Patna CoronaVirus News: हवन कुंड में आहुति डाल कोरोना संक्रमण से मुक्ति की कामना
ओम अग्नेय स्वाहा। ओम सोमाय स्वाहा। ओम प्रजापतये स्वाहा.. आदि मंत्रों के साथ पुरोहित व आचार्य हवन कुंड में अग्नि प्रज्ज्वलित कर आहुति दी। कोरोना महामारी के खात्मे को लेकर शहर के विभिन्न मंदिरों व गौशालाओं में मंगलवार को कृष्ण अष्टमी के दिन हवन यज्ञ कार्य संपन्न किया गया।
जागरण संवाददाता, पटना : ओम अग्नेय स्वाहा। ओम सोमाय स्वाहा। ओम प्रजापतये स्वाहा.. आदि मंत्रों के साथ पुरोहित व आचार्य हवन कुंड में अग्नि प्रज्ज्वलित कर आहुति देने में लगे थे। देश में कोरोना महामारी के खात्मे को लेकर शहर के विभिन्न मंदिरों व गौशालाओं में मंगलवार को कृष्ण अष्टमी के दिन हवन यज्ञ कार्य संपन्न किया गया।
राष्ट्रीय गौधन महासंघ के आह्वान पर पटना सिटी स्थित शक्तिपीठ छोटी पटन देवी, कंकड़बाग गायत्री मंदिर, विद्यापति मार्ग स्थित संत पशुपति वेद विद्यालय, श्रीकृष्णा गौशाला समेत अन्य जगहों पर वैदिक मंत्रों के साथ संक्रमण को दूर भगाने के लिए हवन किया गया। हवन कुुंड से निकलते धुएं और पंडितों के मुख से उच्चारित मंत्र आसपास के वातावरण को शुद्ध कर रहा था। हवन कार्य संपन्न करने को लेकर सुबह से ही विभिन्न जगहों पर लोग जुटे थे। शक्तिपीठ छोटी पटनदेवी गौशाला परिसर में पटनदेवीजी गौ मानस सेवा संस्थान की ओर से गौ पूजन कर पीठाचार्य अभिषेक अनंत द्विवेदी ने बीज मंत्रों से हवन किया। पुरोहितों ने दुर्गा सप्तशती के बीज मंत्रों के साथ हवन कुंड में वायरस संक्रमण को लेकर आहुति देते रहे। हवन के दौरान बाबा विवेक द्विवेदी, रवींद्र तिवारी, मनोज द्विवेदी, संतोष दुबे, पशुपति दुबे, श्रीपति द्विवेदी कृष्ण अष्टमी के मौके पर विधि विधान से हवन कर मां दुर्गा से वायरस को खत्म करने को लेकर प्रार्थना की।
विधि-विधान के साथ हवन कार्य संपन्न
संत पशपुति वेद विद्यालय के आचार्यों ने वैदिक मंत्रों से हवन कुंड में आहुति देकर संक्रमण से मुक्ति के लिए प्रार्थना की। हवन के दौरान वेद विद्यालय के प्राचार्य व आचार्य अक्षय तिवारी, गौतम ओझा, मोहन पांडेय, पंकज पांडेय आदि ने विधि-विधान के साथ हवन कार्य संपन्न किया।
हवन में कई आयुर्वेदिक सामग्री का इस्तेमाल
कंकड़बाग स्थित गायत्री मंदिर परिसर में संक्रमण के खात्मे को लेकर गायत्री युवा प्रकोष्ठ प्रभारी मनीष कुमार के निर्देशन में परिवार से जुड़े पुरोहित व श्रद्धालुओं ने हवन कुंड में अग्नि प्रज्ज्वलित कर मंत्रों के साथ आहुति देकर संक्रमण से मुक्ति के लिए प्रार्थना की। मनीष कुमार ने बताया कि हवन के दौरान धूप, गुगुल, गाय के गोबर से बने उपले के साथ जायफल, जावत्री, लौंग, तुलसी पत्र गाय के घी, समी वृक्ष की समीधा आदि का प्रयोग किया गया। आयुर्वेद के अनुसार इन सामग्री से हवन करने से वातारण शुद्ध होने के साथ वायरस के संक्रमण का भी प्रभाव कम होता है।