एसबीआइ का क्रेडिट कार्ड लेकर फंसा पटना का साफ्टवेयर इंजीनियर, रिसीव करते ही लगा एक लाख रुपए का चूना

Credit Card Fraud पटना में साइबर अपराधी ने इस बार साफ्टवेयर इंजीनियर और मोबाइल दुकानदार के खाते में सेंध लगाते हुए 1.29 लाख रुपये की निकासी कर ली है। ठगों ने ऐसा तरीका अपनाया कि साफ्टवेयर इंजीनियर भी समझ नहीं पाया।

By Shubh Narayan PathakEdited By: Publish:Sun, 05 Dec 2021 07:34 AM (IST) Updated:Sun, 05 Dec 2021 07:34 AM (IST)
एसबीआइ का क्रेडिट कार्ड लेकर फंसा पटना का साफ्टवेयर इंजीनियर, रिसीव करते ही लगा एक लाख रुपए का चूना
पटना में साइबर अपराधी ने की ठगी। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

पटना, जागरण संवाददाता। पटना में साइबर अपराधी ने इस बार साफ्टवेयर इंजीनियर और मोबाइल दुकानदार के खाते में सेंध लगाते हुए 1.29 लाख रुपये की निकासी कर ली है। पीरबहोर थाना क्षेत्र के रमना रोड निवासी इंजीनियर सलमान मल्लिक के क्रेडिट कार्ड से 97 हजार 248 रुपये की निकासी हो गई, वहीं न्यू बाईपास के जगनपुरा निवासी मोबाइल दुकानदार राजेश्वर प्रसाद के खाते से दो किश्तों में 32 हजार की जालसाजी हो गई। दोनों मामलों में लिखित शिकायत की गई है।

सलमान ने बताया कि जिस दिन क्रेडिट कार्ड मिला उसी दिन एक महिला ने अंजान नंबर से उन्हें फोन किया। उसने खुद को एसबीआइ कर्मी बताते हुए क्रेडिट कार्ड के अंतिम तीन डिजिट बताया। यकीन दिलाने के लिए क्रेडिट कार्ड का एक्सपायरी डेट भी बताया। लिमिट बढ़ाने की जानकारी देने के साथ ही बातों में उलझाकर ओटीपी पूछ लिया। कुछ देर बाद इंजीनियर के खाते से रुपये की निकासी हो गई।

वहीं, मोबाइल दुकानदार राजेश्वर के खाते से रात 11:46 बजे 19 हजार और रात 12:02 बजे 13 हजार की निकासी कर ली गई है। इस बात की उन्हें जानकारी सुबह तक हुई, जब उनकी नींद खुली और मोबाइल पर निकासी का मैसेज देखे। उन्होंने साइबर सेल में बताया कि उनके पास हाल के दिनों मे किसी ने फोन कर बैंक या एटीएम से जुड़ी जानकारी तक नहीं मांगी थी। किसी से एटीएम से जुड़ी जानकारी तक साझा नहीं किया था।

साइबर विशेषज्ञों की सलाह, लालच में पड़कर अनजान लिंक को ना खोलें

यदि कोई फोन कर आपको इनाम जीतने अथवा फ्री गिफ्ट देने की बात कह रहा है तो सावधान हो जाएं। वह साइबर अपराधी हो सकता है। राजधानी में इस तरह के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। झांसे में आते ही साइबर ठग लोगों के मोबाइल फोन पर ङ्क्षलक भेज उसमें जानकारी भरने को कहते हैं अथवा ओटीपी की जानकारी मांगते हैं। ऐसा करते ही लोगों के खाते से रुपये ठग के खाते में स्थानांतरित हो जाते हैं। विशेषज्ञों की सलाह है कि अनजान लिंक को कभी नहीं खोलें। वर्तमान में अधिकांश लोगों के पास इंटरनेट कनेक्शन वाला एंड्राइड मोबाइल फोन है। इस फोन की वजह से साइबर आसानी से ठगी को अंजाम दे रहे हैं। बस ठग को लोगों को अपने झांसे में लेना होता है।

कूरियर ब्‍वाय बनकर भी हो रही ठगी

गत दिनों साइबर ठग कूरियर ब्वाय बनाकर कदमकुआं निवासी कारोबारी के खाते से 75 हजार रुपये उड़ा लिए। वहीं, ओएलएक्स पर डाले गए विज्ञापन के माध्यम से संपर्क में आया ठग मेडिकल का नोट्स उपलब्ध करने के बहाने छात्र को पौने दो लाख रुपये का चूना लगा चुका है। बैंक अधिकारी बनकर केवाइसी अपडेट व अन्य बहाने से भी ठगी की कई घटनाएं हो चुकी हैं।  

ठगी में 15.2 प्रतिशत की आई वृद्धि

राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) द्वारा हाल में जारी डाटा भी पटना में साइबर ठगी के बढ़ते मामले की ओर पुष्टि कर रहे हैं। आकड़े के मुताबिक, पटना में साइबर ठगी के मामले साल दर साल बढ़ रहे हैं। वर्ष 2018 में राजधानी में साइबर ठगी के 115, 2019 में 202, जबकि 2020 में 312 मामले दर्ज किए गए थे। इसमें वर्ष में 15.2 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की की गई है। विशेषज्ञ बताते हैं कि साइबर अपराध के प्रति लोगों में काफी कम जागरूकता है। इसका फायदा ठग उठा रहे हैं।

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