26 हजार रुपये बिल जमा नहीं करने पर अस्पताल ने मरीज को बनाया बंधक

एंबुलेंस चालकों द्वारा कमीशन के लिए जिलों से रेफर रोगियों को बाईपास स्थित अस्पतालों में बेचने का एक मामला मंगलवार को जिला प्रशासन के संज्ञान में आया। हालांकि मरीज की आर्थिक स्थिति को देखते हुए अस्पताल संचालक ने चेहरे की जटिल सर्जरी के बदले सिर्फ 26 हजार रुपये मांगे थे लेकिन गरीब के पास उतने पैसे भी नहीं थे।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 24 Nov 2021 02:02 AM (IST) Updated:Wed, 24 Nov 2021 02:02 AM (IST)
26 हजार रुपये बिल जमा नहीं करने पर अस्पताल ने मरीज को बनाया बंधक
26 हजार रुपये बिल जमा नहीं करने पर अस्पताल ने मरीज को बनाया बंधक

पटना । एंबुलेंस चालकों द्वारा कमीशन के लिए जिलों से रेफर रोगियों को बाईपास स्थित अस्पतालों में बेचने का एक मामला मंगलवार को जिला प्रशासन के संज्ञान में आया। हालांकि, मरीज की आर्थिक स्थिति को देखते हुए अस्पताल संचालक ने चेहरे की जटिल सर्जरी के बदले सिर्फ 26 हजार रुपये मांगे थे, लेकिन गरीब के पास उतने पैसे भी नहीं थे। इस पर अस्पताल संचालक ने उसे बंधक बना लिया। स्वजन ने इसकी शिकायत जिला प्रशासन से की, जिसके बाद डीएम के निर्देश पर सिविल सर्जन की टीम ने जाकर 15 हजार रुपये दिलाकर रोगी को मुक्त कराया।

जानकारी के अनुसार सारण जिले के 28 वर्षीय संतोष कुमार सड़क हादसे में घायल हो गए थे। उनके चेहरे, आंख और माथे पर गहरे जख्म थे। तुरंत सर्जरी नहीं करने पर आंख की रोशनी जाने का खतरा था। इसे देखते हुए सारण सदर अस्पताल ने उसे पीएमसीएच रेफर किया था। एंबुलेंस चालक तुरंत बढि़या और सस्ते इलाज का आश्वासन देकर रोगी को बाईपास स्थित एसआरएम रायल मल्टी सुपरस्पेशियलिटी में भर्ती कराया दिया। रोगी से पहले सात हजार रुपये जमा कराए गए। तीसरे दिन डिस्चार्ज करते समय फिर 19 हजार मांगे गए, लेकिन गरीब के पास पैसे नहीं थे। अस्पताल संचालक ने पूरे पैसे जमा कराए बिना रोगी को छोड़ने से इंकार कर दिया। इसके बाद स्वजन ने डीएम और जिला प्रशासन से सिविल सर्जन कार्यालय को उसे मुक्त कराने का निर्देश दिया गया। सिविल सर्जन की टीम ने आठ हजार रुपये और दिलाकर रोगी को सारण भिजवा दिया।

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राजधनी के पांच मोहल्लों में मिले एक-एक कोरोना संक्रमित : राजधानी के अलग-अलग क्षेत्रों में कोरोना संक्रमितों के मिलने का क्रम जारी है। मंगलवार को पांच लोगों की रिपोर्ट कोरोना पाजिटिव आई है। फुलवारीशरीफ की हारुन कालोनी, रानीपुर, कंकड़बाग के आरएमएस मोड़, रुकनपुरा के वेदनीपुर और बोरिग कैनाल रोड के नागेश्वर कालोनी में एक-एक संक्रमित मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग उनके संपर्क में आए लोगों को चिह्नित कर जांच करा रहा है। इसके साथ ही जिले में उपचाराधीन मरीजों की संख्या 34 हो गई है। करीब सौ दिन बाद कोरोना के इतने मरीज इलाज करा रहे हैं।

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15 दिन में कम होगी

संक्रमितों की संख्या

एम्स के कोरोना नोडल पदाधिकारी डा. संजीव कुमार ने बताया कि देश में कोरोना संक्रमण अभी नियंत्रित है। प्रदेश में एक समय न के बराबर संक्रमित मिलने से दीपावली व छठ के बाद बढ़े मामले ज्यादा दिख रहे हैं। आने वाले 15 दिन में दोबारा संक्रमण के मामले कम हो जाएंगे। एम्स में मंगलवार को एक को डिस्चार्ज किया गया और एक नए रोगी को भर्ती किया गया है। चार कुल मरीज यहां भर्ती हैं। आजकल शादी-विवाह का मौसम है लोगों को चाहिए कि मास्क जरूर पहनें। जिन लोगों को शादी-समारोह में शामिल होना है, वे वैक्सीन की दोनों डोज लेना सुनिश्चित कर लें। इससे यदि उन्हें संक्रमण होता भी है तो उसके घातक प्रभाव से बचा जा सकेगा।

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