पीएमसीएच में इलाज कराना है तो जेब भरकर ही आएं, ओपीडी से ओटी तक जरूरी दवाओं का है टोटा

Patna Health News बिहार के सबसे बड़े सरकारी अस्‍पताल पीएमसीएच में इलाज की व्‍यवस्‍था भले मुफ्त हो लेकिन यहां दवाओं के लिए मरीजों को बड़ी रकम खर्च करनी पड़ रही है। रोगियों को कर्ज लेकर बाजार से महंगी एंटीबायोटिक दवाएं खरीदनी पड़ रही हैं।

By Shubh Narayan PathakEdited By: Publish:Mon, 04 Oct 2021 09:26 AM (IST) Updated:Mon, 04 Oct 2021 09:26 AM (IST)
पीएमसीएच में इलाज कराना है तो जेब भरकर ही आएं, ओपीडी से ओटी तक जरूरी दवाओं का है टोटा
पीएमसीएच में इलाज के लिए नहीं मिल रही दवाएं। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

पटना, जागरण संवाददाता। Patna Health News: बिहार के सबसे बड़े सरकारी अस्‍पताल पीएमसीएच में इलाज की व्‍यवस्‍था भले मुफ्त हो, लेकिन यहां दवाओं के लिए मरीजों को बड़ी रकम खर्च करनी पड़ रही है। रोगियों को कर्ज लेकर बाजार से महंगी एंटीबायोटिक दवाएं खरीदनी पड़ रही हैं। आलम यह है कि निश्शुल्क उपचार की आशा में दूरदराज से आने वाले एक-एक रोगी को दस हजार से ज्यादा की दवाएं बाजार से खरीदनी पड़ रही है। अधिकांश रोगियों को दी जाने वाली एंटीबायोटिक दवाओं के साथ अस्पताल में गैस, उल्टी व गंभीर दर्द के उपचार में काम आने वाला ट्रामाडोल इंजेक्शन तक नहीं है। अधीक्षक से इस बाबत मिलने व पक्ष जानने का प्रयास किया गया लेकिन कर्मचारियों ने उनके बाहर होने की सूचना दी।

बताते चलें कि एंटीबायोटिक दवाओं की पैकिंग पर मनमाने दाम लिखे जाते हैं। ऐसे में दवा में दलाल 10 फीसद छूट दिलाने के बावजूद रोगियों को मोटी चपत लगा रहे हैं। जेनेरिक एंटीबायोटिक सस्ती हैं पर न तो वे आम मरीज को आसानी से मिल पाती हैं और न ही डाक्टर उन्हें पसंद करते हैं।

कर्ज लेकर खरीद रहे दवाएं

सारण जिले के सोनपुर की सुलेखा देवी ने बताया कि दवा रिएक्शन होने के कारण पुत्र का इलाज कराने पीएमसीएच आई हैं। यहां कुछ ही दवाएं मिल रही हैं। महंगी एंटीबायोटिक दवाएं बाहर से मंगाई जा रही हैं। नौ हजार रुपये सूद पर लेकर यहां आई थी, अब वे भी खत्म हो गए हैं, लेकिन अभी कुछ दिन और इलाज चलना है। वहीं पटना ट्रैफिक पुलिस की सिपाही अपने एक स्वजन को लेकर प्लास्टिक सर्जरी विभाग की ओपीडी आई थीं। वहां उनसे सामान्य एंटीबायोटिक दवा के साथ मल्टी विटामिन भी बाहर से मंगाई गई। वैशाली के विश्वनाथ शर्मा ने बताया कि उनसे रूई तक बाहर से मंगाई गई है। हालांकि, पीएमसीएच प्रशासन के अनुसार रूई उपलब्ध है।

अधिक प्रयोग होने वाली एंटीबायोटिक जो नहीं हैं मिकासीन, फेफड़ों, त्वचा, पेट व रक्त में होने वाले बैक्टीरियल इंफेक्शन के अलावा बोन, श्वांस नली, सेप्टीसीमिया, एंडोकार्डिटिस रोगों में उपयोगी। पिपरासिलिन न्यूमोनिया, चर्म रोग, स्त्री रोग व पेट के इंफेक्शन में उपयोगी। ट्रामाडोल , गंभीर दर्द से आराम दिलाने में उपयोगी। मेरोपेनेम इंजेक्शन, त्वचा, पेट, मेनिनजाइटिस, बैक्टीरिया मार कर संक्रमण खत्म करती है। गैस की राबेप्राजाल, रैनटैक, पैंओप्राजाल कोई इंजेक्शन नहीं। टैबलेट टूटी निकल रही है। आंडेम, उल्टी रोकने में उपयोगी दवा।

दवाएं स्वीकृत,   उपलब्ध

ओपीडी में 76,   64 इनडोर, 113,    70 कंज्यूमेबल, 35,   82 ओटी में 27,       19

मास्क, सिरिंज उपलब्ध, ग्लब्स का टोटा 

लंबे समय से अनुपलब्ध एन-95 मास्क, सिरिंज आदि की आपूर्ति रविवार शाम को हो गई थी। मंगलवार सुबह से इनका वितरण भी शुरू हो गया। हालांकि, ग्लब्स की कमी अब भी बनी हुई है।

chat bot
आपका साथी