Patna Serial Blast: सुशील मोदी बोले- तब डीएम व डीजीपी को नहीं पता नहीं था कि धमाके हो रहे

Patna Serial Blast 2013 में पटना में हुई आतंकी घटना को लेकर राज्‍यसभा सदस्‍य और पूर्व उपमुख्‍यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि तब डीजीपी और पटना के डीएम को भी ब्‍लास्‍ट की जानकारी नहीं थी। उन्‍हें विदेश से बेटे ने फोन कर बताया था।

By Vyas ChandraEdited By: Publish:Wed, 27 Oct 2021 09:12 PM (IST) Updated:Wed, 27 Oct 2021 09:12 PM (IST)
Patna Serial Blast: सुशील मोदी बोले- तब डीएम व डीजीपी को नहीं पता नहीं था कि धमाके हो रहे
गांधी मैदान के दक्षिणी छोर पर बम बलास्ट के बाद उठता धुआं। छाया : जागरण अर्काइव।

पटना, राज्य ब्यूरो। Patna Serial Blast: राज्यसभा सदस्य व पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी (Ex Deputy CM Sushil Kumar Modi)  ने बताया कि 2013 में जब ब्‍लास्‍ट हुआ तो सबसे पहले विदेश में पढ़ाई कर रहे मेरे बेटे ने फोन कर बताया कि पटना रेलवे स्टेशन पर विस्फोट हो गया है। बेटे से सूचना मिलते ही मैंने पटना के डीएम (जिलाधिकारी) को फोन किया, लेकिन उन्हें कोई जानकारी नहीं थी। उस समय सुबह सवा दस बज रहे थे। डीजीपी (पुलिस महानिदेशक) अभयानंद को फोन लगाया। उन्होंने कहा कि ट्रक या बस का पहिया विस्फोट कर गया। इसी बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (तब गुजरात के मुख्यमंत्री) के पटना एयरपोर्ट पहुंचने की सूचना मिली।

रोकने के बावजूद सभा के लिए पहुंचे थे नरेंद्र मोदी  

सुशील मोदी ने बताया कि जब मैं एयरपोर्ट पहुंचा तो नरेन्द्र मोदी से जिला प्रशासन और आइबी के अधिकारी बार-बार सभा स्थल नहीं जाने का आग्रह कर रहे थे। ऐसी स्थिति में नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) ने आइबी और जिला प्रशासन के अधिकारियों से कहा कि अगर सभा स्थल नहीं जाऊंगा तो लोगों को शंका होगी और भगदड़ से बड़ी दुर्घटना हो सकती है।

संकट की स्थिति में और तेज चलता है मेरा दिमाग 

एयरपोर्ट से हम लोग जैसे ही मंच पर पहुंचे तो गांधी मैदान के चारों ओर धुआं ही धुआं दिख रहा था। फिर भी नरेन्द्र मोदी ने पूरे घंटे भर भाषण दिया। अंत में कहा कि सभी लोग शांतिपूर्ण तरीके से अपने-अपने घर जाइए। प्रधानमंत्री के रूप में जब बिहार आए तो मैंने उन्हें ध्यान दिलाया कि यही गांधी मैदान है, जहां आपकी सभा में धमाके हुए थे तो उन्होंने कहा कि ईश्वर की कृपा मेरे ऊपर रहती है। जब बड़ी विपत्ति आती है तो मेरा दिमाग और तेज चलने लगता है। शायद इसी वजह से मैं बड़े से बड़े संकट की घड़ी में स्थिति से निपटने में कामयाब हो जाता हूं।

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