फ्री सेवा देने वाला पीएमसीएच प्रसव के लिए खरीदवा रहा 12 हजार रुपए की दवाएं, अधिकारी ने दिया ये तर्क
संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने के लिए सरकार सरकारी अस्पताल में प्रसव कराने पर प्रोत्साहन राशि देती है। दूसरी तरफ बिहार के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल पीएमसीएच में प्रसव के लिए पहुंचने वाले गरीब परिवारों से 12-12 हजार रुपये की दवाएं ही खरीदवा दी जा रही हैं।
पटना, जागरण संवाददाता। सुरक्षित संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने के लिए सरकार सरकारी अस्पताल में प्रसव कराने पर प्रोत्साहन राशि देती है। दूसरी तरफ, बिहार के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल पीएमसीएच में प्रसव के लिए पहुंचने वाले गरीब परिवारों से 12-12 हजार रुपये की दवाएं ही खरीदवा दी जा रही हैं। ऐसे एक मामले की शिकायत पहुंची तो स्वास्थ्य विभाग जांच में जुट गया है, लेकिन अस्पताल के अधिकारी का इस संबंध में बयान बेहद लापरवाही भरा और शर्मनाक है।
जवाब के लिए दो दिनों तक और इंतजार करेगा प्रशासन
पीएमसीएच के स्त्री एवं प्रसूति विभाग की ओर से प्रसव के लिए लगभग 12 हजार की दवाएं मंगाने के आरोप की जांच के लिए शनिवार को जिला प्रशासन की टीम पीएमसीएच पहुंची। जिलाधिकारी के निर्देश पर एडीएम, एसीएमओ पीएमसीएच पहुंचे। सबसे पहले स्त्री एवं प्रसूति विभाग के स्वास्थ्य प्रबंधक से बातचीत की गई। इसके बाद अधीक्षक डा. आइएस ठाकुर से जानकारी हासिल की। एसीएमओ ने बताया कि सात व 17 नवंबर को पीएमसीएच अधीक्षक को मामले में पक्ष जानने के लिए पत्र भेजा गया था। अधीक्षक कार्यालय की ओर से बताया गया कि कोई पत्र नहीं मिला है। इसके बाद एक और पत्र दिया गया है। अब पत्र का दो दिनों तक इंतजार किया जाएगा।
दवाएं नहीं रहने पर बाहर से खरीदते हैं मरीज
पीएमसीएच अधीक्षक की ओर से बताया गया कि जननी सुरक्षा योजना के तहत कोई विशेष इंतजाम दवा को लेकर नहीं है। बीएमएससीआइएल के माध्यम से दवाएं उपलब्ध होने पर ही मरीज को मुहैया कराई जाती है। दवाएं नहीं रहने पर उन्हें बाहर से खरीदना पड़ता है। एसीएमओ ने बताया कि अगले सप्ताह जांच रिपोर्ट सौंप दी जाएगी। बताया जाता है कि बीते दो-तीन महीने पहले एक पीडि़ता का पीएमसीएच में प्रसव हुआ था। इसमें डाक्टरों ने 12 हजार की दवाएं बाहर से खरीदारी करवाई। मामले की शिकायत डीएम से की। इसके बाद डीएम ने मामले की जांच के लिए एक कमेटी गठित की। अब कमेटी मामले की जांच कर रही है।