पटना के साहित्यकारों ने किस बात पर कहा- दूसरा बख्तियार खिलजी बनने का नहीं दिया जाएगा मौका
खुदाबख्श लाइब्रेरी देश-दुनिया की प्रमुख लाइब्रेरी मेें अपनी एक अलग पहचान रखती है। लाइब्रेरी में लार्ड कर्जन रीडिंग रूम किसी हेरिटेज बिल्डिंग से कम नहीं है। बिल्डिंग को ध्वस्त होने से बचाने को लेकर शहर की साहित्यिक संस्था आयाम आगे आई है।
पटना, जागरण संवाददाता। खुदाबख्श लाइब्रेरी देश-दुनिया की प्रमुख लाइब्रेरी मेें अपनी एक अलग पहचान रखती है। लाइब्रेरी में लार्ड कर्जन रीडिंग रूम किसी हेरिटेज बिल्डिंग से कम नहीं है। बिल्डिंग को ध्वस्त होने से बचाने को लेकर शहर की साहित्यिक संस्था 'आयाम' आगे आई है। संस्था की बैठक के दौरान सोमवार को पद्मश्री ऊषा किरण खान ने कहा कि फ्लाईओवर निर्माण कार्य को लेकर कर्जन रीडिंग रूम को ध्वस्त करना उचित नहीं है। इस पर सरकार को अपनी रणनीति बदलनी होगी। 12वीं शताब्दी में बख्तियार खिलजी ने प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय को जलाया था। इस कारण पूरी दुनिया का शैक्षणिक समुदाय अभी तक नहीं उबर पाया।
सरकार से किया पुनर्विचार का आग्रह
संस्था के लोगाें ने कहा कि बिहार की धरती पर पर दूसरा बख्तियार खिलजी को पनपने नहीं दिया जाएगा। यूनेस्को द्वारा घोषित लाइब्रेरी के भवन को तोड़ना अमानवीय कदम होगा। आयाम संस्था की सचिव वीणा अमृत ने कहा कि सरकार को तत्काल अपने निर्णय पर पुनर्विचार करने की जरूरत है। लेखिका भावना शेखर ने कहा कि इस पुस्तकालय को बचाने के लिए आयाम की सक्रिय भूमिका रहेगी।
कर्जन रीडिंग हॉल को तोडऩे से पहले सोचने की जरूरत संस्था आयाम के बैनर तले साहित्यकारों ने उठाई आवाज खुदाबख्श लाइब्रेरी की है अलग पहचान सरकार को बदलनी होगी अपनी रणनीतिकोषाध्यक्ष सौम्या सुमन ने कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि बिहार राज्य पुल निर्माण निगम द्वारा सरकार को अनावश्यक रूप से बदनाम करने की कोशिश हो रही है। संयुक्त सचिव सुनीता गुप्ता ने कहा कि सरकार को गायघाट की ओर से सड़क चौड़ीकरण और फ्लाईओवर निर्माण के बारे में सोचने की जरूरत है। फ्लाईओवर निर्माण को लेकर ऐतिहासिक लाइब्रेरी को तोडऩा उचित नहीं है। बैठक में लेखिका रानी सुमिता, नीलिमा सिंह, सुनीता गुप्ता, निवेदिता झा, आभा रानी, उषा झा, उषा सिन्हा, अर्चना त्रिपाठी, रीता सिंह, रानी श्रीवास्तव, विभा रानी श्रीवास्तव, शाइस्ता अंजुम, सुमेधा आदि ने भी अपने विचार दिए।