बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का पप्पू यादव ने किया समर्थन, ट्वीट करके बताई अपनी इच्छा
केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ जदयू के साथ अन्य दल भी लामबंद होने लगे हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जातीय जनगणना की मांग का जीतन राम मांझी के बाद जन अधिकार पार्टी प्रमुख व पूर्व सांसद पप्पू यादव ने भी समर्थन किया है।
राज्य ब्यूरो, पटना: जाति आधारित जनगणना को लेकर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के साथ अन्य दल भी लामबंद होने लगे हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जातीय जनगणना की मांग का हिंदुस्तानी आवामा मोर्चा (हम) जीतन राम मांझी के बाद जन अधिकार पार्टी (जाप) प्रमुख व पूर्व सांसद पप्पू यादव ने भी समर्थन किया है। जेल में बंद मधेपुरा के पूर्व सांसद पप्पू यादव ने मंगलवार को अपने ट्विटर अकाउंट से ट्वीट किया और नीतीश कुमार से कहा कि जातीय जनगणना से केंद्र सरकार पीछे भाग रही है तो नीतीश कुमार इसकी शुरुआत बिहार से कर दें। बिहार में एक नजीर पेश करें।
जाप अध्यक्ष ने कहा कि जाति आधारित जनगणना में आर्थिक, शैक्षणिक आकंड़ों की गणना से सम्यक समावेशी विकास की एक ठोस रणनीति बनाने में सहायता मिलेगी। बिहार को इसमें मिसाल बनाएं। अपने ट्वीट की जरिए ही उन्होंने अपनी बात कहने के प्रयास किए हैं। बता दे कि इसके पहले एनडीए के घटक हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के राष्ट्रीय अध्यक्ष व बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने भी इस मुद्दे पर नीतीश कुमार को अपना समर्थन दिया है और कहा था कि जब देश में सांप, बाघ, बकरी की जनगणना हो सकती है तो फिर जातियों की क्यों नहीं। उन्होंने कहा था देश के विकास के लिए जातिगत जनगणना जरूरी है। पता तो लगे कि किसकी कितनी आबादी है और उसे सत्ता में कितनी भागीगारी मिली। गौरतलब है कि जाति आधारित जनगणना का राजद भी समर्थन कर चुका है। अन्य मुद्दों पर भेल तेजस्वी यादव नीतीश कुमार का विरोध करते हों पर जाति आधारित जनगणना पर समर्थन कर रहे हैं। एक दिन पहले जदयू अध्यक्ष ललन सिंह ने इसी मुद्दे पर गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी। इसके बाद उन्होंने कहा था कि गृह मंत्री हमारे तर्कों से सहमत हैं।