पटना के कृषि अधिकारी की हत्‍या में कैसे हुआ 'विश्‍वास का खून', सोचने पर मजबूर कर देगी पूरी कहानी

मसौढ़ी के लापता कृषि अधिकारी की हत्या से पुलिस भी रह गई दंग जिसपर अधिकारी ने अपने परिवार से भी अधिक विश्‍वास किया उसी ने ले ली जान पुलिस को गुमराह करने के लिए रचा इतना स्‍वांग कि आप भी जानकर चौंक जाएंगे

By Shubh Narayan PathakEdited By: Publish:Mon, 25 Jan 2021 07:12 AM (IST) Updated:Mon, 25 Jan 2021 01:36 PM (IST)
पटना के कृषि अधिकारी की हत्‍या में कैसे हुआ 'विश्‍वास का खून', सोचने पर मजबूर कर देगी पूरी कहानी
पटना में प्रखंड कृषि अधिकारी की बेरहमी से हत्‍या। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

पटना/मसौढ़ी, जागरण टीम। Murder of Agriculture Officer in Patna: पटना जिले के मसौढ़ी में तैनात प्रखंड कृषि अधिकारी अजय कुमार के अपहरण के बाद हत्‍या की गुत्‍थी पुलिस ने सुलझा ही ली। हालांकि यह केस इतना आसान भी नहीं था। हत्‍या ऐसे शख्‍स ने की, जिसके काफी नजदीक कृषि अधिकारी ही नहीं, बल्कि उनका पूर‍िवार था। कहा तो यह भी जा रहा है कि हत्‍यारा कृषि अधिकारी के घर भी आता-जाता था। पुलिस को कुछ क्‍लू मिले और हत्‍यारे को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया तो उससे राज उगलवाने में भी काफी मशक्‍कत झेलनी पड़ी। उसने पुलिस को गुमराह करने की कोई कोशिश नहीं छोड़ी। लेकिन पुलिस की सख्‍ती के आगे आखिर उसने अपना मुंह खोला। पहले अपहरण और उसके बाद हत्‍या की बात कबूली। यह भी बताया कि हत्‍या कैसे की और शव को कहां छिपाया। उसी की निशानदेही पर अधिकारी का शव बरामद भी किया गया।

एक सप्‍ताह से लापता थे कृषि अधिकारी

एक सप्ताह से लापता मसौढ़ी के प्रखंड कृषि पदाधिकारी 54 वर्षीय अजय कुमार की हत्या कर शव को नदी किनारे गड्ढे में दफन कर दिया गया था। रविवार को धनरुआ थाना क्षेत्र के महमदपुर गांव से 500 मीटर दूर मोरहर नदी किनारे जमीन खोदकर पुलिस ने शव को बरामद किया। अपहरण कर हत्या के इस मामले के मुख्य आरोपित साहेबनगर, गौरीचक के खाद-बीज डीलर संजय सिंह के पुत्र गोलू कुमार को गिरफ्तार कर लिया गया है। अजय कुमार मूलरूप से लखीसराय जिले के बड़हिया थाना क्षेत्र के बढिय़ा गांव के निवासी थे। उनकी पत्नी पूनम ने 19 जनवरी को कंकड़बाग थाने में अपहरण की प्राथमिकी दर्ज कराई थी।

गोलू ने 17 जनवरी को भी अजय को किया था फोन

पूछताछ में पता चला है कि गोलू ने जमीन दिखाने के नाम पर अजय कुमार को फोन कर 18 जनवरी को कंकड़बाग थाना क्षेत्र के चांदमारी रोड स्थित बुद्धनगर रोड नंबर-दो से मसौढ़ी बुलाया था। उन्हें कार में बिठाया और दोपहर नदी किनारे ले गया। वहां दिनभर बंधक बनाकर रखा और शाम को खुरपी से सिर पर वारकर हत्या कर दी। वारदात में तीन अन्य लोग भी शामिल रहे। हत्या के बाद शव को वहीं गाड़ दिया गया। सिटी एसपी पूर्वी जितेंद्र कुमार ने बताया कि गोलू को गिरफ्तार कर लिया गया है। शव पीएमसीएच में पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया है। अन्य आरोपितों की तलाश की जा रही है। जांच में पता चला कि गोलू से अजय की जान-पहचान थी। कई बार वह गोलू के घर भी गए थे।

सात लाख रुपये का बाउचर बचाने के लिए हुई हत्या

गोलू से पूछताछ में पता चला है कि अजय कुमार का हिसाब-किताब वही रखता था। अजय उस पर विश्वास करते थे। इसकी खबर अजय के स्वजनों को नहीं थी। बताया जा रहा कि गोलू के एक करीबी को जमीन खरीदनी थी। गोलू को करीब सात लाख रुपये अजय कुमार को देना था, जो वह नहीं देना चाहता था। गोलू को यह पता था कि उन्हें जमीन खरीदनी है। जमीन दिखाने के नाम पर ही गोलू ने बीएओ को मसौढ़ी बुलाकर रास्ते से हटा देने की योजना बनाई, जिससे रुपया नहीं देना पड़े।

