पटना हाईकोर्ट ने फिजिकल सुनवाई के लिए जारी किया सख्त SOP, प्रवेश के लिए नए नियम जारी

पटना हाईकोर्ट में 27 सितंबर से फिजिकल सुनवाई के लिए सख्त एसओपी (मानक संचालन प्रक्रिया) लागू किया जा रहा है। इसके तहत सप्ताह में चार दिन फिजिकल कोर्ट और एक दिन आनलाइन सुनवाई होगी। कोर्ट परिसर एवं कोर्ट रूम में प्रवेश के लिए नए नियम तय किए गए हैं।

By Akshay PandeyEdited By: Publish:Fri, 24 Sep 2021 08:40 PM (IST) Updated:Fri, 24 Sep 2021 08:40 PM (IST)
पटना हाईकोर्ट ने फिजिकल सुनवाई के लिए जारी किया सख्त SOP, प्रवेश के लिए नए नियम जारी
पटना हाईकोर्ट ने फिजिकल सुनवाई के लिए एसओपी जारी किया है। सांकेतिक तस्वीर।

राज्य ब्यूरो, पटना: लंबे इंतजार के बाद पटना हाईकोर्ट में 27 सितंबर से फिजिकल सुनवाई होने जा रही है। इसके लिए पटना हाईकोर्ट प्रशासन की ओर से कोरोना के मद्देनजर सख्त एसओपी (मानक संचालन प्रक्रिया) लागू किया जा रहा है। इसके तहत सप्ताह में चार दिन फिजिकल कोर्ट और एक दिन आनलाइन सुनवाई होगी। कोर्ट परिसर एवं कोर्ट रूम में प्रवेश के लिए नए नियम तय किए गए हैं। पटना हाईकोर्ट के गेट संख्या एक से जजों के आने-जाने की व्यवस्था है, जबकि गेट संख्या तीन से अधिवक्ता, क्लर्क एवं स्टाफ का आना-जाना होगा।

गेट संख्या चार से पैदल चलने वाले कोर्ट परिसर में आ सकेंगे। प्रवेश करने वाले प्रत्येक व्यक्ति की थर्मल स्कैनिंग करने के बाद ही उसे कोर्ट परिसर में प्रवेश की अनुमति दी जाएगी। फ्लू, बुखार या खांसी जैसे लक्षण वाले व्यक्तियों को कोर्ट परिसर में आने की अनुमति नहीं होगी। परिसर और कोर्ट रूम में उन्हीं अधिवक्ता, क्लर्क और संबंधित लोगों को प्रवेश की अनुमति होगी, जिनका मुकदमा उस दिन सूचीबद्ध रहेगा। इस व्यवस्था को सही ढंग से लागू करने के लिए हाई कोर्ट प्रशासन द्वारा ई-पास जारी किया जाएगा। मास्क पहनने और शारीरिक दूरी के नियमों को सख्ती से पालन कराया जाएगा। हाई कोर्ट के तीनों अधिवक्ता संघों के दस-दस अधिवक्ता एसओपी के पालन के लिए मौजूद रहेंगे। मामले की सुनवाई खत्म होने के बाद संबंधित अधिवक्ता, क्लर्क एवं अन्य लोगों कोर्ट परिसर छोड़ देना होगा।

कैमूर के एडीजे शिव प्रसाद शुक्ला तत्काल प्रभाव से निलंबित

पटना हाई कोर्ट प्रशासन ने कैमूर (भभुआ) के एडिशनल डिस्ट्रिक्ट एंड सेशंस जज शिव प्रसाद शुक्ला को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। इनके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही अभी लंबित होने के कारण इन्हेंं निलंबित किया गया है। बिहार न्यायिक सेवा (क्लासिफिकेशन, कंट्रोल एंड अपील) नियम-2020 के उप नियम (1) में दी गई शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है। जांच के लंबित रहने या अगले आदेश तक शुक्ला भभुआ सिविल कोर्ट मुख्यालय से जुड़े रहेंगे। आदेश के मुताबिक निलंबन के दौरान बिना पूर्व अनुमति के मुख्यालय से बाहर नहीं जाएंगे। निलंबन की अवधि में शुक्ला बिहार सॢवस कोड के नियम 96 के तहत जीवन-यापन भत्ता के हकदार होंगे।

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