बिहारः मजार के अहाते और हाई कोर्ट से सटी इमारत को तोड़ने का आदेश, निर्माण में नहीं ली थी अनुमति

न्यायाधीश अश्विनी कुमार सिंह की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय खंडपीठ ने सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रखा गया था। मजार के अहाते और हाई कोर्ट से सटी इमारत को तोड़ने का आदेश दिया गया है। इसके निर्माण में अनुमति नहीं ली गई थी।

By Akshay PandeyEdited By: Publish:Tue, 03 Aug 2021 10:50 PM (IST) Updated:Tue, 03 Aug 2021 10:50 PM (IST)
बिहारः मजार के अहाते और हाई कोर्ट से सटी इमारत को तोड़ने का आदेश, निर्माण में नहीं ली थी अनुमति
मजार के अहाते और हाई कोर्ट से सटी इमारत को तोड़ने का आदेश दिया गया है। प्रतीकात्मक तस्वीर।

राज्य ब्यूरो,पटना : पटना हाई कोर्ट की नई बिल्डिंग (शताब्दी भवन) के पास मजार से सटी एक बहुमंजिली इमारत के हुए अवैध निर्माण को तोड़ने का निर्देश पटना हाई कोर्ट ने सरकार को दिया है। न्यायाधीश अश्विनी कुमार सिंह की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय खंडपीठ ने सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रखा गया था, जिसे मंगलवार को कोर्ट ने सुनाया। कोर्ट ने इससे पहले इस भवन के निर्माण पर रोक लगाते हुए राज्य सरकार से पूछा था कि क्या इसके निर्माण को लेकर पटना हाई कोर्ट और पटना नगर निगम से भी अनुमति ली गई थी। राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता ललित किशोर ने कोर्ट को बताया था कि नई बिल्डिंग से सटी मजार के करीब वक्फ बोर्ड का चार मंजिला कार्यालय बन रहा है। कार्यालय के सबसे नीचे मुसाफिर खाना बन रहा है। यह तीन तल्ले का भवन है। नई इमारत के निर्माण में किसी प्रकार की अनुमति नहीं ली गई थी। 

इस पर न्यायाधीशों ने कहा था कि निर्माण गलत तरीके से किया गया है। बिल्डिंग बाइलाज की धारा-21 में स्पष्ट कहा गया है कि विधानसभा, राज्यपाल और हाई कोर्ट जैसे महत्वपूर्ण और सुरक्षा की दृष्टि से संवेदनशील परिसर से सटा कर कोई दूसरी बिल्डिंग नहीं बनाई जा सकती है। साथ ही ऊंचाई 10 मीटर से ज्यादा कभी नहीं हो सकती है। 

जल्ला हनुमान मंदिर के मामले पर सुनवाई 17 अगस्त को 


पटना सिटी स्थित जल्ला हनुमान मंदिर के आसपास हुए अतिक्रमण को हटाने के मामले पर दो सप्ताह बाद पटना हाई कोर्ट सुनवाई करेगा। मुख्य न्यायाधीश संजय करोल एवं न्यायाधीश एस कुमार की खंडपीठ ने गौरव कुमार सिंह की लोकहित याचिका को 17 अगस्त तक स्थगित कर दिया। कोर्ट ने पिछली सुनवाई में राज्य सरकार को मंदिर के आसपास और वहां जलीय क्षेत्र में हुए अतिक्रमण को जांच कर हटाने का निर्देश दिया था। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता सुमित सिंह ने कोर्ट को बताया था कि न सिर्फ मंदिर के पास के क्षेत्र पर अतिक्रमण कर लिया गया है, बल्कि सामने के तालाब पर भी अतिक्रमण कर लिया गया है। पटना सिटी के समीप जल्ला महावीर मंदिर अतिक्रमणों को हटाने के लिए सख्त कार्रवाई करने की जरूरत है। उन्होंने हनुमान मंदिर को सुरक्षित रखने के लिए चारदीवारी का निर्माण के लिए भी गुहार की है। मामले पर 17 अगस्त को सुनवाई होगी। 

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