बिहारः विधायकों से मारपीट पर बोले मंत्री, विधानसभा के भीतर पुलिस भेजने में सरकार की कोई भूमिका नहीं
बिहार विधानसभा में विधायकों के साथ मारपीट की घटना के दोषियों के खिलाफ कमजोर कार्रवाई से नाराज विपक्ष इस सवाल को मानसून सत्र में जोरदार ढंग से उठाने की तैयारी कर रहा है। इधर सरकार ने यह कह कर पल्ला झाड़ लिया है
राज्य ब्यूरो, पटना: विधानसभा के बजट सत्र में विधायकों के साथ मारपीट की घटना के दोषियों के खिलाफ कमजोर कार्रवाई से नाराज विपक्ष इस सवाल को मानसून सत्र में जोरदार ढंग से उठाने की तैयारी कर रहा है। इधर, सरकार ने यह कह कर पल्ला झाड़ लिया है कि उस घटना में उसकी कोई भूमिका नहीं है। जांच के आधार पर विधानसभा अध्यक्ष जिस किसी के खिलाफ कार्रवाई करने की सिफारिश करेंगे, सरकार उस पर तुरंत अमल करेगी। मानसून सत्र 26 जुलाई से शुरू हो रहा है। यह 30 जुलाई तक चलेगा। सत्र के दौरान कुल पांच बैठकें होंगी।
23 मार्च को क्या हुआ था
बजट सत्र में 23 मार्च 2001 को विधानसभा में जबरदस्त हंगामा हुआ था। पहली बार बिहार पुलिस सदन के अंदर गई थी। विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष को भी उनके कमरे में बंधक बना दिया था। हंगामा कर रहे विधायकों को पुलिस और विधानसभा के मार्शल ने मिलकर जबरन सदन से बाहर किया था। दर्जन भर विधायकों को चोट लगी थी। उनका आरोप था कि पुलिस ने बेरहमी से पिटाई की। घटना के बाद विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने जांच का आदेश दिया था। जांच दो स्तर पर हुई। पुलिस और विधायकों की भूमिका की अलग-अलग जांच की गई। पुलिस की जांच रिपोर्ट में जिन दो पुलिसकर्मियों को दोषी पाया गया था, उन्हें निलंबित कर दिया गया। विधायकों की भूमिका विधानसभा की कमेटी कर रही है। रिपोर्ट की प्रतीक्षा की जा रही है।
विपक्ष ने कहा-नाकाफी है कार्रवाई
दो पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई को विपक्ष नाकाफी मान रहा है। मुख्य विपक्षी दल राजद के प्रवक्ता भाई वीरेंद्र ने दैनिक जागरण से कहा-यह जांच नहीं, लीपापोती है। मानसून सत्र में संपूर्ण विपक्ष इस मामले को उठाएगा। क्योंकि विधायकों की जिस ढंग से पिटाई हुई थी, दोषियों पर कार्रवाई नहीं हुई तो ऐसी घटना फिर हो सकती है।
सरकार क्या कह रही है
संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी ने दैनिक जागरण के सवाल पर कहा- विधानसभा के पिछले सत्र में हुई दुर्भाग्यपूर्ण घटना की जांच की जवाबदेही विधानसभा अध्यक्ष की है। वह जांच के आधार पर जिस किसी के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश करेंगे, सरकार मान लेगी। विधानसभा परिसर विधानसभा अध्यक्ष का विशेष क्षेत्र है, जहां उनकी इजाजत के बिना कोई नहीं जा सकता है। 21 मार्च की घटना के दिन सदन के बाहर या भीतर पुलिस अधिकारियों को भेजने में भी सरकार की कोई भूमिका नहीं थी। उन्होंने कहा कि मानसून सत्र के शांतिपूर्ण संचालन की अपेक्षा है।