बिहार को बेहतर बनाने के लिए इनोवेशन पर फोकस करेगा पटना आइआइटी, गांवों की बदलेगी सूरत

Patna IIT News प्रो. टीएन सिंह ने कहा कि बगल के गांव को भी रिसर्च के माध्यम से अच्छी सुविधाएं देंगे। कुछ स्थानीय गांवों का चयन कर गोद लिया जाएगा। इन गांवों में नई शिक्षा नीति के पालन के साथ गुणवत्तापूर्ण शिक्षण व्यवस्था का माडल तैयार किया जाएगा।

By Shubh Narayan PathakEdited By: Publish:Tue, 31 Aug 2021 08:40 AM (IST) Updated:Tue, 31 Aug 2021 08:40 AM (IST)
बिहार को बेहतर बनाने के लिए इनोवेशन पर फोकस करेगा पटना आइआइटी, गांवों की बदलेगी सूरत
पटना आइआइटी में नए निदेशक करेंगे योगदान। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

पटना, जागरण संवाददाता। Indian Institute of Technology: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) पटना में स्थानीय समस्याओं के निदान पर भी शोध होगा। बेहतर शिक्षण व शोध की बदौलत टाप 10 शिक्षण संस्थानों में आइआइटी पटना (IIT Patna) अपना नाम शुमार करेगा। ये बातें जागरण से आइआइटी पटना के नवनियुक्त निदेशक प्रो. त्रिलोक नाथ सिंह ने दैनिक जागरण से विशेष बातचीत में कहीं। प्रो. सिंह आइआइटी मुंबई (IIT Mumbai) के अर्थ साइंस विभाग (Earth Science Department) के प्राध्यापक हैं। वह अगले सप्ताह रिलीव होकर आइआइटी पटना में योगदान देंगे। खनिज विषय में विशेषज्ञता हासिल करने वाले प्रो. सिंह ने बताया कि उनका आरंभिक पठन-पाठन भिलाई में हुआ। इसके बाद वह बीएचयू के माइनिंग विभाग में प्राध्यापक रहे।

इनोवेशन के बल पर राज्य को करेंगे सपोर्ट

प्रो. सिंह ने 2003 में आइआइटी मुंबई के अर्थ साइंस डिपार्टमेंट में योगदान दिया। 2018 में महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ वाराणसी में कुलपति के रूप में योगदान दिया। 10 मई 2021 को वे फिर आइआइटी मुंबई लौट गए। इसके बाद आइआइटी पटना की जिम्मेदारी मिली। उन्होंने कहा कि यहां शिक्षकों को काफी दिनों से पदोन्नति नहीं मिली है। इसका भी समाधान करेंगे। इनोवेशन के बल पर राज्य को सपोर्ट करेंगे। बिहार के संदर्भ में खनन और खनिज के साथ ही पर्यावरण पर भी शोध होगा।

बिहार की स्थानीय समस्याओं पर भी आइआइटी में होगा शोध अगले सप्ताह आइआइटी पटना के नए निदेशक प्रो. टीएन सिंह करेंगे योगदान कहा-आसपास के कुछ गांवों को गोद लेकर बनाया जाएगा माडल विलेज

माडल बनेंगे आसपास के गांव

प्रो. टीएन सिंह ने कहा कि बगल के गांव को भी रिसर्च के माध्यम से अच्छी सुविधाएं देंगे। कुछ स्थानीय गांवों का चयन कर गोद लिया जाएगा। इन गांवों में नई शिक्षा नीति के पालन के साथ गुणवत्तापूर्ण शिक्षण व्यवस्था का माडल तैयार किया जाएगा। इसके तहत गोद लिए गए गांव को बेहतर शिक्षा के साथ ऊर्जा, पेयजल, सफाई में भी उत्कृष्ट बनाया जाएगा।

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