मिल्खा सिंह के इशारे पर दौड़ा था पटना, 2017 में हाफ मैराथन को हरी झंडी दिखाने के लिए आए थे

मिल्खा सिंह ने पटना में भी वही बात दोहराई जो न जाने वह कितने सालों से कितने शहरों में कह चुके हैं। दरअसल वह उनकी टीस थी। अपने सामने दूसरे मिल्खा को देखने की। उन्होंने कहा था- मैं चाहता हूं कि कोई भारतीय एथलीट ओलंपिक में मेडल जीते।

By Shubh Narayan PathakEdited By: Publish:Sat, 19 Jun 2021 09:55 PM (IST) Updated:Sat, 19 Jun 2021 09:55 PM (IST)
मिल्खा सिंह के इशारे पर दौड़ा था पटना, 2017 में हाफ मैराथन को हरी झंडी दिखाने के लिए आए थे
पटना में मिल्‍खा सिंह के साथ स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री मंगल पांडेय की 2017 की तस्‍वीर। साभार: स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री

पटना, अरुण सिंह। साल 2017 था। दिसंबर के कोहरे में लिपटी सर्द सुबह। मगर इस सर्दी पर एक 87 साल के बुजुर्ग का जोश और जज्बा देखने लायक था। वह बुजुर्ग थे- 'उडऩ सिख' के नाम से मशहूर मिल्खा सिंह। मौका था पटना के गांधी मैदान में आयोजित हाफ मैराथन का। शहर के लोगों में पहली बार हो रहे हाफ मैराथन में शिरकत करने का उत्साह तो था ही, मगर उससे कहीं ज्यादा उत्साह उस एथलीट को देखने का था जिसे दुनिया फ्लाइंग सिख कहती है। दिसंबर की उस सुबह उम्र के उस दहलीज पर भी मिल्खा सिंह जोश और जज्बे से भरपूर लग रहे थे। उनकी आवाज में गजब का दमखम था। उनकी झंडी का इशारा मिलते ही पूरा पटना मानो सड़क पर दौडऩे उतर गया था।

बिहार में पैदा हो सकते हैं 100 मिल्खा

मिल्खा सिंह ने पटना में भी वही बात दोहराई जो न जाने वह कितने सालों से कितने शहरों में कह चुके हैं। दरअसल, वह उनकी टीस थी। अपने सामने दूसरे मिल्खा को देखने की। पटना आने पर उन्होंने कहा था- मैं चाहता हूं कि कोई भारतीय एथलीट ओलंपिक में मेडल जीते। जब उनसे बिहार का प्रसंग छेड़ा गया तो उन्होंने कहा कि बिहार में एक क्या, 100 मिल्खा पैदा हो सकते हैं। इसके लिए तैयारी की जरूरत है। इसके लिए उन्होंने एथलीट एकेडमी खोलने की सलाह भी दी थी।

देखने लायक थी मिल्खा सिंह की ऊर्जा

गांधी मैदान में हाफ मैराथन के मंच पर उनके साथ स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय भी मौजूद थे। मिल्खा सिंह को याद करते हुए वह कहते हैं-'मेरे लिए वह स्वर्णिम अवसर था। 87 वर्ष की उम्र में भी उनका एनर्जी लेवल देखने लायक था। उनकी बॉडी लैंग्वेज किसी युवा की तरह थी। उनसे लंबी बातचीत हुई। उनकी हर बात में देश का जिक्र होता था। वह देश के लिए पूरी तरह समर्पित थे।

17 दिसंबर 2017 को रविवार के दिन सुबह छह बजे 4000 एथलीटों को गांधी मैदान में हरी झंडी दिखाने से पूर्व उन्हें संबोधित करते हुए मिल्खा ने कहा था कि मैं बिहार की प्रतिभा का हमेशा से कायल रहा हूं। एनआइएस कोच अभिषेक कुमार समेत राज्य के तमाम एथलीटों ने उन्हें नमन करते हुए कहा कि मिल्खा सिंह बनना आसान नहीं है। उनकी हमलोगों से जो अपेक्षा थी उस पर खरा उतरने की जरूर कोशिश करेंगे।

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