जमीन विवाद की शिकायत को लेकर पटना हाईकोर्ट का पुलिस को महत्वपूर्ण आदेश, जानें क्या कहा
हाईकोर्ट ने कहा है कि जमीनी विवाद में पुलिस को प्राथमिकी दर्ज करना ही होगा। अदालत ने कहा कि जमीनी विवाद की बात कह कर राज्य की पुलिस प्राथमिकी दर्ज करने से इनकार कर देती है यह उचित नहीं है।
राज्य ब्यूरो, पटना: पटना हाईकोर्ट ने सोमवार को जमीनी विवाद के एक मामले पर एफआइआर दर्ज नहीं किए जाने पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की है। हाईकोर्ट ने कहा है कि भूमि विवाद में पुलिस को प्राथमिकी दर्ज करनी ही होगी। न्यायाधीश संदीप कुमार ने अमरजीत राय एवं अन्य की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए उक्त निर्देश कोर्ट ने दिया। अदालत ने कहा कि जमीनी विवाद की बात कह कर राज्य की पुलिस प्राथमिकी दर्ज करने से इनकार कर देती है, ऐसा करना कहीं से भी उचित नहीं है। पुलिस का पहला दायित्व प्राथमिकी दर्ज करना है।
एफआइआर न दर्ज करना अपराधियों को संरक्षण देने के समान
शिकायत मिलने पर प्राथमिकी दर्ज नहीं करना एक तरह से अपराधियों को सीधा संरक्षण देने के समान है। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि अगर कोई भी व्यक्ति थाने में शिकायत लेकर आता है तो सबसे पहले पुलिस को प्राथमिकी दर्ज करनी चाहिए, न कि पहले शिकायत की जांच करने और शिकायत सही होने पर एफआइआर करने की बात कहना।
जांच में मामला निकले सही तो करें कानूनी कार्रवाई
पटना हाईकोर्ट ने कहा है कि पुलिस को शिकायत पर प्राथमिकी दर्ज कर अपना अनुसंधान शुरू कर देना चाहिए। जांच में अगर आरोप लगाने वाले की शिकायत सही होती है तो पुलिस को चाहिए कि वह अभियुक्तों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करे। कोर्ट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने देश की पुलिस को कई महत्त्वपूर्ण दिशा निर्देश जारी किया है। प्रदेश में सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देश का पालन नहीं किया जा रहा है। कोर्ट ने पूर्वी चंपारण के एसपी को सुप्रीम कोर्ट की ओर जारी दिशानिर्देश का पालन करने के बारे में जिले के सभी थानेदारों को निर्देश जारी करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन राज्य में पुलिस नहीं कर रही है। इस मामले पर अगली सुनवाई 15 दिसंबर को होगी।