पांच सौ की दवा चार हजार रुपए में दे रहा पटना एक अस्‍पताल, जिला प्रशासन ने दर्ज कराई प्राथमिकी

बिहार में कोविड मरीजों के इलाज में लूट मचाने वाले निजी अस्‍पतालों और जरूरी मेडिकल संसाधनों की कालाबाजारी करने वालों पर लगातार कार्रवाई की जा रही है। इसके लिए आर्थिक अपराध अनुसंधान इकाई (इओयू) और जिलों के प्रशासन को जिम्‍मेदारी सौंपी गई है।

By Shubh Narayan PathakEdited By: Publish:Tue, 18 May 2021 08:23 AM (IST) Updated:Tue, 18 May 2021 08:23 AM (IST)
पांच सौ की दवा चार हजार रुपए में दे रहा पटना एक अस्‍पताल, जिला प्रशासन ने दर्ज कराई प्राथमिकी
पटना के निजी अस्‍पताल के खिलाफ प्राथमिकी। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

पटना, जागरण संवाददाता। बिहार में कोविड मरीजों के इलाज में लूट मचाने वाले निजी अस्‍पतालों और जरूरी मेडिकल संसाधनों की कालाबाजारी करने वालों पर लगातार कार्रवाई की जा रही है। इसके लिए आर्थिक अपराध अनुसंधान इकाई (इओयू) और जिलों के प्रशासन को जिम्‍मेदारी सौंपी गई है। इसी कड़ी में पटना जिला प्रशासन ने कंकड़बाग स्थित श्याम हॉस्पिटल के खिलाफ सोमवार को प्राथमिकी दर्ज कराई है। अस्पताल पर मरीज के स्वजन से दवा, बेड और ऑक्सीजन के लिए सरकार द्वारा निर्धारित शुल्क के विरुद्ध अवैध वसूली का आरोप है। जिला प्रशासन की टीम ने रविवार को अस्पताल में छापेमारी के दौरान प्रबंधन के खिलाफ साक्ष्य और मरीज के स्वजन का बयान दर्ज किया था।

श्याम हॉस्पिटल के खिलाफ दर्ज हुई प्राथमिकी

मरीज के स्वजन से दवा व बेड के लिए अवैध वसूली का मामला

जिला प्रशासन की ओर से धावा दल ने की कार्रवाई

अनीसाबाद के एक अस्‍पताल को भी प्रशासन से नोटिस

जानकारी के अनुसार रविवार को जिला प्रशासन की टीम ने श्याम हॉस्पिटल के साथ अनीसाबाद स्थित निदान अस्पताल में छापेमारी की थी। निदान अस्पताल के प्रबंधन के खिलाफ मिली शिकायत के आधार पर नोटिस जारी की गई है। आगे की कार्रवाई के लिए मोहलत दी गई है। इससे पहले भी पटना के कई निजी अस्‍पतालों पर कार्रवाई हो चुकी है।

दवाओं के लिए कई गुना कीमत ले रहा था अस्‍पताल

जिलाधिकारी डॉ. चंद्रशेखर सिंह के अनुसार श्याम हॉस्पिटल के खिलाफ कंकड़बाग थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। धावा दल के दंडाधिकारी गौरव कुमार की रिपोर्ट के आधार पर आपदा प्रबंधन महामारी एक्ट के तहत प्राथमिकी हुई है। आरोप है कि मरीज के स्वजन से 500 से 1000 रुपये में मिलने वाली दवाई 4000 से अधिक कीमत वसूल किया जा रहा था। पैसा प्राप्ति का पक्का कैश मेमो नहीं दिया जा रहा था। मरीज के स्वजन से नकद राशि दबाव देकर लेने का आरोप लगाया गया है।

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