Patna Flood Helpline Number: पटना के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में मिलेंगी दवाएं, इस नंबर पर करें फोन
Patna Flood Helpline Number पटना में बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के लिए एंटी स्नेक वेनम इंजेक्शन एंटी रैबिज डायरिया और बुखार सहित 54 प्रकार की जरूरी दवाओं की व्यवस्था की गई है। राहत शिविर में पशुओं के लिए चारा चोकर और गेहूं का भूसा के भंडारण का निर्देश दिया गया है।
पटना, जितेंद्र कुमार। Patna Flood News: पटना जिले में बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के लिए एंटी स्नेक वेनम इंजेक्शन, एंटी रैबिज, डायरिया और बुखार सहित 54 प्रकार की जरूरी दवाओं की व्यवस्था की गई है। राहत शिविर में पशुओं के लिए चारा, चोकर और गेहूं का भूसा के भंडारण का निर्देश दिया गया है। बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए आपदा प्रबंधन का फोन नंबर जारी कर दिया गया है। जिले में बाढ़ से 20 प्रखंड प्रभावित होते हैं। इन क्षेत्रों के लिए दवाओं का प्रबंध करने की जिम्मेदारी सिविल सर्जन को सौंपी गई है। बाढ़ आने पर सर्प दंश और जंगली जानवरों के काटने का खतरा बढ़ जाता है। जिले में 853 एंटी स्नेक वेनम इंजेक्शन उपलब्ध हैं। एंटी रैबिज की 105 डोज के अलावा 49 बैग ब्लीङ्क्षचग पाउडर और 119 बैग चूना उपलब्ध है। डायरिया, बुखार के अलावा बाढ़ और बारिश के कारण होने वाली बीमारी से बचाव के लिए आवश्यक दवाओं का आकलन कर लिया गया है।
जिले में पानी को शुद्ध करने के लिए हैलोजन टैबलेट का उपयोग किया जाता है, लेकिन उपलब्ध नहीं है। ओआरएस का 8.28 लाख पैकेट, दस्त रोकने की 20,500 टैबलेट और 2,136 इंजेक्शन उपलब्ध है। बुखार के लिए पारासिटामोल की 63188, सोडियम क्लोराइड की 1856, कंपाउंड सोडियम की 4776 और सोडियम डेक्ट्रोज की संख्या 8616 उपलब्ध है।
पशुओं के लिए इंतजाम
संभावित बाढ़ क्षेत्र में पशुओं के लिए चारा का प्रबंध किया जा रहा है। जिला पशुपालन पदाधिकारी को 1099 क्विंटल पुआल कुट्टी, 1230 ङ्क्षक्वटल गेहूं का भूसा और 2380 ङ्क्षक्वटल गेहूं का चोकर के प्रबंध करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। पशु चिकित्सालय, बाढ़ सहायता केंद्रों और प्रखंड स्तर पर डाक्टर और दवा का प्रबंध करने को कहा गया है।
पटना के डीएम डा चंद्रशेखर सिंह ने बताया कि संभावित बाढ़ से बचाव-राहत के लिए नाव, स्पीड मोटर बोट, राहत शिविर, दवा, पालीथिन, टैंट, पेयजल, राशन और पशु चारा के लिए अलग-अलग कोषांग को जिम्मेदारी सौंपी गई है। कोरोना मानक का पालन करते हुए बचाव-राहत दल कार्य करेगा। बाढ़ से प्रभावित लोगों को सुरक्षित जगह पर पहुंचाने और कोविड मानक के अनुसार रहने, खाने और अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएगी।