पटना नगर निगम में ड्रामे का हुआ अंत, डिप्टी मेयर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पास

पटना की डिप्टी मेयर मीरा देवी की कुर्सी शुक्रवार को चली गई। अपने दावे से उलट जादुई आंकड़े को उनका गुट छू न सका। अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में 38 मत पड़े जबकि विपक्ष में केवल दो वोट दिए गए। 14 मत रद कर दिए गए।

By Akshay PandeyEdited By: Publish:Fri, 30 Jul 2021 04:59 PM (IST) Updated:Fri, 30 Jul 2021 04:59 PM (IST)
पटना नगर निगम में ड्रामे का हुआ अंत, डिप्टी मेयर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पास
बांकीपुर अंचल सभागार में मेयर सीता साहू के साथ पार्षद।

जागरण संवाददाता, पटना : डिप्टी मेयर मीरा देवी अपनी कुर्सी नहीं बचा पाईं। उनके विरुद्ध लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर विशेष बैठक में 58 पार्षदों ने हिस्सा लिया। समर्थन में 38 और विरोध में दो मत पड़े, जबकि 14 मत रद कर दिए गए। इस दौरान 16 पार्षद अनुपस्थित थे। मेयर सीता साहु और डिप्टी मेयर मीरा देवी ने वोटिंग नहीं कीं। पटना नगर निगम के बांकीपुर अंचल सभागार में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच शुक्रवार को अविश्वास प्रस्ताव पर विशेष बैठक हुई। जादुई आंकड़ा 38 था। एक भी कम मत पडऩे की स्थिति में डिप्टी मेयर की कुर्सी बच जाती। मतदान के बाद परिणाम की घोषणा नगर आयुक्त हिमांशु शर्मा ने की। डिप्टी मेयर मीरा देवी और पूर्व डिप्टी मेयर विनय कुमार पप्पू परिणाम की घोषणा होते ही सभागार से उठकर बाहर निकल गए। 

दो पार्षदों ने किया बहिष्कार

वार्ड 28 के पार्षद विनय कुमार पप्पू और 29 की पार्षद अर्चना राय ने मतदान का बहिष्कार किया। आरोप लगाया कि वर्तमान समय अविश्वास प्रस्ताव लाने का नहीं था।

पद का दुरुपयोग कर रहीं थीं मीरा देवी : मेयर

मेयर सीता साहु ने विशेष बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि डिप्टी मेयर विकास कार्य में बाधक थीं। पद का दुरुपयोग करती रहती थीं। विधायक मद से बनी सड़क के स्थान पर पैसे निकालना चाह रही थीं। सस्ती लोकप्रियता के लिए पार्षदों को गुमराह करती थीं। आउटसोर्सिंग और योजना के मुद्दे पर पार्षदों को दिगभ्रमित करने का प्रयास करती थीं। निगम की छवि धुमिल करने हम पर आरोप लगाती थीं। नाकारात्मक सोच वाले अकर्मण्य पदाधिकारियों को हटाने के सवाल पर दोहरा चरित्र अपनाती थीं। ऐसी डिप्टी मेयर से निगम बदनाम हो रहा था। 

नगर निगम को नरक बना दीं मेयर : मीरा देवी

डिप्टी मेयर की कुर्सी गंवाने वाली मीरा देवी ने महापौर सीता साहु पर आरोप लगाया कि इनके कार्यकाल में नगर निगम क्षेत्र नरक बन गया है। निगम का अपना कर्मी नहीं है। तृतीय और चतुर्थ वर्गीय कर्मियों की बहाली नहीं करने के कारण राज्य सरकार यह अधिकार वापस ले ली है। महापौर ने मनगढ़ंत आरोप लगाया है। डिप्टी मेयर में कार्यपालिका का कोई अधिकार नहीं है। सभी कार्य मेयर के माध्यम से होना है। सभी कार्यों के लिए मेयर दोषी हैं। मैं विकास में बाधक नहीं बनीं। स्टैंडिंग कमेटी के नौ सदस्यों में अकेले मैं कैसे विरोध कर सकती थी। मेयर को कुर्सी पर बने रहने का अधिकार नहीं है। इन्हें अपने पद से त्यागपत्र दे देना चाहिए। अपने वार्ड में मेयर और नगर आयुक्त से जाने का आग्रह करती रह गयी। सभी आरोप निराधार है। 

निगम की छवि धूमिल कर रहीं थीं मीरा देवी : डा. आशीष

सशक्त स्थायी समिति के सदस्य डा. आशीष सिन्हा और इंद्रदीप चंद्रवंशी ने अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में बोलते हुए कहा कि हमलोग चाहते थे कि तालमेल करके विकास कार्य को आगे बढ़ाया जाए। मीरा देवी हमेशा राजनीति करती रहीं। पटना नगर निगम की छवि को धूमिल कर दीं। जलपर्षद के कार्यपालक अभियंता को हटाने के मुद्दे पर सदन में साथ थीं, जबकि बाहर में उसका बचाव। महापौर के चार वर्षों के कार्यकाल में पटना शहर में काफी बदलाव हुआ है।

हमेशा जनता के पक्ष में खड़ा रहूंगा : विनय कुमार

पूर्व महापौर विनय कुमार पप्पू ने कहा कि गाड़ी वाला आएगा, बार-बार यह कहकर कचरा मुक्त शहर नहीं होगा। कचरा वसूली की व्यवस्था सुदृढ़ करने के बाद शुल्क लेना चाहिए। हमेशा जनता के पक्ष में खड़ा रहूंगा। डिप्टी मेयर पर लगाए गए आरोप मनगढ़ंत हैं। 

व्हीलचेयर से पहुंचीं मतदान करने

वार्ड छह की पार्षद धनराज देवी और वार्ड 15 की पार्षद उर्मिला सिंह व्हीलचेयर से मतदान करने पहुंचीं। दोनों अस्वस्थ चल रही हैं। बैठक शुरू होते ही धनराज देवी आ गईं। पुन: वापस चलीं गईं और फिर मतदान के समय आईं। 

होटल पनास में ठहरे थे मेयर गुट के पार्षद

मेयर गुट के पार्षद होटल पनास में ठहरे थे। विशेष बैठक में हिस्सा लेने के बाद होटल पनास में भोज का आयोजन हुआ। पार्षदों ने मेयर के कार्यो की सराहना की। 

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