पटना हाईकोर्ट ने दी वकीलों को राहत, अफसर नहीं मानते तो आइए अदालत; जानें क्या है मामला
घर के आगे ही नाला खोद दिया गया है। इसे लेकर पीडि़त हाईकोर्ट पहुंचा। सीजेएम ने सुनवाई करते हुए आदेश दिया। कहा- अफसर नहीं मानते हैं तो फिर कोर्ट आइए।
पटना, राज्य ब्यूरो। पटना हाईकोर्ट (Patna High Court) के उन दो वकीलों को मुख्य न्यायाधीश संजय करोल (CJM Sanjay Karol) की अध्यक्षता वाली दो सदस्यीय खंडपीठ से राहत मिल गई है, जिनके घर जाने की राह पूरी तरह से बंद हो गई थी। जिला प्रशासन ने रास्ते को खोदकर नहरनुमा बना दिया था। इस कारण वकीलों को सगे-संबंधियों के घर में आश्रय लेना पड़ा था। बाद में यह मामला पटना हाईकोर्ट पहुंचा। इसे लेकर बुधवार को सुनवाई हुई। इसके बाद मुख्य न्यायाधीश संजय करोल ने यह आदेश दिया।
खंडपीठ ने कहा कि कोई भी पदाधिकारी किसी के जीवन में बाधा नहीं डाल सकता है। सबको स्वतंत्रता से जीने का अधिकार है। अधिवक्ता राघवेंद्र कुमार सिंह और ओम प्रकाश राय ने याचिका दायर कर कहा था कि उनके घर तक आवाजाही के लिए रूपसपुर-दीघा नहर रोड के अलावा कोई अन्य रास्ता नहीं है।
उन्होंने यह भी कहा कि 17 जून को नाला बनाने के लिए उनके घर के सामने लगभग 10 फीट गहरा और 20 फीट चौड़ा गड्ढा खोद दिया गया, जिससे रास्ता बंद हो गया। स्वजनों के साथ वे दोनों एक महीने से अपने रिश्तेदार के घर रह रहे हैं। कोर्ट ने कहा कि यदि उनकी बात संबंधित अधिकारी नहीं मानते हैं तो वे फिर अदालत की शरण में आ जाएं।
बता दें कि जलजमाव से निजात के नाम पर पटना में कई जगहों पर नाला निर्माण के लिए नहरनुमा गड्ढा खोद दिया गया है। इसी तरह का मामला कंकड़बाग के अशोक नगर में भी है। खासकर रोड नंबर तीन के पास अभी भी गड्ढा बना हुआ है, जिससे फोर व्हीलर इस पार से उस पार नहीं जा सकता है। जबकि मेन रोड के गड्ढों को ढलाई करके ठीक किया गया है। बारिश होने पर लाेगों को पैदल चलना भी आफत हो जाता है। इधर पटना हाईकोर्ट के इस आदेश से वकीलों को राहत मिली है।