आयुर्वेद के नुस्खों से कम होगा कोरोना संक्रमण का खतरा, जानिए पटना आयुर्वेद कॉलेज के प्राचार्य की सलाह
Corona Treatment according to Ayurveda Secrets कोरोना से बचाव और उपचार में आयुर्वेदक की पद्धति बेहद कारगर है। आयुर्वेद का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसके अमल से आप संक्रमित होने का खतरा काफी कम कर सकते हैं।
पटना, जागरण संवाददाता। How to make safe yourself from coronavirus infection: बिहार में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर तेजी से लोगों को अपनी चपेट में ले रही है। टीकाकरण व जांच की व्यवस्था व्यापक पैमाने पर की गई है। राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज के प्राचार्य वैद्य प्रो. दिनेश्वर प्रसाद ने कहा है कि महामारी के प्रथम दौर में भी पिछले वर्ष कोरोना की रोकथाम में आयुर्वेद की महत्वपूर्ण भूमिका रही। आयुष मंत्रालय के निर्देशानुसार आयुष काढ़ा, गिलोय धनवटी, संशामनी वटी, गर्मजल, हल्दी-दूध आदि का प्रयोग करने के साथ ही आसान-व्यायाम से भी लोगों ने प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाकर अपना बचाव किया। इस बार भी आयुर्वेद बचाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
कैसे करें बचाव प्रतिदिन 30 मिनट अनुलोम-विलोम एवं कपाल भाति प्राणायाम करें तुलसी, अजवाइन, अरदक, दालचीनी, गिलोय, मरीच आदि से बने 30 एमएल काढ़े का प्रतिदिन सेवन करें। इसमें तुलसी के आठ पत्ते, अजवाइन एक ग्राम और गिलोय पांच ग्राम डालना है। एक गिलास दूध में आधा चम्मच हल्दी पाउडर डालकर पीएं एक चम्मच च्यवनप्राश एवं दो गोली संशमनी वटी का प्रति दिन सेवन करें अणु तैल या षड्विंदु तैल नाक में दो बूंद प्रति दिन डालें
यह भी करें गर्म जल का वाष्प, गर्म पानी का गरारा, मास्क, शारीरिक दूरी का उपयोग करने के साथ ही साबुन से हाथ धोते रहना चाहिए। आइसक्रीम सहित ठंडी वस्तु का सेवन न करें। दस्त ज्यादा होने पर एक चम्मच कच्चा जीरा दो या तीन घंटे के अंतराल पर ले सकते हैं। चिकित्सकीय सलाह पर कुरजधन वटी, संजीवनी वटी आदि का भी उपयोग कर सकते हैं। खांसी होने पर सितोपलादि चूर्ण का उपयोग करें। तुलसी, गोलमिर्च, अजवाइन का काढ़ा भी चिकित्सकीय सलाह से कर सकते हैं। बुखार रहने पर संशमनी वटी, गिलोय धनवटी, लक्षीविलास रस, संजीवनी वटी का प्रयोग चिकित्सकीय सलाह से कर सकते हैं। कोरोना पीड़ित व्यक्ति सहजन का सूप, मूंग की दाल का सूप, पतली खिचड़ी, पतली दलिया, परवल का चोखा, गर्म तरल द्रव्य, अनारदाना चूर्ण आदि का अल्प मात्रा में सेवन कर सकते हैं। ऊष्णोदक तैयार कर घर में सभी को प्रयोग करना चाहिए। इसके लिए चार लीटर जल को आधा होने तक उबालें एवं बचा हुआ दो लीटर जल जब सामान्य गर्म रहे तो इसका उपयोग करें।