पटना में केवल 10 मिनट में मिल रही आरटी-पीसीआर रिपोर्ट, पूरा मामला जानकर डीएम भी चौंक गए

Bihar Crime पटना में सामने आया कोविड जांच का बड़ा फर्जीवाड़ा हवाई यात्रा के लिए 10 मिनट में मिल जाती है आरटी-पीसीआर रिपोर्ट एयरपोर्ट अथारिटी ने जिलाधिकारी से की जांच कराने की मांग यात्रियों की जांच में चौंकाने वाली बातें आ रही हैं सामने

By Shubh Narayan PathakEdited By: Publish:Sat, 25 Sep 2021 07:48 AM (IST) Updated:Sat, 25 Sep 2021 07:48 AM (IST)
पटना में केवल 10 मिनट में मिल रही आरटी-पीसीआर रिपोर्ट, पूरा मामला जानकर डीएम भी चौंक गए
पटना में सामने आया कोविड जांच का फर्जीवाड़ा। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

पटना, जागरण संवाददाता। यह भी अपने आप में नजीर है। अमृतसर का एक लड़का तीन से पटना में है। उसने एयरपोर्ट पर जो कोरोना जांच रिपोर्ट दी है वह अद्भुत है। मजे की बात यह है कि जांच के लिए नमूना एक दिन पहले यानी उसके पटना में रहते, दिल्ली में लिया गया है। रिपोर्ट पर दस्तखत दिल्ली के डाक्टर के हैं, जबकि उसकी रिपोर्ट गुहावाटी की पैथालाजी लैब से जारी है। यह वाकया पटना एयरपोर्ट पर यात्रा की अनुमति के लिए प्रस्तुत की गई आरटीपीसीआर जांच रपट का है। पटना में इस तरह के रैकेट चल रहे हैं जिनके माध्यम से महज 20 मिनट में जांच रपट मिल जाती है। बताया गया कि इसके लिए 1500 रुपए वसूले जाते हैं। अब पटना डीएम डा. चंद्रशेखर सिंह ने फर्जी आरटी-पीसीआर रिपोर्ट पर हवाई यात्रा करने वालों की जांच के निर्देश दिए हैं। दो अधिकारियों को जल्द से जल्द जांच कर रिपोर्ट जिला नियंत्रण कक्ष को मुहैया कराने का निर्देश दिया गया है।

एयरपोर्ट अथारिटी की शिकायत पर सक्रिय हुआ प्रशासन

कई एयरलाइंस के प्रबंधकों ने एयरपोर्ट डायरेक्टर को फर्जी आरटीपीसीआर जांच रपट के आधार पर यात्रा किए जाने की शिकायत की थी। इस शिकायत के आधार पर निदेशक ने 15 सितंबर को जिलाधिकारी को पत्र लिखा। इसमें कुछ यात्रियों का हवाला भी दिया गया था। साथ ही फर्जी जांच रिपोर्ट मुहैया कराने वाले रैकेट पर कार्रवाई की मांग की गई थी। डीएम ने तत्काल अधिकारियों को पूरी जांच कर रिपोर्ट देने का कहा।

एयरपोर्ट पर सक्रिय रहते थे दलाल

हवाई यात्रा के लिए आरटी-पीसीआर जांच रिपोर्ट अनिवार्य होने के बाद से रैकेट सक्रिय हो गया था। बताया जाता है कि इसमें इसमें विभिन्न एयर लाइंस के कर्मचारियों की भी मिली भगत थी। जिन यात्रियों के पास आरटी-पीसीआर रिपोर्ट नहीं होती थी, वे दलालों को उनकी सूचना देते थे। इसके बाद दलाल सौदे के अनुसार 15 सौ से दो हजार रुपये लेकर अधिकतम 15 से 20 मिनट में रिपोर्ट उपलब्ध करा देते थे।

यूं पकड़ में आया फर्जी रिपोर्ट का मामला

अमृतसर का एक युवक 18 अगस्त को फ्लाइट से पटना आया था। 22 अगस्त को उसकी वापसी थी लेकिन एयरपोर्ट पर आरटी-पीसीआर की निगेटिव रिपोर्ट नहीं होने के कारण उसे रोक दिया गया। इसके  बाद रैकेट के लोगों ने संपर्क किया और 21 अगस्त को दिल्ली में सैंपलिंग दिखाकर 22 अगस्त की सुबह नौ बजे रिपोर्ट दे दी। जिस साई पैथोलाजी की रिपोर्ट दी गई उसका पता गुहावाटी में है, लेकिन रिपोर्ट पर हस्ताक्षर दिल्ली के डाक्टर के हैं। यह गड़बड़झाला एक एयरलाइंस के कर्मी ने पकड़ लिया। उसने इसकी शिकायत अपने अधिकारियों से ही। धीरे-धीरे इस तरह के कई मामले प्रकाश में आए।

chat bot
आपका साथी