पटना में स्‍टील कंपनी से लूट के मामले में एफआइआर कराने वाला ही गिरफ्तार, गहरी साजिश का भंडाफोड़

Patna Crime पटना के एग्‍जीबिशन रोड में लूट की सूचना मिलते ही एसएसपी सिटी एसपी डीएसपी सहित कई थानों की पुलिस दलबल के साथ घटनास्थल पर पहुंच गई। कैश कलेक्शन करने वाले कर्मी रवि से रुपये भरा बैग लूटा गया था। पुलिस ने उससे पूछताछ की।

By Shubh Narayan PathakEdited By: Publish:Fri, 10 Sep 2021 07:57 AM (IST) Updated:Fri, 10 Sep 2021 07:57 AM (IST)
पटना में स्‍टील कंपनी से लूट के मामले में एफआइआर कराने वाला ही गिरफ्तार, गहरी साजिश का भंडाफोड़
पटना में स्‍टील कंपनी से लूट मामले में एक गिरफ्तार। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

पटना, जागरण संवाददाता। Patna Crime: पटना में स्टील कंपनी अंकित मेटल एंड पावर लिमिटेड के एग्जीबिशन रोड स्थित कैश कलेक्शन आफिस से 57 लाख 49 हजार लूट मामले का मास्टरमाइंड कर्मचारी ही निकला। पुलिस ने एनटीपीसी थाना क्षेत्र के रैली गांव निवासी कर्मी रवि भास्कर को गिरफ्तार कर लिया है। उसने रुपये हड़पने के लिए अपने दो मित्र और एक रिश्तेदार के साथ लूट की योजना बनाई थी। पुलिस ने रवि की निशानदेही पर कदमकुआं स्थित बुद्ध मूर्ति के पास उसके भाई के घर से 39.80 लाख रुपये बरामद भी कर ली। शेष रकम व वारदात में शामिल दो अन्य साथियों की तलाश में पुलिस दबिश दे रही है। एसएसपी उपेंद्र कुमार शर्मा ने बताया कि एक सितंबर की शाम सात बजे किसी ने फोन कर बताया कि एग्जीबिशन रोड स्थित आनंद टावर के तीसरे फ्लोर पर 57 लाख की लूट हो गई है।

एग्‍जीबिशन रोड में हुई थी थी 57 लाख रुपए की लूट

एग्‍जीबिशन रोड में लूट की सूचना मिलते ही एसएसपी, सिटी एसपी, डीएसपी सहित कई थानों की पुलिस दलबल के साथ घटनास्थल पर पहुंच गई। कैश कलेक्शन करने वाले कर्मी रवि से रुपये भरा बैग लूटा गया था। पुलिस ने उससे पूछताछ की। उसने बताया कि कैश कलेक्शन कर स्कूटी से वह टावर के नीचे दोपहर बाद करीब 3:45 बजे पहुंचा। फिर वह आफिस जा रहा था तभी तीन अपराधी पीछे से आये। एक अपराधी बैग से शराब की बोतल को पास की खिड़की पर तोड़ा, और उसके ऊपर डाल दिया। उसे जला देने की धमकी देते हुए रुपये से भरा बैग लेकर तीनों फरार हो गए।

सवालों में उलझ गया कर्मी

एसएसपी की मानें तो कंपनी के अधिकारी केस दर्ज नहीं कराये थे, लेकिन पूरे मामले की जांच के लिए वह एक विशेष टीम गठित की गई। स्टाफ रवि के बयान पर प्राथमिकी दर्ज की गई। उससे पूछताछ हुई तो बयान में बार-बार अंतर देखा गया। टावर में लगे सीसीटीवी फुटेज से उसके बयान मेल नहीं खा रहे थे।

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