दो से छह साल के बच्चों पर कोवैक्सीन का ट्रायल, पटना एम्स के इस नंबर पर आप भी करा सकते रजिस्ट्रेशन
Patna Covaccine Trial News पटना एम्स में एक जून से बच्चों पर को-वैक्सीन का परीक्षण शुरू हुआ था। पहले चरण में 12 से 18 वर्ष के 28 बच्चों को वैक्सीन दी गई थी। अबतक किसी बच्चे में कोई दुष्प्रभाव सामने नहीं आया है।
पटना, जागरण संवाददाता। Covaccine trial on children: कोरोना की तीसरी लहर (third wave of coronavirus) में बच्चों के संक्रमित होने की सबसे ज्यादा आशंका जताई जा रही है। इसे देखते हुए केंद्र सरकार के निर्देश पर बच्चों को वैक्सीन की सुरक्षा देने के लिए किया जा रहा एम्स (Patna AIMS) में परीक्षण तीसरे चरण में पहुंच गया है। 12 से 18 और छह से 12 आयुवर्ग के बाद मंगलवार से दो से छह वर्ष के बच्चों पर को-वैक्सीन परीक्षण शुरू हो गया है। वैक्सीन परीक्षण में शामिल होने के इच्छुक लोग 9471408832 पर फोन कर पंजीयन करा सकते हैं।
छह साल से 18 साल तक के बच्चों को पड़ चुकी है डोज
पटना एम्स में एक जून से बच्चों पर को-वैक्सीन का परीक्षण शुरू हुआ था। पहले चरण में 12 से 18 वर्ष के 28 बच्चों को वैक्सीन दी गई थी। अबतक किसी बच्चे में कोई दुष्प्रभाव सामने नहीं आया है। 28 के बाद इन बच्चों को दूसरी डोज दी जाएगी। वहीं, छह से 12 वर्ष के 20 बच्चों को वैक्सीन की पहली डोज दी जा चुकी है।
सभी बच्चों के अभिभावकों से निरंतर संपर्क में है एम्स
बताते चलें कि हर आयुवर्ग के 25-25 बच्चों पर वैक्सीन का परीक्षण किया जाना था। जिन बच्चों पर परीक्षण किया जा रहा है, उनकी निगरानी को डाक्टरों की टीम लगाई गई है। समय-समय पर अभिभावकों से भी फोन कर फीडबैक लिया जाता है।
तीसरी लहर को ध्यान में रख सतर्क रहें आक्सीजन उत्पादन इकाइयां: शाहनवाज
इधर, राज्य के उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन ने मंगलवार को आक्सीजन उत्पादन व रिफिलिंग में लगी इकाइयों के प्रतिनिधियों के साथ वीडियो कान्फ्रेंसिंग से बैठक की। इस दौरान उद्योग मंत्री ने कहा कि कोरोना के तीसरे लहर की आशंका को ध्यान में रख राज्य के सभी आक्सीजन उत्पादन व रिफिलिंग इकाइयां सतर्क रहें। आक्सीजन की रिफिलिंग से जुड़ी इकाइयों के प्रतिनिधियों ने उद्योग मंत्री को यह आश्वस्त किया कि आपूर्ति निर्बाध रूप से होगी।
उद्योग मंत्री ने इन इकाइयों को भरोसा दिलाया कि उद्योग विभाग उनकी हर संभव मदद को तैयार रहेगा। उन्होंने यह भी बताया कि वर्तमान में चल रही आक्सीजन उत्पादन प्रोत्साहन नीति 2021 के सिंतबर तक प्रभावी है। इस योजना का लाभ, जो उद्यमी उठाना चाहें वे आवेदन कर सकते हैं। इस नीति के तहत आवेदन करने वाली नौ इकाइयों को राज्य निवेश प्रोत्साहन पर्षद से स्टेज-1 का क्लियरेंस मिल चुका है। इन सभी इकाइयों के स्थापित होने से राज्य में 6,728 लाख रुपये के निवेश की संभावना है। बैठक में उद्योग विभाग के अपर मुख्य सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा तथा उद्योग निदेशक सहित उद्योग विभाग के कई आला अधिकारी भी शामिल हुए।