कई दिनों से रच रहा था हत्‍या की साजिश

मसौढ़ी के प्रखंड कृषि पदाधिकारी (बीएओ) अजय कुमार की हत्या की साजिश आरोपित गोलू कई दिनों से रच रहा था। उसके साथ तीन अन्य साथी भी शामिल थे। 18 जनवरी की सुबह करीब साढ़े नौ बजे जब अजय मसौढ़ी अनुमंडल चौराहे के पास पहुंचे, तब गोलू भी पीछे से ऑल्टो कार में अपने साथी के साथ था। वहीं, उन्हें जमीन दिखाने के लिए विश्वास में लेकर कार में बिठा लिया और दोपहर करीब 12 बजे मोरहर नदी के किनारे ले गया। वहां पहुंचकर उनकी पिटाई की और बंधक बना पास की झोपड़ी में कैद कर दिया। 

पुलिस को गुमराह करने के लिए पटना भिजवा दिया मोबाइल

अपहरण के बाद गोलू ने अजय का मोबाइल अपने पास रख लिया। यह दोपहर 12:30 बजे तक ऑन था। उसे इसकी जानकारी थी कि पुलिस अजय के मोबाइल की लोकेशन पता कर पहुंच सकती है। लिहाजा, उसने एक लड़के को एक हजार रुपये देकर मोबाइल को रामकृष्णा नगर थाना क्षेत्र में ले जाने को कहा, ताकि पुलिस गुमराह हो जाए।

शाम को फावड़ा लेकर नदी के किनारे पहुंचा गोलू

गोलू शाम में फावड़ा लेकर नदी किनारे पहुंच गया। पहले एक फीट का गड्ढा खोदा। फिर अजय की हत्या कर उसमें शव को दफना दिया। इधर, दूसरे दिन 19 जनवरी को जैसे ही अजय के स्वजन कंकड़बाग थाने में केस दर्ज कराने पहुंचे तो उसने खुद के एक्सीडेंट का नाटक किया। पैर में प्लास्टर बंधवाकर घर में बैठ गया, ताकि पुलिस संदेह न कर सके।

पुलिस को शनिवार की पूरी रात घुमाता रहा आरोपित

गोलू के पिता संजय के नाम से गौरीचक के लखना में किसान सेवा केंद्र चलता है, जिसमें बीज, खाद और कीटनाशक बिकता है। वह मसौढ़ी में भी कृषि कार्यालय के पास एक कमरे में बीज बेचता था। पुलिस ने अजय कुमार के मोबाइल नंबर का सीडीआर निकाला तो पता चला कि गोलू एक दिन पहले भी फोन किया था और 18 जनवरी की सुबह भी उसी से अजय की बात हुई थी। छानबीन में पता चला कि अजय की आखिरी लोकेशन शरमा गांव के पास मिली। पुलिस वहां पहुंची तो कुछ अहम जानकारी मिली। फिर पुलिस कृषि कार्यालय पहुंची। 

कृषि कार्यालय से ही पुलिस को मिला ठोस सुराग

कृषि कार्यालय के एक कर्मी ने पुलिस को बताया, ऑल्टो कार में गोलू और उसके साथ कुछ अन्य लोग सवार थे। पुलिस को यकीन हो गया कि कहीं न कहीं इसमें गोलू का कनेक्शन है। फिर पुलिस ने गोलू को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की तो उसने खुद का एक्सीडेंट होने की बात कह गुमराह किया। शनिवार की रात पुलिस ने उससे सख्ती से पूछताछ की तो उसने अपहरण की बात स्वीकारी। बताया कि बंधक बनाए हैं, लेकिन बार-बार ठिकाना गलत बता रहा था।

ग्रामीण ने एक एसआइ को दी गंध उठने की सूचना

सुबह करीब चार बजे महमदपुर गांव का एक ग्रामीण मोरहर नदी किनारे गया था। वहां उसे कुछ गंध समझ में आई। उसने गौरीचक थाने के एक एसआइ को फोन कर बताया कि नदी किनारे कुछ सड़ी हुई गंध आ रही है। फिर पुलिस ने सुबह का इंतजार किया। सुबह होते हुए पुलिस गोलू को साथ लेकर नदी किनारे गई। तब उसने बताया कि अजय की हत्या कर शव को यहीं दफना दिया है।

एसडीओ की मौजूदगी में जमीन से निकाला गया शव

गोलू के द्वारा अधिकारी की हत्‍या की बात कबूलते ही स्थानीय पुलिस ने सिटी एसपी पूर्वी को खबर दी। थोड़ी देर में धनरुआ सीओ ऋषि कुमार, मसौढ़ी एसडीओ अनिल कुमार, धनरुआ बीओ, एएसपी मसौढ़ी शुभम आर्य सहित आसपास के सभी थानों की पुलिस पहुंच गई। एसडीओ के सामने ही पुलिस ने जमीन खोदनी शुरू की। एक फीट खोदाई के बाद ही शव बरामद हो गया और शिनाख्त अजय के रूप में हुई। गोलू के बारे में बताया जा रहा कि उसने बीएओ से काफी रुपये ठगे हैं।

पत्नी व बच्चों को घंटों बाद दी गई हत्या की सूचना

अजय कुमार कंकड़बाग के बुद्धनगर रोड नंबर-दो में किराए के एक मकान में सेकेंड फ्लोर पर रहते थे। बेटी स्नेहलता बेंगलुरु में पढ़ाई करती है, जो लॉकडाउन के बाद से यहीं है। बेटा अभिषेक बीटेक कर चुका है। रविवार को जब पुलिस ने शव को बरामद कर लिया तो खबर बाद में दी गई। उन्हें बताया कि आप लोग पीएमसीएच पहुंचिए। यह खबर सुनकर पत्नी बेहोश हो गई और बच्चों का रो-रोकर बुरा हाल है।

chat bot
आपका साथी