महिला सशक्तिकरण की मिसाल पेश कर रही शांति

बिहटा की शांति देवी मशरूम की खेती कर अन्य महिलाओं के लिए प्रेरणास्रोत बनी हुई हैं। दो महीने में पचास हजार से एक लाख तक कमा रहीं हैं।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 08 May 2021 05:48 PM (IST) Updated:Sat, 08 May 2021 05:48 PM (IST)
महिला सशक्तिकरण की मिसाल पेश कर रही शांति
महिला सशक्तिकरण की मिसाल पेश कर रही शांति

मिला रोजगार

पिछले लॉकडाउन में महज 1200 की जमा पूंजी से शुरू किया था कारोबार

यूट्यूब पर वीडियो देखकर खेती की ली जानकारी, अब कमा रही घर बैठे रवि शंकर, बिहटा: जहां चाह वहां राह। इस कहावत को बिहटा प्रखंड के पटेल हाल्ट की सवाजपुर निवासी शांति देवी ने हकीकत में बदल दिया है। घर में कामकाज के साथ बाहर निकलकर आर्थिक मोर्चे पर भी सशक्त भूमिका में दिख रही हैं। शांति इन दिनों मशरूम की खेती कर रहीं हैं। लोगों के बीच स्वावलंबन की मिसाल कायम कर अन्य महिला किसानों के लिए प्रेरणा स्त्रोत बनी हुई हैं। पति की मौत के बाद स्वालंबन बनने का लिया निर्णय: बीते सात साल पूर्व शांति देवी के पति के अकास्मिक मौत हो गयी। पति के निधन के बाद अपने व दो बेटों के साथ एक बेटी के भरण-पोषण की चिंता हो गई। आर्थिक तंगी से जूझने लगी। उस वक्त उसे इसे खत्म करने का निर्णय लिया। पहले जीविका से जुड़ी। स्वरोजगार के बारे में जाना। उसके बाद सिलाई-कढ़ाई शुरू की। फिर एक इंस्टिट्यूट में जाकर बच्चियों को सिलाई-कढ़ाई की जानकारी देने लगी। लॉकडाउन में काम बंद तो उगाने लगी मशरूम: पिछले साल लॉकडाउन में सारे धंधे बंद होने पर दुबारा फिर से आर्थिक तंगी की मार झेलने लगी, लेकिन शांति ने हार नहीं माना। घर बैठे अपने बेटे के साथ यूट्यूब पर मशरूम की खेती का वीडियो देखी। वीडियो देखकर मशरूम की खेती करने का निर्णय लिया। मौसम को मात देकर मशरूम की खेती बंद कमरे में शुरू करने का फैसला लिया। तब उसके पास महज 1200 रुपये थे। अपने छोटे से बेडरूम से ही इसकी शुरुआत की। अच्छी जानकारी नहीं मिलने के कारण पहली बार खेती खराब हो गयी। दोबारा प्रयास ने रंग लाया। जब उत्पादन अच्छा हुआ तो हौसला बढ़ा। दो महीने में 50 हजार से एक लाख तक की आमदनी: शांति ने बताया कि दो महीने में करीब पचास से एक लाख रुपए तक आमदनी घर बैठे हो रही है। सिर्फ 60 दिनों में मशरूम की अच्छी फसल तैयार की जा सकती है। बाजार में मशरूम 200 से लेकर 250 रुपये प्रतिकिलो तक बिक रहा है। मशरूम बिहटा के अलावा पटना तक सप्लाई हो रहा है। 10 किलोग्राम बीज में 100 पैकेट मशरूम तैयार किया जाता है। 10/12 क्षेत्रों में इसकी सप्लाई की जाती है। 150 रुपये में तैयार होता एक बैग

मशरूम उगाने में गेहूं की नमी भूसा, चुना, फ्लेक्सन पाउडर, प्लास्टिक का इस्तेमाल शांति करती है। उसने बताया कि एक बैग को तीन बार इस्तेमाल किया जा सकता है। पहली खेती में मशरूम ज्यादा फूलता है। जैसे-जैसे समय कम होता है, फसल में कुछ कमी आती है। एक बैग तैयार करने में 150 रुपये का खर्च आता है। ग्रुप बनाकर किया विस्तार: उत्पादन और बड़े पैमाने पर करने की इच्छा पर उन्होंने पहले तीन महिलाओ को साथ जोड़ा। उनके साथ मिलकर मशरूम की खेती करने की ठानी। तीनों ने बारह- बारह सौ की राशि मिलाकर 3600 रुपये का बीज लिया। कोरोना के कहर व देश में लॉकडाउन को मात दे गई। यह कारवां चलता गया और गांव कीमहिलाओं के लिए प्रेरणा बन गईं। अब इनके काम को देखेने के लिये दूरदराज से लोग आते रहते हैं। -------------------

पटेल हाल्ट के सवाजपुर गांव में महिलाओं द्वारा मशरूम की खेती करने की सूचना है। महिलाएं सशक्तिकरण की मिसाल पेश कर रही हैं। अन्य महिलाओं के लिए प्रेरणादायक बन गईं हैं। इस टीम को जीविका के समूह से जोड़ने का प्रयास होगा। महिलाएं छोटा लोन प्राप्तकर वृहद पैमाने पर खेती कर सकती हैं।

विशाल आनंद, बीडीओ, बिहटा

chat bot
आपका साथी