पटना हाईकोर्ट ने बिहार सरकार से कहा- कोरोना काल में मौत का आंकड़ा सार्वजनिक करें, 24 घंटे का दिया वक्‍त

पटना हाईकोर्ट ने कहा- जन्म-मृत्यु के आंकड़ों को जानना मौलिक अधिकार ऐसा प्रतीत होता है कि राज्य सरकार आंकड़ों को दिखाने के लिए इच्छुक नहीं पूछा- डिजिटल युग में पोर्टल को अपडेट क्‍यों नहीं करती है सरकार दो दिनों में सुधार का दिया निर्देश

By Shubh Narayan PathakEdited By: Publish:Fri, 18 Jun 2021 08:37 PM (IST) Updated:Fri, 18 Jun 2021 08:37 PM (IST)
पटना हाईकोर्ट ने बिहार सरकार से कहा- कोरोना काल में मौत का आंकड़ा सार्वजनिक करें, 24 घंटे का दिया वक्‍त
पटना हाई कोर्ट ने बिहार सरकार को दिया निर्देश। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

पटना, राज्य ब्यूरो। बिहार में कोरोना काल के दौरान हुई मृत्यु के आंकड़े आम जनता को उपलब्ध नहीं कराने पर राज्य सरकार पर पटना हाई कोर्ट ने नाराजगी जाहिर की है। अदालत ने कहा है कि जन्म-मृत्यु से संबंधित आंकड़ों के बारे में जानना नागरिकों का मौलिक अधिकार है। मुख्य न्यायाधीश संजय करोल और न्यायाधीश एस कुमार की खंडपीठ ने अपने आदेश में यह भी कहा है कि राज्य सरकार को सुनिश्चित करना चाहिए कि जन्म-मृत्यु से जुड़े सभी आंकड़े डिजिटल पोर्टल के जरिए नागरिकों को उपलब्ध हो सकें।

सरकार की नीयत पर कोर्ट ने उठाए सवाल

अदालत ने राज्य सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि कोरोना काल में हुई मृत्यु से संबंधित आंकड़ों को सरकार सार्वजनिक करने की इच्छुक नहीं है।आज के दौर में जब केंद्र एवं राज्य सरकार डिजिटल इंडिया को प्रमुख कार्यक्रम बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं, तो सरकार का कर्तव्य है कि राज्य की दस करोड़ से अधिक जनता को डिजिटल प्लेटफार्म पर कोरोना काल में हुई लोगों की मौत की सही संख्या उजागर करे। यह इसलिए भी जरूरी है कि मृतक के स्वजनों को सरकार की योजनाओं का लाभ मिल सके।

डिजिटल पोर्टल को नियमित अपडेट करें

खंडपीठ ने कहा कि राज्य सरकार अपने डिजिटल पोर्टल को नियमित रूप से अपडेट नहीं करती है। इन्हें नियमित तौर पर अपडेट किया जाना चाहिए। अदालत ने स्पष्ट किया कि जन्म-मृत्यु के निबंधन अधिनियम-1969 और सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 के तहत हर नागरिक को सूचना पाने का अधिकार है। सरकार को संतुलित दृष्टिकोण रखना चाहिए।

अदालत के आदेश कोरोना काल में हुई मृत्यु से संबंधित आंकड़ों को सार्वजनिक करना होगा। डिजिटल पोर्टल को नियमित और समय से अपडेट करना चाहिए। कोरोना काल में सभी प्रकार की मृत्यु के विवरण को रखना सरकार की जिम्मेदारी होगी। जन-प्रतिनिधि अपने क्षेत्र में 24 घंटे के अंदर मृतकों की संख्या के बारे में बताएं। राज्य के नीति निर्देशक तत्व के तहत सरकार सटीक जानकारी देने के लिए बाध्य है। जनता कोसंवैधानिक अधिकार द्वारा संवेदनशील बनाने के लिए राज्य सरकार सभी कदम उठाए। 2018 के बाद जो वार्षिक रिपोर्ट अपडेट के लिए लंबित है, उसे डिजिटल पोर्टल पर अगले दो महीनों के भीतर अपडेट किया जाना चाहिए।

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