शोध की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए पटना विश्वविद्यालय कृत संकल्पित: पीयू वीसी

पटना विश्वविद्यालय के यूजीसी ह्यूमन रिसोर्स डेवलपमेंट सेंटर द्वारा केंद्रीय पुस्तकालय सभागार में इंडक्शन कार्यक्रम आयोजित किया गया। कुलपति प्रो. गिरीश कुमार चौधरी ने कहा है कि विश्वविद्यालय शोध की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए कृत संकल्प है।

By Akshay PandeyEdited By: Publish:Thu, 28 Jan 2021 05:25 PM (IST) Updated:Thu, 28 Jan 2021 05:25 PM (IST)
शोध की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए पटना विश्वविद्यालय कृत संकल्पित: पीयू वीसी
केंद्रीय पुस्तकालय सभागार में आयोजित इंडक्शन कार्यक्रम को संबोधित करते अतिथि।

जागरण टीम, पटना। पटना विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. गिरीश कुमार चौधरी ने कहा है कि विश्वविद्यालय शोध की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए कृत संकल्प है। इसके लिए शिक्षकों को गुणवत्तापूर्ण अध्ययन-अध्यापन करना जरूरी है। कुलपति गुरुवार को पटना विश्वविद्यालय के यूजीसी ह्यूमन रिसोर्स डेवलपमेंट सेंटर द्वारा केंद्रीय पुस्तकालय सभागार में आयोजित इंडक्शन कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे। ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रोफेसर राजमणि प्रसाद सिन्हा अतिथि के रुप में पूर्व कुलपति (पटना विश्वविद्यालय) प्रोफेसर रास बिहारी प्रसाद सिंह मौजूद रहे I

शिक्षक बच्चों को बताए समाज से जुड़ने के तरीके

डॉ. शंकर कुमार ने कहा कि शिक्षक केवल अपने विषय को ही जाने, यह जरूरी नहीं होता, उसकी जिम्मेदारी बनती है कि वह बच्चों को समाज से जुड़ने के तरीके बताए। उन्होंने कहा कि शिक्षक यह नहीं कह सकता कि हम किसी खास विषय के जानकार हैं। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए यूजीसी ह्यूमन रिसोर्स डेवलपमेंट सेंटर के डायरेक्टर प्रोफेसर चंद्रमा सिंह ने मंच पर मौजूद तीनों अतिथि का धन्यवाद किया तथा इंडक्शन प्रोग्राम की महत्ता को बताय I कुलपति गिरीश कुमार चौधरी ने इंडक्शन प्रोग्राम का महत्व को बताते हुए कहा कि किस तरह हमारे समाज के लिए शिक्षकों को अपने विषय से इतर समाज की जानकारी होना कितना ज्यादा आवश्यक है, इस प्रोग्राम के माध्यम से शिक्षकों को हमें यह बता सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि हम अगर किसी संस्था को ज्वाइन करते हैं, तो सबसे पहले हमें उसका शॉर्ट एनालिसिस करना होता है। इसी एनालिसिस के दम पर ही हम संस्था को अच्छे से जान सकते हैं। 

समाज में योगदान देना जरूरी

पूर्व कुलपति प्रो रास बिहारी प्रसाद सिंह ने बताया कि हमारे समय मे ऐसे कार्यक्रम नहीं होते थे, साथ ही कहा कि अपने विषय के जानकार होना अलग बात है और समाज के लिए जागरुक हो कर जागृत करना अलग बात है। हम समाज मे कैसे अपना योगदान दे सकते हैं, इसको समझना बहुत जरूरी है। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता प्रो राज मणि प्रसाद सिन्हा (ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति) ने बताया कि टेक्नोलॉजी के बढ़ते स्तर से आजकल के शिक्षकों की चुनौतियां बढ़ गयी हैं।उन्हें हमेशा विद्यार्थियों के साथ विद्यार्थि बने रहना जरूरी है।

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