पटना को पांच दिनों के बाद मिलेगा नया डिप्टी मेयर, कई संभावित चेहरे दौड़ से बाहर

मेयर सीता साहू अंतिम क्षण में पटना के डिप्टी मेयर का नाम घोषित करेंगी। 16 सितंबर को चुनाव होना है। डिप्टी मेयर बनने वाले अपने नाम पर मुहर लगवाने के लिए दौड़ लगा रहे हैं। राजधानी का राजनीतिक तापमान चढ़ गया है।

By Akshay PandeyEdited By: Publish:Sat, 11 Sep 2021 08:14 PM (IST) Updated:Sat, 11 Sep 2021 08:14 PM (IST)
पटना को पांच दिनों के बाद मिलेगा नया डिप्टी मेयर, कई संभावित चेहरे दौड़ से बाहर
पटना की मेयर सीता साहू। जागरण आर्काइव।

जागरण संवाददाता, पटना : पांच दिन बाद पटना को नया डिप्टी मेयर मिलेगा। डिप्टी मेयर कौन होगा, यह अभी साफ नहीं है। मेयर सीता साहू अंतिम क्षण नाम घोषित करेंगी। बताते चलें कि 16 सितंबर को चुनाव होना है। डिप्टी मेयर बनने वाले अपने नाम पर मुहर लगवाने के लिए दौड़ लगा रहे हैं। राजधानी का राजनीतिक तापमान चढ़ गया है। मेयर सीता साहू के चहेते और डिप्टी मेयर पद की दौड़ में सबसे आगे चल रहे डा. आशीष कुमार सिन्हा, इंद्रदीप चंद्रवंशी, मुन्ना जायसवाल ने अपने आप को इस दौड़ से कर लिया है।  अभी कई को कुर्बानी देनी पड़ सकती है। जानकारों का कहना है कि डिप्टी मेयर की दौड़ में अभी सुचित्रा सिंह और श्वेता राय का नाम आगे चल रहा है, लेकिन मेयर गुट से कौन डिप्टी मेयर का प्रत्याशी होगा, यह बता पाना मुश्किल हो गया है। अब तक विरोधी गुट से किसी का नाम सामने नहीं आ पाया है। मेयर प्रत्याशी के लिए चुनाव लड़ने वाली रागनी देवी भी डिप्टी मेयर पद का चुनाव लड़ सकती हैं। 

सभी की सहमति से होगा फैसला

मेयर सीता साहू अगले वर्ष होने वाले नगर निगम के चुनाव को देखते हुए सभी की सहमति से फैसला लेना चाह रही हैं। वे पार्षदों से बातचीत कर एक राय बनाने की कोशिश में हैं। अधिकांश पार्षदों ने मेयर को नाम तय करने को अधिकृत कर दिया है। 

पांच साल में तीसरी बार डिप्टी मेयर चुनाव

पांच साल के कार्यकाल के दौरान यह पटना नगर निगम का तीसरा डिप्टी मेयर का चुनाव होगा। 2017 में विनय कुमार पप्पू डिप्टी मेयर बने थे। अपने दो साल के कार्यकाल के अंतिम समय में उनकी मेयर से अनबन हो गयी। उन्हें डिप्टी मेयर की कुर्सी से हाथ धोना पड़ गया था। 2019 में डिप्टी मेयर के चुनाव में मीरा देवी लॉटरी में जीती। मेयर गुट के डा. आशीष रंजन सिन्हा 37 मत और मीरा देवी को 37 वोट मिले थे। बराबरी की स्थिति में लॉटरी निकाली गई थी। मेयर के साथ तालमेल नहीं कर सकीं। वे मेयर के विरोधी गुट की थीं, इसके चलते उन्हें दो साल के भीतर कुर्सी से हाथ धोना पड़ा। 30 जुलाई से डिप्टी मेयर का पद रिक्त है।  

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