बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल और ओडिशा को नई शिक्षा नीति पर रास्‍ता दिखाएगा पटना विश्‍वविद्यालय

New Education Policy नई शिक्षा नीति के तहत शिक्षा क्षेत्र में होने वाले बदलाव को लेकर चार राज्यों के विश्वविद्यालयों को पटना विवि गाइड करेगा। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की ओर से पटना विश्वविद्यालय को जोन टू के रीजन दो का नोडल सेंटर मुख्यालय बनाया है।

By Shubh Narayan PathakEdited By: Publish:Sat, 04 Dec 2021 07:39 AM (IST) Updated:Sat, 04 Dec 2021 07:39 AM (IST)
बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल और ओडिशा को नई शिक्षा नीति पर रास्‍ता दिखाएगा पटना विश्‍वविद्यालय
पटना विश्‍वविद्यालय को मिली अहम जिम्‍मेदारी। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

पटना, जागरण संवाददाता। New Education Policy: नई शिक्षा नीति के तहत शिक्षा क्षेत्र में होने वाले बदलाव को लेकर चार राज्यों के विश्वविद्यालयों को पटना विवि गाइड करेगा। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की ओर से पटना विश्वविद्यालय को जोन टू के रीजन दो का नोडल सेंटर मुख्यालय बनाया है। इसके अधीन बिहार, ओडिशा, पश्चिम बंगाल एवं झारखंड के कालेजों में नई शिक्षा नीति के अधीन होने वाली परेशानी का समाधान व आवश्यक जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी। इसे लेकर शनिवार को पटना विवि में बैठक बुलाई गई है।

आज होगी पीयू की अहम बैठक

कुलपति प्रो. गिरीश कुमार चौधरी ने बताया कि नई शिक्षा नीति का कांसेप्ट पेपर तैयार करने को लेकर शनिवार को बैठक बुलाई गई है। इसमें बच्चों की पढ़ाई, चैलेंज, ग्रामीण इलाके में संस्थान की कमी व लिंगानुपात को देखते हुए क्या किया जा सकता है। इन मुद्दों पर चर्चा की जाएगी।

नई शिक्षा नीति पर पटना विवि करेगा चार राज्यों को गाइड बिहार, झारखंड, ओडिशा एवं पश्चिमी बंगाल के विश्वविद्यालयों को मिलेगा मार्गदर्शन 2023 से नई शिक्षा नीति लागू करने की चल रही कवायद केंद्र सरकार ने पटना विवि को बनाया जोन टू का नोडल सेंटर

मन के अनुसार पढ़ाई कर सकेंगे विद्यार्थी

कालेज आफ कामर्स के प्राचार्य प्रो. तपन कुमार शांडिल्य ने कहा कि नई शिक्षा नीति चुनौतियों भरा है। इसे 2023 से लागू कराया जाना है। अब पटना विवि कुलपति को समय-समय पर कार्यशाला आयोजित कर सभी राज्यों के विवि को गाइड करना होगा। इसके लिए विशेष टीम बनाकर आने वाली परेशानियों का निष्पादन करना होगा। पटना विवि का दायित्व बढ़ गया है। एएन कालेज प्राचार्य प्रो. एसपी शाही ने कहा कि नई शिक्षा नीति के तहत सिलेबस में परिवर्तन कर मातृभाषा में पढ़ाई कराना होगा। इसके लिए परीक्षा का आयोजन भी मातृभाषा में ही करानी होगी। इसके तहत विवि को एक्ट में परिवर्तन करना होगा। सिलेबस, परीक्षा प्रणाली में परिवर्तन के बाद ही इसे लागू किया जा सकेगा।

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