नल-जल योजना में टेंडर मामले पर बिहार के पीएचईडी मंत्री ने कहा, पहली नजर में कोई गड़बड़ी नहीं

कटिहार में उप मुख्यमंत्री के बेटे-बहू ने कराया है नल जल योजना का काम। उपमुख्‍यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने कहा कि उन्होंने बेटे को अब सरकारी ठीका लेने से कर दिया है मना। पीएचईडी मंत्री ने कहा-पहली नजर में कोई गड़बड़ी नहीं।

By Vyas ChandraEdited By: Publish:Wed, 22 Sep 2021 07:48 PM (IST) Updated:Wed, 22 Sep 2021 07:48 PM (IST)
नल-जल योजना में टेंडर मामले पर बिहार के पीएचईडी मंत्री ने कहा, पहली नजर में कोई गड़बड़ी नहीं
उपमुख्‍यमंत्री तारकिशोार प्रसाद एवं पीएचईडी मंत्री रामप्रीत पासवान। फाइल फोटो

पटना, राज्य ब्यूरो। लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण मंत्री रामप्रीत पासवान (PHED Minister Ramprit Paswan) ने कहा है कि उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद (Deputy CM Tar kishor Prasad) के स्वजन के हर घर नल का जल योजना में काम लेने के मामले में कोई गड़बड़ी नहीं है। अगर कोई शिकायत आई तो जरूर जांच करेंगे। लेकिन, सिर्फ इस बात के लिए जांच की कोई जरूरत नहीं है कि ठीका किसी राजनेता के स्वजन ने लिया है।मालूम हो कि उप मुख्यमंत्री के पुत्र और उनकी बहू ने कटिहार जिले में संचालित नल जल योजना का ठीका लिया था। इस पर उप मुख्यमंत्री ने भी अपनी सफाई दी है।

टेंडर में कोई भी ले सकता है हिस्‍सा, यह नई बात तो नहीं

विभागीय मंत्री ने कहा कि इसमें कोई नई बात नहीं है। जन-प्रतिनिधियों के स्वजन भी सरकारी टेंडर में आम लोगों की तरह हिस्सा ले सकते हैं। हां, हमें यह देखना होगा कि काम ठीक ढंग से हुआ कि नहीं। जहां तक कटिहार में इस योजना के कार्यान्वयन का सवाल है तो काम पूरा हो चुका है। घपले-घोटाले की कोई सूचना उनके संज्ञान में नहीं है। 

2019 में हुआ था टेंडर, तब केवल विधायक थे तारकिशोर प्रसाद 

लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के हिस्से की नल जल योजना का कुछ काम तारकिशोर प्रसाद के स्वजनों को मिला था। यह टेंडर 2019 में हुआ था। उस समय तारकिशोर प्रसाद मात्र विधायक थे। यानी वे मंत्रिमंडल के सदस्य नहीं थे। उन्होंने स्वीकार किया कि उनकी बहू और बेटे ने टेंडर के आधार पर नल जल योजना का काम किया है। कारोबार करने में कोई बुराई नहीं है। हालांकि, उप मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने अपने बेटे को साफ कह दिया कि वह सरकारी काम न ले। वैसे भी कटिहार में 28 सौ इकाइयों में इस योजना का काम हुआ है। इनमें से सिर्फ चार इकाइयों का काम हमारे स्वजनों ने लिया। 

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