पटना हाई कोर्ट ने पूछा- जमीन अधिग्रहण के 528 करोड़ रुपये की राशि का भुगतान कब तक होगा
पटना हाई कोर्ट ने पटना-गया-डोभी नेशनल हाइवे-83 के विकास को लेकर दायर लोकहित याचिका पर सुनवाई करते हुए एनएचएआइ से जमीन अधिग्रहण पर मुआवजा देने और सड़क पर हुए अवैध निर्माण पर जवाब-तलब किया है। अगली सुनवाई दो सप्ताह बाद होगी।
राज्य ब्यूरो, पटना। पटना हाई कोर्ट ने पटना-गया-डोभी नेशनल हाइवे-83 के विकास को लेकर दायर लोकहित याचिका पर सुनवाई करते हुए एनएचएआइ से जमीन अधिग्रहण पर मुआवजा देने और सड़क पर हुए अवैध निर्माण पर जवाब-तलब किया है। अगली सुनवाई दो सप्ताह बाद होगी।
मुख्य न्यायाधीश संजय करोल एवं न्यायाधीश एस कुमार की खंडपीठ ने प्रतिज्ञा नामक संस्था द्वारा दायर लोकहित याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को बताने को कहा है कि पटना एवं जहानाबाद के बीच पडऩे वाले 25 अवैध निर्माणों को कब तक हटाया जाएगा, ताकि नेशनल हाइवे के निर्माण का कार्य सही ढंग से शुरू हो सके। खंडपीठ ने राज्य सरकार को यह भी बताने को कहा है कि अधिग्रहित भूमि के 455 करोड़ रुपये के मुआवजे की राशि का भुगतान एनएचएआइ को कब तक कर दिया जाएगा। खंडपीठ ने जमीन अधिग्रहण को लेकर दी जाने वाली मुआवजा राशि समेत अन्य मुद्दों पर हलफनामा दायर करने का निर्देश राज्य सरकार व एनएचएआइ को दिया है।
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने बताया कि पटना-गया-डोभी एनएच का फैलाव तकरीबन 127 किमी है, जिसमें 25 स्थानों पर अभी अतिक्रमण को हटाया जाना बाकी है। इस मामले में वर्ष 2012-13 में ही अधिसूचना जारी की गई थी, पर अब भूमि का मूल्य पहले की तुलना में काफी बढ़ चुका है। जब तक सरिस्ताबाद से नथूपुर के जमीन अधिग्रहण का मामला नहीं सुलझ जाता है, तबतक एनएच-83 के साथ ही साथ पटना बक्सर नेशनल हाइवे प्रोजेक्ट को भी आगे बढ़ाने में बाधा बनी रहेगी। दूसरी ओर पटना-बक्सर नेशनल हाईवे के बीच पटना से कोइलवर तक के प्रोजेक्ट को छोड़ दिए जाने के संबंध में भी कोर्ट को जानकारी दी गई। इस पर कोर्ट ने उक्त मामले में जमीन अधिग्रहण की राशि दिए जाने के संबंध में पूछा है कि लगभग 528 करोड़ रुपये के मुआवजा की राशि का भुगतान राज्य सरकार व एनएचएआइ द्वारा कब तक किया जाएगा।