मोटी रकम मिले तो किसी का भी कर देंगे मर्डर, पटना के इन युवाओं में अपराध का बढ़ता पैशन बढ़ा रहा चिंता
Crime Alert पटना में पकड़े जा रहे शूटरों का नहीं मिल रहा आपराधिक इतिहास अधिकांश नहीं है पेशेवर मामूली रकम मिलने पर भी उठा ले रहे हथियार मोना रिमझिम की हत्या और ट्रेनर को जख्मी मामले में हो चुका उजागर
पटना, जागरण संवाददाता। हाल के दिनों में हो रही वारदात का पर्दाफाश करने में पुलिस के सामने नई चुनौतियां आ रही हैं। हत्या की वजह और संदिग्ध का फुटेज तो पुलिस के हाथ लग जा रहा है, लेकिन उनका कोई आपराधिक इतिहास नहीं मिलने से परेशानी बढ़ जा रही है। रुपयों के लिए किसी छोटी घटना में जेल जाने वाले शातिर भी हथियार उठा ले रहे हैं। पिछले दो साल में ऐसी आधा दर्जन से अधिक वारदातों का पुलिस पर्दाफाश कर चुकी है, जिसमें शूटर पहली बार हथियार उठाए और पकड़े गए।
हत्या और आधा दर्जन से अधिक चर्चित लूटकांड में पुलिस कई गिरफ्तारियां कीं, लेकिन किसी ऐसे गैंग का नाम सामने नहीं आया, जिसका रिकार्ड थानों में मिले। कहीं कोई कम दिनों में अमीर बनने के लिए हथियार उठा लिया तो किसी ने नशे और शौक पूरा करने के अपराध की दुनिया में कदम रखा। चर्चित मोना हत्या, ब्यूटीशियन रिमझिम हत्याकांड, पूर्व मंत्री के स्टाफ से 41.41 लाख लूट, शिवपुरी में ज्वेलर्स लूटकांड, जिम ट्रेनर पर फायङ्क्षरग जैसे कई अन्य मामले सामने आ चुके हैं, जिसमें फुटेज में दिखने वाले संदिग्ध की पहचान तभी हुई, लाइनर के पकड़े जाने पर पुलिस के हाथ आए।
पहली बार उठाया हथियार, मांगी मोटी रकम
23 नवंबर की शाम एसकेपुरी के सहदेव महतो मार्ग निवासी डाक्टर की ब्यूटीशियन पत्नी रिमझिम की नौबतपुर में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। पुलिस मुख्य आरोपित रोहित कुमार सहित छह अपराधियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा। पुलिस की मानें तो शूटर का फुटेज तो मिल गया, लेकिन चेहरा नया था। दो शूटर भी शामिल थे, जिनका नाम रंजीत और राहुल बताया गया। हैरानी की बात यह थी कि दोनों का किसी थाना में कोई भी आपराधिक इतिहास नहीं मिला। दोनों हत्या के एवज में मोटी रकम ली थी। दोनों पहली बार किसी के हत्या के एवज में रुपये लिए थे। 21 जनवरी को नौबतपुर-जानीपुर सीमा क्षेत्र में अधिवक्ता के मुंशी की हत्या कर दी गई। पुलिस छानबीन करते रही और नौबतपुर सहित आसपास के इलाकों के संदिग्ध से लेकर पूर्व में जेल जा चुके अपराधियों से पूछताछ करते रही।
पुलिस को संदेह था कि इसमें कोई पेशेवर अपराधी शामिल हैं, लेकिन जब मामले का पर्दाफाश हुआ तो गिफ्तार शूटर मनीष का कोई आपराधिक इतिहास नहीं मिला। जिम ट्रेनर पर फायङ्क्षरग मामले में पुलिस ने जिन शूटरों को गिरफ्तार किया उसमें शमशाद गोवा में राज मिस्त्री का काम करता था, जो पांच-छह माह पूर्व पटना आया था। आर्यन को घटना के एक दिन पहले सूरज लेकर आया था। जबकि अमन पटना में रहकर एमबीए की पढ़ाई करता है और डिलीवरी ब्याय का काम भी करता है। इसमें तीन शूटर का पटना के थानों में कोई आपराधिक रिकार्ड नहीं मिला था।
मूवी देखते देखते बनाई लूट की साजिश
सितंबर में शास्त्रीनगर थाना क्षेत्र के शिवपुरी स्थित महावीर ज्वेलर्स की दुकान में घुसकर पिस्टल के बल पर साढ़े तीन लाख की ज्वेलरी लूटने वाले चारों लुटेरों 12वीं के छात्र थे। पुलिस को किसी पेशेवर गिरोह पर शुरू में संदेह था। तकनीकी अनुसंधान और फुटेज के जरिए जब पुलिस अपराधियों तक पहुंची तो हैरान रह गई। तीनों एक लाज में रहकर पढ़ाई के नाम पर कमरा लिए थे। गिरफ्तार शुभम, करण और आदित्य सहित एक अन्य पकड़े गए, लेकिन इनका भी कोई आपराधिक इतिहास सामने नहीं आया। पटना के एसएसपी भी मानते हैं कि हाल के दिनों में कई मामलों का उद्भेदन किया गया, जिसमें में ऐसे आरोपित थे जिनका कोई आपराधिक इतिहास सामने नहीं आया। बावजूद ठोस साक्ष्य और तकनीकी अनुसंधान कर पुलिस उन तक पहुंच गई और उन्हें जेल भेजा गया।