स्टैंड आदि मेट्रो स्टेशन होंगे। ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर की लंबाई 16.94 किमी होगी। इसमें 5.49 किमी एलीवेटेड और 11.21 किमी अंडरग्राउंड होंगे। इस कॉरिडोर में स्टेशनों की संख्या 12 होगी।
दूसरा कॉरिडोर (नार्थ-साउथ कॉरिडोर): इस रूट में पटना जंक्शन, पटना जंक्शन, आकाशवाणी, गांधी मैदान, पीएमसीएच, पीयू, प्रेमचंद्र रंगशाला, राजेन्द्र नगर टर्मिनल, एनएमसीएच, कुम्हरार, गांधी सेतु जीरोमाइल, आईएसबीटी आदि मेट्रो स्टेशन होंगे। नार्थ-साउथ कॉरिडोर की लंबाई 14.45 किमी होगी। इसमें 9.90 किमी एलीवेटेड और 5.55 किमी अंडरग्राउंड होंगे। इस कॉरिडोर में स्टेशनों की संख्या 12 होगी।
2016 में शुरू हुआ मेट्रो परियोजना पर काम
राजधानी में मेट्रो रेल योजना पर प्रदेश में 2016 में काम शुरू हो गया था। इसी महीने 6 फरवरी को केंद्रीय प्रोजेक्ट अप्रूवल बोर्ड ने पटना मेट्रो प्रोजेक्ट पर अपनी मुहर लगाई थी। इसके पूर्व बिहार कैबिनेट ने 26 सितंबर को इस परियोजना को अपनी हरी झंडी दी थी। जिसके बाद आज इसे केंद्रीय कैबिनेट के ध्यानार्थ लाया गया। पटना मेट्रो योजना अगले पांच साल में जमीन उतार दी जाएगी। योजना के पहले फेज में दो कॉरिडोर बनाए जाएंगे।
13365.77 करोड़ आएगी लागत
नगर विकास विभाग की ओर से बताया गया कि पटना मेट्रो रेल प्रोजेक्ट को पूरा करने पर 13365.77 करोड़ रुपये की लागत आएगी। योजना पर खर्च होने वाली राशि का बीस फीसद हिस्सा केंद्र और बीस फीसद राज्य सरकार वहन करेगी। शेष 60 प्रतिशत राशि का प्रबंध पटना मेट्रो रेल कॉरपोरेशन का करना होगा। इस राशि का प्रबंध कॉरपोरेशन बैंक लोन और दूसरे सॉफ्टलोन से हो सकेगा।
2 मार्च 2016 को योजना को मिली मंजूरी
राज्य सरकार ने दो मार्च 2016 को पटना मेट्रो की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) को अपनी मंजूरी दी थी। सितंबर 2016 में इसे शहरी विकास मंत्रालय को सौंपा गया। इस परियोजना का डीपीआर राइट्स कंपनी ने बनाया है। मंत्रालय ने राज्य सरकार को मेट्रो रेल पॉलिसी बनाने को कहा और इसके आधार पर फाइनल रिपोर्ट मांगी। जिसके बाद राज्य सरकार की सहमति प्राप्त करते हुए मेट्रो रेल पॉलिसी 2017 के प्रावधानों पर राज्य सरकार की प्रतिबद्धता के साथ पटना मेट्रो रेल प्रोजेक्ट का कार्यान्वयन एसपीवी मॉडल कराने के लिए डीपीआर, सीएमपी और अल्टरनेटिव एनालाइसिस सहित परियोजना प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा गया।
बरौनी से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पटना मेट्रो का जिस वक्त शिलान्यास किया, पटना में आयोजित कार्यक्रम में शहरी विकास राज्यमंत्री हरदीप सिंह पुरी, नगर विकास मंत्री सुरेश कुमार सिंह, श्रवण कुमार, श्याम रजक, रणवीर नंदन, अरुण कुमार, पटना की मेयर सीता साहू, विशेष सचिव संजय दयाल व अन्य ने शिरकत की।
13365.77 करोड़ आएगी लागत
