हरिद्वार में भीख मांगती मिली 27 साल से लापता पटना की महिला, हैरान कर देगी उसकी फिल्‍मी कहानी

पटना की एक महिला नाराज होकर 1993 में कहीं चली गई। इसके बाद अब जाकर वह हरिद्वार में भीख मांगते मिली है लेकिन उसने घर लौटने से इनकार कर दिया है। क्‍या है उसकी कहानी जानिए यहां।

By Amit AlokEdited By: Publish:Mon, 27 Jan 2020 04:39 PM (IST) Updated:Tue, 28 Jan 2020 11:48 PM (IST)
हरिद्वार में भीख मांगती मिली 27 साल से लापता पटना की महिला, हैरान कर देगी उसकी फिल्‍मी कहानी
हरिद्वार में भीख मांगती मिली 27 साल से लापता पटना की महिला, हैरान कर देगी उसकी फिल्‍मी कहानी

पटना/ हरिद्वार [जेएनएन]। किसी बात से नाराज एक महिला अचानक घर छोड़कर कहीं चली गई। स्‍वजनों ने खोजा, लेकिन नहीं मिली। जब 27 साल बाद वह हरिद्वार में भीख मांगते मिली तो उसने घर लौटने से इनकार कर दिया। बिल्कुल फिल्‍मी लगती यह कहानी पटना नगर निगम की कर्मचारी रही रामरती देवी उर्फ मुन्‍नी के जीवन की हकीकत है।

हरिद्वार में भीख मांगते मिली पटना की महिला

बिहार से 27 साल पहले लापता हुई पटना नगर निगम की एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी बहादराबाद (हरिद्वार) में भीख मांगती मिली। दरअसल, पटना से वृद्धा का भतीजा राकेश अपने रिश्तेदार से मिलने हरिद्वार गया था। बस से उतरकर जैसे ही उसकी नजर भीख मांग रही एक वृद्धा पर पड़ी, वह अवाक रह गया। वह 27 साल पहले लापता हुईं उसकी ताई थीं। वृद्धा ने भी उसे पहचान लिया,लेकिन घर लौटने से इनकार कर दिया। पुलिस ने अब उसके बेटे को हरिद्वार बुलाया है।

सुराग नहीं मिला तो मृत मान चुके थे स्वजन

पुलिस के मुताबिक, पटना नगर निगम में चतुर्थ श्रेणी कर्मी रामरति देवी उर्फ मुन्नी वर्ष 1993 में अचानक लापता हो गईं थीं। स्वजनों ने महिला की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। कई साल तक बिहार पुलिस के साथ उसकी ढूंढ-खोज भी की। अंतत: कोई सुराग नहीं मिला तो करीब 10 वर्ष पूर्व स्वजन मान चुके थे कि महिला की मौत हो गई होगी,लेकिन शनिवार को रामरति का अचानक फिल्मी अंदाज में अपने भतीजे से आमना-सामना हो गया।

पुलिस ने महिला के बेटे से संपर्क कर बुलाया

हरिद्वार के बहादराबाद में बस से उतरते ही पटना निवासी राकेश बस अड्डे में भीख मांग रही बुजुर्ग महिला को देखकर हैरान रह गया। राकेश ने उसे ताई कहकर पुकारा तो महिला ने भी 'हां बेटा' कहते हुए जवाब दिया। आमना-सामना होते ही दोनों एक-दूसरे को पहचान गए। राकेश ने रामरती को घर लौटने के लिए कहा तो उसने साफ मना कर दिया। तब राकेश उसे लेकर चंद कदम के फासले पर स्थित बहादराबाद कस्बा चौकी पहुंचा और पुलिस से सारा किस्सा बयां किया। इस पर पुलिस ने राकेश से रामरति के बेटे का मोबाइल नंबर लेकर उससे संपर्क किया। 

कहा: फांसी लगा दीजिए पर नहीं जाउंगी घर

रामरति के दो बेटे और दो बेटियां हैं। सभी की शादी हो चुकी है। रामरति की उम्र 76 वर्ष है। वह घर नहीं छोड़ती तो 16 साल पहले रिटायर्ड हो चुकी होती। वह करीब 10 साल से एक बाबा के साथ रहती है। उसने बताया कि चाहे फांसी लगा दीजिए, लेकिन घर नहीं लौटेगी। उसने बताया कि बीते कई वर्षों तक वह महाराष्ट्र, हिमाचल प्रदेश व उत्तराखंड के बदरीनाथ, केदारनाथ व ऋषिकेश में रही है। फिलहाल वह हरिद्वार में रह रही है।

एसपी ने की घटना की पुष्टि, कही ये बात

रामरति का भतीजा राकेश कुमार पटना विवि में लिपिक है। जब रामरति ने घर छोड़ा था, तब उसकी उम्र 15 साल थी। एसपी सिटी कमलेश उपाध्याय ने बताया कि रामरति किसी बात पर परिवार से नाराज होकर वर्ष 1993 में घर छोड़ दी थी। तब से वह भीख मांगकर जीवन गुजार रही है और घर भी नहीं लौटना चाहती। लिहाजा, उसके बेटे को बुलाया गया है।

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