कोविड वैक्‍सीन की दोनों डोज लेने के बाद भी अस्‍पताल पहुंचे लोग, पटना के बड़े डाक्‍टरों ने बताई इसकी वजह

कोविड वैक्‍सीन की दोनों डोज ले चुके लोग भी पहुंच रहे अस्पताल एम्स में गत एक माह में छह तो पीएमसीएच में पांच फीसद संक्रमित हुए भर्ती कोरोना बचाव उपायों की अनदेखी से वायरस बन रहा हल्के संक्रमण का कारण

By Shubh Narayan PathakEdited By: Publish:Fri, 30 Jul 2021 07:31 AM (IST) Updated:Fri, 30 Jul 2021 07:31 AM (IST)
कोविड वैक्‍सीन की दोनों डोज लेने के बाद भी अस्‍पताल पहुंचे लोग, पटना के बड़े डाक्‍टरों ने बताई इसकी वजह
कोरोना से बचाव के लिए सतर्कता जरूरी। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

पटना, जागरण संवाददाता। Bihar Corona Virus News: वैक्सीन की दो डोज ले चुके लोग कोरोना बचाव मानकों की अनदेखी के कारण संक्रमित होकर अस्पताल पहुंच रहे हैं। गत एक माह में एम्स में छह से अधिक और पीएमसीएच में भर्ती रोगियों के करीब पांच फीसद ऐसे थे जो वैक्सीन की दोनों डोज ले चुके थे। इनमें अधिकतर लोग चिकित्सक या फ्रंटलाइन वर्कर हैं। एम्स पटना के कोरोना नोडल पदाधिकारी डा. संजीव कुमार और पीएमसीएच के कोरोना नोडल पदाधिकारी डा. अरुण अजय के अनुसार वैक्सीन शरीर में वायरस के खतरनाक दुष्प्रभाव को रोकने का काम करती है न कि वह इन्हें शरीर में प्रवेश करने से। देश में अभी दी जा रहीं वैक्सीन डेल्टा प्लस वैरिएंट तक में प्रभावी हैं।

वैक्सीन के बाद भी दस फीसद हो सकते गंभीर रूप से बीमार

डा. संजीव कुमार के अनुसार दूसरी लहर का दुष्प्रभाव कम होने के बाद जुलाई माह में करीब 50 नए संक्रमित भर्ती किए गए हैं। इनमें से छह से अधिक लोगों को वैक्सीन की दूसरी डोज लिए एक माह से अधिक समय हो चुका था। हालांकि, इनमें से अधिकतर में गंभीर लक्षण नहीं थे लेकिन किसी  अन्य गंभीर रोग से पीडि़त व्यक्ति में ये गंभीर हो सकते हैं। सामान्यत: वैक्सीन की दोनों डोज ले चुके 10 फीसद लोगों में गंभीर परिणाम सामने आ सकते हैं। इनमें से 0.4 फीसद की मौत की भी आशंका है।

डाक्टरों की मौत से सबक लेने की जरूरत

डा. अरुण अजय ने बताया कि प्रदेश के जिन 157 डाक्टरों की मौत हुई है, इनमें से बहुत से लोग वैक्सीन की दोनों डोज ले चुके थे। भभुआ के मेडिकल अफसर की उम्र तो 35 वर्ष थी।

संक्रमित ने वैक्सीन ली या नहीं तैयार होगा डाटा

भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद का अनुमान है कि देश में वैक्सीन की दोनों डोज लेने वाले दस हजार लोगों में से चार लोग कोरोना संक्रमित हो सकते हैं। अब इसका राष्ट्रव्यापी आंकड़ा जुटाने के लिए प्रदेश में भी व्यवस्था की जा रही है।  स्वास्थ्य विभाग कोरोना की जांच कराने आने वालों से भी टीकाकरण की जानकारी लेकर डाटा में शामिल करेगा। वैक्सीन लेने के बाद संक्रमित लोगों की जेनेटिक सीक्वेंङ्क्षसग कराई जाएगी। 

जिले में औसतन हर दिन मिल रहे नौ संक्रमित

पटना एम्स, पीएमसीएच जैसे अस्पतालों के कोविड वार्ड भले ही खाली हो चुके हैं, लेकिन संक्रमितों के मिलने का क्रम जारी है। जिले में गत 12 दिन से हर दिन औसतन नौ नए संक्रमित मिल रहे हैं। बुधवार तक जिले में 78 संक्रमितों का उपचार चल रहा था। आइजीआइएमएस में 17 गंभीर रोगी भर्ती थे।

chat bot
आपका साथी