Patna News: बिहार विज्ञान सम्मेलन में जुटे हैं आधा दर्जन देशों के वैज्ञानिक, जानें पटना में आज की हलचल

Patna News Today पटना में आज दिनभर कई बड़े आयोजन हैं। शहर में गुरुवार से आठवां बिहार विज्ञान सम्‍मेलन चल रहा है जिसमें कई देशों के वैज्ञानिक शामिल हो रहे हैं। इसके अलावा कालिदास रंगालय में नाट्य उत्‍सव भी चल रहा है।

By Shubh NpathakEdited By: Publish:Fri, 04 Dec 2020 06:29 AM (IST) Updated:Fri, 04 Dec 2020 06:29 AM (IST)
Patna News: बिहार विज्ञान सम्मेलन में जुटे हैं आधा दर्जन देशों के वैज्ञानिक, जानें पटना में आज की हलचल
आठवें बिहार विज्ञान सम्मेलन का राज्‍यपाल ने गुरुवार को किया था उद्घाटन। जागरण

पटना, जेएनएन। आठवां बिहार विज्ञान सम्मेलन का आयोजन पटना विश्वविद्यालय की ओर से चल रहा है। इसका शुभारंभ गुरुवार को राजभवन में राज्यपाल ने किया। शुक्रवार को समारोह में आधा दर्जन राज्यों के वैज्ञानिक शामिल होंगे। कार्यक्रम में ऑनलाइन रूप से यूएसए, कोरिया, यूके, सउदी अरब के वैज्ञानिक प्रमुख रूप से हिस्सा लेंगे। इससे पूर्व बुधवार को हुए कार्यक्रम में ऑनलाइन सेशन में डीवाइ पाटिल इंटरनेशनल विवि, पूणे के कुलपति प्रो. प्रभात रंजन ने न्यूक्लिर फ्यूजन रिएक्टर पर व्याख्यान दिया। इस दौरान उन्होंने 100 करोड़ के एक परियोजना का लोकार्पण किया। इस परियोजना में एक रिएक्टर बनाया जाएगा। जो देश के रक्षा सेवा में सहयोग करेगा। यूके के ग्लोब्ल हेल्थ एलायंस के चेयरमैन डॉ. राजे नारायण ने ऑनलाइन रूप से हृदय के फंक्शन के बारे में बताया। हावर्ड विवि के प्रो. अभिज्ञान सत्यम ने मेडिकल साइंस व्याख्यान दिया। ऑनलाइन रूप में राउरकेला विवि के प्रो. मुकेश कुमार गुप्ता, अबू धावी के प्रो. मो. जे जमाली आदि ने ऑनलाइन संबोधित किया। देश में चल रहा शोध का चौथा मॉडल

ज्ञान की सदी आने वाली है। इस सदी के लिए हमलोगों को रहना होगा। विभिन्न वर्गों में जिसको ज्यादा ज्ञान होगा, वहीं आगे बढ़ेगा। वह ही इस सदी का नेतृत्व करेगा। ये बातें गुरुवार को राजभवन में आयोजित आठवें बिहार विज्ञान सम्मेलन को संबोधित करते हुए परमाणु वैज्ञानिक पद्म विभूषण डॉ. अनिल काकोदकर ने कहीं। उन्होंने कहा कि अब तक बेसिक साइंस, अप्लाएड साइंस और बोर मॉडल को लेकर कार्य हो रहे थे। पोस्टर मॉडल बेसिक रिसर्च ही है। यह प्योर से हटकर है। एडिशन मॉडल अप्लाएड साइंस पर आधारित है। इसमें बेसिक व प्योर बेसिक रिसर्च के आधार पर कोई प्रोडक्ट बनाते हैं। जिसे एडिशन मॉडल कहते हैं। उन्होंने कहा कि अब चौथा मॉडल चलने लगा है। इसमें कोई साइंस नहीं है। इसमें रिसर्च पेपर लिखा जा रहा है। इसमें सत्यता कम होती है। ऐसे में लोगों को ध्यान देना चाहिए कि आने वाले भविष्य के लिए बेसिक व प्योर बेसिक मॉडल पर कार्य होना चाहिए। उन्होंने कहा कि स्टार्टअप कंपनियों से उत्पादन का रेसियों पूरे विश्व में भारत पहले स्थान पर है। ऐसे में इसमें विज्ञान को और ध्यान देने की जरूरत है।

पहला बिहार विज्ञान सम्‍मेलन भी पटना में हुआ था

कुलपति प्रो. गिरीश कुमार चौधरी ने कहा कि पहला बिहार साइंस सम्मेलन भी पटना विवि में हुआ था। आठवां भी यहां होना गौरव की बात है। बहुत जल्द ही पटना विवि के छात्रों को साइंस लैब की सौगात मिलेगी। इसका कार्य अंतिम चरण में है। विभूति विक्रम ने बेसिक थीम को लेकर जानकारी साझा किया। कहा कि बेसिक साइंस के प्रति लोगों की अभिरूचि कम हो रही है, जो साइंस व तकनीक के विकास के लिए बाधा है। स्वागत भाषण एलएनएमयू, दरभंगा की प्रति कुलपति प्रो. डॉली सिन्हा ने स्वागत भाषण दिया। संचालन डॉ. पुष्पांजलि खर्रे ने की, जबकि धन्यवाद ज्ञापन प्रतिकुलपति प्रो. अजय कुमार सिंह ने की। मौके पर राजभवन के प्रधान सचिव चैतन्य प्रसाद, संयोजक डॉ. वीरेंद्र कुमार, प्रो. परिमल खान भी थे। जाने आज का हलचल

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