बिहार राज्य बार काउंसिल के अध्यक्ष की राय, मेरिट के आधार पर वकीलों को जज बनाने की बात हो

बिहार स्टेट बार काउंसिल ने सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन द्वारा सुप्रीम कोर्ट के वकीलों के ज्यादा प्रतिभावान होने की दलील के आधार पर देश भर के हाई कोर्ट में जज नियुक्त करने की मांग की निंदा की है।

By Akshay PandeyEdited By: Publish:Mon, 14 Jun 2021 11:30 AM (IST) Updated:Mon, 14 Jun 2021 11:30 AM (IST)
बिहार राज्य बार काउंसिल के अध्यक्ष की राय, मेरिट के आधार पर वकीलों को जज बनाने की बात हो
बार काउंसिल के अध्यक्ष ने मेरिट के आधार पर जजों की नियुक्ति करने की बात कही है। प्रतीकात्मक तस्वीर।

राज्य ब्यूरो, पटना : बिहार स्टेट बार काउंसिल ने सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन द्वारा सुप्रीम कोर्ट के वकीलों के ज्यादा प्रतिभावान होने की दलील के आधार पर देश भर के हाई कोर्ट में जज नियुक्त करने की मांग की निंदा की है। राज्य बार काउंसिल के नवनिर्वाचित अध्यक्ष रमाकांत शर्मा ने कहा कि इस विषय में चीफ जस्टिस आफ इंडिया को एक पत्र भी लिखा गया है। उनका कहना था कि मेरिट के आधार पर वकीलों को जज बनाने की बात होनी चाहिए। 

वकीलों की आर्थिक मदद करने का आग्रह

रमाकांत शर्मा ने राज्य सरकार से वकीलों की आर्थिक मदद करने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि कोरोना के कारण न्यायिक कार्य बाधित है और न्यायालयों के बंद रहने से लगभग दो साल से वकील आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं। ऐसे में इस क्षेत्र पर भी ध्यान देने की जरूरत है। 

वकीलों की समस्याओं के समाधान के लिए हर संभव कोशिश

नवनिर्वाचित अध्यक्ष ने राज्य सरकार से आग्रह किया कि वकीलों को आर्थिक मदद मिलनी चाहिए। उन्होंने मुख्यमंत्री से इस समस्या पर विमर्श के लिए समय भी मांगा है। उन्होंने कहा कि बार काउंसिल स्वयं से वित्त पोषित संस्था है, जिसे सरकार द्वारा किसी भी प्रकार का अनुदान नहीं मिलता है। यह एक रेगुलेटरी बाडी है, जो वकीलों को लाइसेंस देती है। उनके प्रोफेशन को रेगुलेट करती है और अनुशासन का ध्यान रखती है। उन्होंने कहा कि वे वकीलों की समस्याओं के समाधान के लिए हर संभव कोशिश करेंगे। बहरहाल मेरिट के आधार पर वकीलों को जज बनाने की बात पर राज्य बार काउंसिल के नवनिर्वाचित अध्यक्ष रमाकांत शर्मा ने कहा कि इस विषय में चीफ जस्टिस आफ इंडिया को एक पत्र भी लिखा गया है। उन्होंने कहा है कि न्यायिक कार्य बाधित होने और न्यायालयों के बंद रहने से लगभग दो साल से वकील आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं। 

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