एम्स पटना में मरीजों को बेड पर मिलेगी दवा, 80 फीसद तक होगी सस्ती, देखें रेट बोर्ड
पटना एम्स में अब मरीजों को उनके बेट पर दवा मिलेगी। वो भी अस्सी प्रतिशत तक सस्ती। देखें पटना एम्स में दवाओं और वार्ड का रेट बोर्ड।
नलिनी रंजन, पटना। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) पटना में भर्ती मरीजों के परिजनों को अब दवा के लिए दुकानों का चक्कर नहीं लगाना होगा। एम्स प्रशासन मरीजों को 60 से 80 फीसद सस्ती दवा उनके बेड तक पहुंचाएगा। इस संबंध में एम्स के निदेशक डॉ. प्रभात कुमार सिंह ने बताया कि मरीजों की सुविधा के लिए अब संस्थान सीधे बेड तक दवा पहुंचाएगा। इसके लिए ब्रांडेड दवा की खरीदारी सीधे कंपनी के माध्यम से होगी।
वालेट में मरीजों को रखना होगा पैसा
भर्ती हुए मरीजों को अपने वॉलेट में पैसा रखना होगा। उपयोग के अनुसार इससे मरीजों की दवा की राशि का भुगतान लिया जाएगा। इसके लिए एक कॉमन चार्ज रखा गया है। इसमें दवा की सीमा तय नहीं है। ये ऐसी दवाएं होंगी जो मरीजों के तुरंत जरूरत की हैं। इसके अतिरिक्त भी जो दवाएं और इम्प्लांट की जरूरत मरीजों को होगी, उन्हें भी सस्ती दरों पर ही बेड तक पहुंचाया जाएगा।
इसके लिए मरीजों को अलग-अलग चार्ज देना होगा। निदेशक ने बताया कि कुछ विभागों में यह व्यवस्था तत्काल प्रभाव से लागू कर दी गई है। जबकि अन्य विभागों में यह मई के अंत आरंभ होगी। इस व्यवस्था से मरीजों को काफी राहत होगी। उन्हें दवा काउंटर की लंबी लाइन में लगने के झंझट से मुक्ति मिल जाएगी।
वार्ड व बेड की दर
सुविधा - दर रुपये में
सामान्य वार्ड 35
सेमी प्राइवेट 1000
प्राइवेट 2000
एचडीयू 35
आइसीयू 35
डे केयर 35
ग्रीन एरिया 35
आइसोलेशन 35
पोस्ट ऑपरेटिव 35
दवा के लिए कॉमन राशि
ज्यादा उपयोग : 400
मध्यम उपयोग : 250
कम उपयोग : 150
एचडीयू : 600
आइसीयू : 800
डे केयर : 150
ग्रीन एरिया : 150
आइसोलेशन : 600
पोस्ट ऑपरेटिव : 600
एमआरपी पर मरीजों को खरीदनी पड़ रही दवा
एम्स पटना में भर्ती मरीजों को वर्तमान में अस्पताल के अंदर व बाहर की दुकानों से दवा खरीदनी पड़ती है। ऐसे में दुकानदार उन्हें एमआरपी पर दवा मुहैया कराते हैं। भारत सरकार से अनुबंधित 'अमृतÓ दवा दुकान से मरीज छूट में दवा प्राप्त कर लेते हैं, लेकिन इस दुकान पर सभी दवाएं नहीं मिलने से मरीजों के परिजनों को अन्य दुकानों का चक्कर लगाना पड़ता है। इसमें अधिक राशि लगने के साथ- साथ अधिक राशि भी खर्च करनी पड़ती है।