कोरोना से मौत के दावों की चार स्‍तर पर जांच कर रहा पटना का प्रशासन, अब तक 2178 मौत की पुष्टि

कोरोनावायरस महामारी से मौत का डाटा सरकार सुधार कर रही है। इसके लिए लोग दावे कर रहे हैं और जांच में सही पाए जाने पर ऐसी मौतों को सरकार अपने ब्‍योरे में जोड़ रही है। दरअसल सरकार कोविड से मौत पर चार लाख रुपये मुआवजा दे रही है।

By Shubh Narayan PathakEdited By: Publish:Sun, 20 Jun 2021 04:56 PM (IST) Updated:Sun, 20 Jun 2021 04:56 PM (IST)
कोरोना से मौत के दावों की चार स्‍तर पर जांच कर रहा पटना का प्रशासन, अब तक 2178 मौत की पुष्टि
पटना में कोरोना से मौत के दावों की चार स्‍तर पर जांच। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

पटना, जागरण संवाददाता। कोरोनावायरस महामारी से मौत का डाटा सरकार सुधार कर रही है। इसके लिए लोग दावे कर रहे हैं और जांच में सही पाए जाने पर ऐसी मौतों को सरकार अपने ब्‍योरे में जोड़ रही है। दरअसल सरकार कोविड से मौत पर चार लाख रुपये मुआवजा दे रही है। इस मुआवजे के भुगतान के लिए अब तक करीब 3136 आवेदकों का डाटा खंगाला जा चुका है। इस प्रक्रिया में करीब 2178 से अधिक मौत की पुष्टि कर ली गई है। अब तक कोरोना से हुई मौत के मामले में करीब 11 सौ से अधिक काननूी आश्रितों को मुआवजा राशि भुगतान की मंजूरी दे गई है। मिली जानकारी के अनुसार कोरोना से मौत पर मुआवजा के लिए चार स्तर का डाटा मिलान किया जा रहा है।

पटना के निजी अस्‍पतालों में 1178 लोगों की मौत की रिपोर्ट

पटना के निजी अस्पतालों में करीब 1178 लोगों की मौत की रिपोर्ट आई है। बिहार राज्य स्वास्थ्य समिति से करीब 1438 मामले आए है। जिला प्रशासन द्वारा जारी हेल्पलाइन पर आने वाले कॉल के आधार पर सत्यापन जारी है। मौत की पुष्टि के लिए अस्पतालों, श्मसान घाट पर जलाए गए शवों, टेलीफोन कॉल और स्वास्थ्य समिति के डाटा को जिला प्रशासन मिलान कर रहा है।

सत्यापन में बाधाएं

कोरोना के लक्षण दिखने के बाद लोगों ने जांच कराया तो अपना मोबाइल नंबर दर्ज कराया। पाजिटिव रिपोर्ट के बाद आइसोलेशन या अस्पताल में भर्ती हुए। अस्पताल में ले जाने वाले स्वजन, पड़ोसी, दोस्त या किसी और का नंबर दर्ज हो गया। यदि मौत हो गई तो श्मशान घाट पर कोई और नंबर लिखा दिया गया। मुआवजे के लिए सत्यापन में परेशानी का सबसे बड़ी बाधा संपर्क नंबर बन रहा है।

पड़ताल के बिंदु क्या हैं

जिला प्रशासन जांच घर, अस्पताल, श्मशान और आश्रित के नंबर पर कॉल कर रहा है। मृतक के नंबर और आधार लिंक नंबर अलग-अलग मिल रहे हैं। बार-बार मोबाइल नंबर बदलने के कारण बैंक खाता, आधार और वर्तमान में उपयोग करने वाला मैच नहीं कर रहा है। कई मामले में जब पूछा जाता है कि आपके घर में कोरोना से किसी की मौत हुई है तो सीधे नहीं में जवाब आता है। बाद में पता चलता है कि मृतक के पड़ोसी, ऑफिस के साथी और रिश्तेदार ने अस्पताल में भर्ती कराते समय अपना नंबर दे दिया था।

जानिए पटना के डीएम ने क्‍या कहा

पटना के डीएम डा. चंद्रशेखर सिंह ने बताया कि आपदा में मरने वाले लोगों के आश्रितों के लिए जिला प्रशासन ने फोन नंबर जारी किया गया है। कोई भी परेशानी हो तो कॉल कर सकते हैं। सिविल सर्जन और अंचल पदाधिकारी से सत्यापन के बाद कानूनी आश्रित के खाते में मुआवजा भुगतान जारी है।

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