पटना मेट्रो रेल प्रोजेक्ट को पूरा करने पर 13365.77 करोड़ रुपये की लागत आएगी। इसके दो कॉरिडोर बनाए जाएंगे। ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर और नॉर्थ-साउथ कॉरिडोर। ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर की लंबाई 16.94 किमी होगी। जबकि नार्थ-साउथ कॉरिडोर की लंबाई 14.45 किमी होगी
ऐसे होंगे दोनों कॉरिडोर
पहला कॉरिडोर (ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर): इस रूट में दानापुर, रूपसपुर, सगुना मोड़, राजा बाजार, गोल्फ क्लब, चिडिय़ाखाना, रूकुनपुरा, विकास भवन, विद्युत भवन, जंक्शन, मीठापुर बस स्टैंड आदि मेट्रो स्टेशन होंगे। ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर की लंबाई 16.94 किमी होगी। इसमें 5.49 किमी एलीवेटेड और 11.21 किमी अंडरग्राउंड होंगे। इस कॉरिडोर में स्टेशनों की संख्या 12 होगी।
दूसरा कॉरिडोर (नार्थ-साउथ कॉरिडोर): इस रूट में पटना जंक्शन, पटना जंक्शन, आकाशवाणी, गांधी मैदान, पीएमसीएच, पीयू, प्रेमचंद्र रंगशाला, राजेन्द्र नगर टर्मिनल, एनएमसीएच, कुम्हरार, गांधी सेतु जीरोमाइल, आईएसबीटी आदि मेट्रो स्टेशन होंगे। नार्थ-साउथ कॉरिडोर की लंबाई 14.45 किमी होगी। इसमें 9.90 किमी एलीवेटेड और 5.55 किमी अंडरग्राउंड होंगे। इस कॉरिडोर में स्टेशनों की संख्या 12 होगी।
2016 में शुरू हुआ मेट्रो परियोजना पर काम
राजधानी में मेट्रो रेल योजना पर प्रदेश में 2016 में काम शुरू हो गया था। इसी महीने 6 फरवरी को केंद्रीय प्रोजेक्ट अप्रूवल बोर्ड ने पटना मेट्रो प्रोजेक्ट पर अपनी मुहर लगाई थी। इसके पूर्व बिहार कैबिनेट ने 26 सितंबर को इस परियोजना को अपनी हरी झंडी दी थी। जिसके बाद आज इसे केंद्रीय कैबिनेट के ध्यानार्थ लाया गया। पटना मेट्रो योजना अगले पांच साल में जमीन उतार दी जाएगी। योजना के पहले फेज में दो कॉरिडोर बनाए जाएंगे।
13365.77 करोड़ आएगी लागत
नगर विकास विभाग की ओर से बताया गया कि पटना मेट्रो रेल प्रोजेक्ट को पूरा करने पर 13365.77 करोड़ रुपये की लागत आएगी। योजना पर खर्च होने वाली राशि का बीस फीसद हिस्सा केंद्र और बीस फीसद राज्य सरकार वहन करेगी। शेष 60 प्रतिशत राशि का प्रबंध पटना मेट्रो रेल कॉरपोरेशन का करना होगा। इस राशि का प्रबंध कॉरपोरेशन बैंक लोन और दूसरे सॉफ्टलोन से हो सकेगा।
2 मार्च 2016 को योजना को मिली मंजूरी
राज्य सरकार ने दो मार्च 2016 को पटना मेट्रो की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) को अपनी मंजूरी दी थी। सितंबर 2016 में इसे शहरी विकास मंत्रालय को सौंपा गया। इस परियोजना का डीपीआर राइट्स कंपनी ने बनाया है। मंत्रालय ने राज्य सरकार को मेट्रो रेल पॉलिसी बनाने को कहा और इसके आधार पर फाइनल रिपोर्ट मांगी। जिसके बाद राज्य सरकार की सहमति प्राप्त करते हुए मेट्रो रेल पॉलिसी 2017 के प्रावधानों पर राज्य सरकार की प्रतिबद्धता के साथ पटना मेट्रो रेल प्रोजेक्ट का कार्यान्वयन एसपीवी मॉडल कराने के लिए डीपीआर, सीएमपी और अल्टरनेटिव एनालाइसिस सहित परियोजना प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा गया।