नवरात्र पर श्रद्धालुओं के लिए बंद रहेंगे पटनदेवी मंदिर के कपाट, रामनवमी पर हनुमान मंदिर में भी नहीं मिलेगा प्रवेश
Navratri first day in Patna पटना में नवरात्र और रामनवमी का त्योहार लगातार दूसरे साल घरों में ही मनाया जा रहा है। लगातार दूसरे साल चैती नवरात्र का पर्व श्रद्धालु घरों में ही मना रहे हैं। कोरोना को देखते हुए मंदिरों को आम श्रद्धालुओं के लिए बंद रखा गया है।
पटना, जागरण टीम। Navratri Celebration in Patna: पटना में नवरात्र का त्योहार लगातार दूसरे साल घरों में ही मनाया जा रहा है। बिहार में तेजी से बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए पटना के सभी मंदिर राज्य सरकार के निर्देश के आलोक में बंद रखे गए हैं। केवल मंदिर के पुजारियों को ही परिसर में पूजा करने की अनुमति दी गई है। शक्तिपीठ बड़ी पटनदेवी के महंत विजय शंकर गिरि, छोटी पटनदेवी के पीठाचार्य आचार्य अभिषेक अनंत द्विवेदी तथा अगमकुआं स्थित शीतला माता मंदिर के सेवायत पंकज पुजारी सहित कई अन्य प्रमुख मंदिरों के पुजारियों ने चैत्र नवरात्रि के दौरान मंदिर में श्रद्धालुओं से नहीं आने की अपील की है। बिहार में बढ़ते संक्रमण को देखते हुए सरकार ने पूरे अप्रैल महीने में सभी धार्मिक स्थल को आम लोगों के लिए बंद रखने की अपील की है।
घरों में ही कलश स्थापित करें भक्त
पटना सिटी स्थित बजरंगपुरी शिव मंदिर के पुजारी आचार्य अवध किशोर पांडे ने भी भक्तों को घरों में ही कलश स्थापित करने की बात कही है। कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए कहा कि पूरे नवरात्र भक्तों के प्रवेश पर रोक रहेगा। चैत्र नवरात्र के मौके पर आयोजित दुर्गापूजा व रामनवमी सामान्य रूप से होगी। उन्होंने आम श्रद्धालुओं से आग्रह किया कि कोरोना जैसी महामारी को देखते हुए अपने आवास पर ही पूजन करें। मंदिर परिसर में नहीं आएं। चैत्र नवरात्र में मंदिर आम श्रद्धालुओं के लिए बंद रहेगा।
श्रद्धालुओं के नाम पर महावीर मंदिर के पुरोहित बदलेंगे ध्वज
कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बाद राजधानी के मंदिरों व अन्य पूजा स्थलों के दरवाजे भक्तों के लिए बंद कर दिए गए हैं। शहर के प्राचीन मंदिरों में से एक पटना जंक्शन स्थित महावीर मंदिर में भक्तों का प्रवेश शनिवार से बंद हो गया है। वहीं दूसरी ओर अप्रैल माह में कई पर्व और त्यौहार हैं। नवरात्र व रामनवमी व छठ का पर्व इनमें शामिल है।
लगातार दूसरी बार रामनवमी पर बंद रहेंगे मंदिर
कोरोना संक्रमण के कारण तीन सौ साल में दूसरी बार रामनवमी पर न तो मंदिर परिसर में भव्य आयोजन होगा और न ही आम भक्तों को प्रवेश मिलेगा। बीते वर्ष भी संक्रमण के कारण मंदिर का द्वार बंद रहा था। मंदिर के पुजारी ही रामनवमी के दिन पूरे विधि-विधान के साथ पूजा अर्चना कर मंदिर का ध्वज बदलेंगे। महावीर मंदिर न्यास समिति के सचिव की मानें तो 1720 से 1730 के बीच रामानंद संप्रदाय के स्वामी बालनंद ने पटना में महावीर मंदिर की नींव रखी थी।
पंडित व पुरोहित विधि-विधान के साथ करेंगे पूजा
कोरोना संक्रमण को देखते हुए भले ही आम लोगों के लिए मंदिर का द्वार रामनवमी पर बंद रहेगा लेकिन पूजा पाठ होगी। मंदिर न्यास के सचिव ने बताया कि रामनवमी के दिन मंदिर के पुजारी व पुरोहित मंदिर का ध्वज बदलने के साथ ही विधि-विधान के साथ पूजा-अर्चना करेंगे। मंदिर में अयोध्या, महाराष्ट्र व अन्य जगहों से आए पुरोहित व पंडित पूजा कराते हैं। चैत मास की शुक्लपक्ष नवमी तिथि 21 अप्रैल को रामनवमी के दिन मंदिर का मुख्य ध्वज महाराष्ट्र से आए पुरोहित बदलेंगे।
काउंटर पर आकर कटानी होगी रसीद
वहीं इस बार रामनवमी के मौके पर भक्तों के लिए विशेष व्यवस्था की गई है। श्रद्धालुओं के नाम पर मंदिर के पुरोहित ध्वज लगाएंगे। इसके लिए श्रद्धालुओं को काउंटर पर आकर अपने नाम व गोत्र, पूरा पता बताने के साथ 21 सौ रुपये की रसीद कटानी होगी। मंदिर प्रबंधन की मानें तो रामनवमी को लेकर कई श्रद्धालु ध्वजारोहण को लेकर रसीद कटा चुके हैं।
रसीद कटाने के लिए खुला रहेगा काउंटर
मंदिर का द्वार भक्तों के लिए बंद है लेकिन रसीद कटाने को लेकर काउंटर खुला है। यहां श्रद्धालु अपनी रसीद कटा सकते हैं। महावीर मंदिर न्यास समिति के सचिव आचार्य किशोर कुणाल ने बताया कि अगर कोरोना संक्रमण का खतरा कम हुआ तो जानकी नवमी पर भव्य तरीके से पूजा अर्चना करने के साथ रामलीला आयोजित होगी।