बिहार में मर चुके शख्‍स को जिंदा करने का 'खेल', अपनी जमीन बेचने के लिए 'भूत' लगा रहे चक्‍कर

बिहार की राजधानी पटना में फर्जीवाड़ा पकड़े जाने के बाद जेल भेजा गया जालसाज निबंधन कार्यालय के कर्मियों पर भी शक मृत को जीवित दिखा जमीन अपने नाम कराने का मामला सिटी एसपी ने कहा जालसाज और निबंधन कार्यालय की मिलीभगत की होगी जांच

By Shubh Narayan PathakEdited By: Publish:Wed, 24 Feb 2021 12:27 PM (IST) Updated:Wed, 24 Feb 2021 12:35 PM (IST)
बिहार में मर चुके शख्‍स को जिंदा करने का 'खेल', अपनी जमीन बेचने के लिए 'भूत' लगा रहे चक्‍कर
बिहार की राजधानी पटना में फर्जीवाड़े का मामला। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

फुलवारीशरीफ (पटना), संवाद सूत्र। Crime in Bihar: बिहार में एक शख्‍स को जमीन खरीदने और बेचने की लत लग गई। उसकी इस लत को पूरा करने के लिए दिवंगत हो चुके भूस्‍वामी भी पटना के रजिस्‍ट्री कार्यालय के चक्‍कर लगाने लगे। स्‍वर्गीय हो चुके लोगों ने धरती पर लौटकर अपनी जमीनें इस शख्‍स को अपनी जमीनें बेच दीं। लेकिन फर्जीवाड़े का जब भंडाफोड़ हुआ तो इस जमीनखोर के पापों का घड़ा फूटा और अब वह जेल में है।

निबंधन कार्यालय के कर्मचारियों पर भी शक

जमीन के नाम पर दर्जनों लोगों का करोड़ों डकारने के मामले में गिरफ्तार आरोपित पप्पू शर्मा को जेल भेज दिया गया। वहीं, इस मामले में मृत व्यक्ति को जीवित दिखा जमीन अपने नाम कराने के मामले में पुलिस को निबंधन कार्यालय के कुछ कर्मियों पर भी मिलीभगत का शक है। सिटी एसपी अशोक मिश्रा ने बताया कि जरूरत पड़ने पर पुलिस निबंधन कार्यालय के कर्मियों से भी पूछताछ करेगी।

रजिस्‍ट्रान ने कहा- जांच के बाद होगी कार्रवाई

वहीं, रजिस्ट्रार ने बताया कि क्रेता-विक्रेता के साथ आने वाले पहचानकर्ता की पहचान पर ही जमीन का निबंधन होता है। मृत व्यक्ति को अगर जीवित दिखाकर जमीन अपने नाम कराई गई है तो कागजातों की जांचोपरांत जालसाज के साथ पहचानकर्ता पर भी कार्रवाई की जाएगी। जालसाज से अगर निबंधन कार्यालय का अगर कोई कर्मी की मिलीभगत सामने आई तो उन पर भी कार्रवाई होगी।

अब तक करोड़ाें रुपये डकार चुका है यह शख्‍स

गौरतलब हो कि जानीपुर पुलिस ने पप्पू शर्मा को नौबतपुर से गिरफ्तार कर यह पर्दाफाश किया था कि पप्पू शर्मा जानीपुर, बेउर, फुलवारीशरीफ समेत कई थाना क्षेत्र में मधुबन सिटी के नाम पर जमीन दिखा कर दर्जनों लोगों से करोड़ों रुपये अबतक डकार चुका है। जालसाज का शिकार पुलिस अफसर से लेकर डॉक्टर तक बन चुके हैं। ऐसे लोगों को अपना पैसा लौटने की अधिक उम्‍मीद तो नहीं है, लेकिन आरोपित के जेल जाने का संतोष जरूर है।

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