बिहारः हाईकोर्ट ने एसटीईटी रिजल्ट पर लगी रोक हटाई, 37 हजार अभ्यर्थियों की नौकरी का रास्ता साफ

पटना हाईकोर्ट ने गुरुवार को माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा (एसटीईटी) के रिजल्ट प्रकाशन पर लगी रोक को हटा दिया है। रोक हटाए जाने के बाद माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक शिक्षकों की नियुक्ति का रास्ता साफ हो गया है।

By Akshay PandeyEdited By: Publish:Thu, 04 Mar 2021 08:53 PM (IST) Updated:Thu, 04 Mar 2021 08:53 PM (IST)
बिहारः हाईकोर्ट ने एसटीईटी रिजल्ट पर लगी रोक हटाई, 37 हजार अभ्यर्थियों की नौकरी का रास्ता साफ
पटना हाईकोर्ट ने गुरुवार को माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा (एसटीईटी) के रिजल्ट प्रकाशन पर लगी रोक को हटा दिया है।

राज्य ब्यूरो, पटना: पटना हाईकोर्ट ने गुरुवार को माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा (एसटीईटी) के रिजल्ट प्रकाशन पर लगी रोक को हटा दिया है। रोक हटाए जाने के बाद लगभग 37,000 माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक शिक्षकों की नियुक्ति का रास्ता साफ हो गया है। न्यायाधीश ए अमानुल्लाह की एकल पीठ ने गुरुवार को आदित्य प्रकाश द्वारा दायर याचिका को खारिज कर दिया।

बताते चलें कि पिछले साल 26 नवंबर को एसटीईटी की परीक्षा में विज्ञापन के अनुसार परीक्षा नहीं लिए जाने के कारण रिजल्ट के प्रकाशन पर रोक लगा दी गई थी, जिस कारण सैकड़ों छात्र नियुक्ति से वंचित हो गए थे। एसटीइटी की परीक्षा पहली बार जनवरी 2019 में ली गई थी। बाद में अनेक शिकायतों के बाद इस परीक्षा को रद्द कर दिया गया था। पुनः दूसरी बार नौ सितंबर से लेकर 21 सितंबर के बीच परीक्षा ली गई थी l 

परीक्षा को रद्द कराने का क्या था तर्क

याचिकाकर्ता ने न्यायालय को बताया था कि परीक्षा ऑनलाइन मोड से ली गई थी, इस वजह से अनेक अभ्यर्थी परीक्षा में इसलिए नहीं सफल हो पाए क्योंकि कंप्यूटर के माध्यम से परीक्षा ली गई, जोकि उचित नहीं था। सभी  अभ्यर्थी कंप्यूटर और नई तकनीक से वाकिफ नहीं थे। एसटीईटी की परीक्षा ऑफलाइन होनी चाहिए थी, ताकि सभी अभ्यर्थियों को एक समान मौका मिलता।

कोविड-19 के चलते यह सब हुआ...

बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के वरीय अधिवक्ता ललित किशोर एवं अधिवक्ता ज्ञान शंकर ने सम्मिलित रूप से कहा कि कोविड-19 के चलते यह सब हुआ। इसके लिए बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने राज्य सरकार से अनुमति भी ली थी। कोरोना काल में इस तरह की परीक्षा संभव नहीं थी। याचिकाकर्ता की ओर से यह भी आरोप लगाया गया था कि एसटीईटी की इस परीक्षा में सिलेबस का ख्याल नहीं किया गया था। सिलेबस में स्नातक और स्नातकोत्तर लेवल के सवाल पूछे गए थे। न्यायालय को यह भी बताया गया था कि यह वही छात्र हैं जो ऑनलाइन मोड की परीक्षा में असफल रहे हैं, इन्हें यह चुनौती देने का भी अधिकार नहीं है, जिसे अदालत ने स्वीकार किया और बिहार विद्यालय परीक्षा समिति को यथाशीघ्र रिजल्ट का प्रकाशन करने का भी आदेश दिया है।

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