बिहार में कृषि आधारित उद्योग लगाने पर डेढ़ करोड़ तक अनुदान
बिहार के किसानों को और छोटे उधमियों को क्षेत्रीय स्तर पर कृषि आधारित उधोग लगाने पर मदद की जाएगी । आज कृषि मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह ने ऑनलाइन बिहार कृषि निवेश प्रोत्साहन नीति पोर्टल योजना का शुभारंभ किया। यह योजना 20 लाख लोगों को रोजगार देने में सहायक बनेगी
पटना, राज्य ब्यूरो । कृषि आधारित उद्योगों को प्रोत्साहित करने के लिए छोटे उद्यमियों को कई तरह की सहूलियतें दी जाएंगी। कोई भी व्यक्ति 25 लाख से पांच करोड़ रुपये तक का उद्योग लगा सकता है, जिसपर सरकार 15 से 30 फीसद अनुदान देगी। यह राशि अधिकतम डेढ़ करोड़ तक हो सकती है। कृषि क्षेत्र में निवेश को प्रोत्साहन देने के लिए कृषि मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह ने गुरुवार ( 14 जनवरी ) को बिहार कृषि निवेश प्रोत्साहन नीति (बीएआइपीपी) वेब पोर्टल को लांच किया। कार्यक्रम का आयोजन सचिवालय स्थित कृषि विभाग के सभागार में किया गया था।
साकार होगी आत्मनिर्भर बिहार की योजना
कृषि मंत्री ने ऑनलाइन पोर्टल की विशेषताओं के बारे में बताया कि सरकार ने कृषि आधारित उद्योगों में निवेशकों को हर तरह की सहूलियत देने का निर्णय किया है। इससे रोजगार सृजन के अवसर पैदा होंगे। स्थानीय स्तर पर लीची, केला, मखाना, शहद और चाय आधारित उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए कृषि विभाग ऑनलाइन कृषि निवेश प्रोत्साहन नीति के तहत उद्योग लगाने पर सीधे खाते में अनुदान देगा। इसके तहत पशु चारा प्रसंस्करण, लीची, शहद, केला और सुगंधित पौधों पर आधारित प्रसंस्करण इकाइयां लगाई जा सकती हैं। इसके लिए कृषि विभाग की वेबसाइट पर जाकर कोई भी ऑनलाइन आवेदन कर सकता है। उन्होंने कहा कि इस योजना से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की आत्मनिर्भर बिहार बनाने की पहल साकार होगी। ऑनलाइन व्यवस्था से योजना में पारदर्शिता आएगी। उद्यान निदेशालय द्वारा निवेशकों की सहायता के लिए एक तकनीकी सहायता समूह (टीएसजी) की नियुक्ति की गई है।
उद्योग विभाग से भी मिल सकेगा अनुदान
कृषि निवेशकों को इस नीति के तहत सात केंद्रित क्षेत्रों में पूंजीगत अनुदान के अलावा पहले से लागू बिहार औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन नीति (बीआइआइपीपी) 2016 का लाभ भी मिल सकेगा। यही नहीं, ऋण ब्याज अनुदान पर जीएसटी प्रतिपूर्ति का भी प्रावधान किया गया है। अहम यह है कि विभाग की इस पहल से तमाम तरह की हेराफेरी पर भी अंकुश लगेगा। कार्यक्रम में कृषि सचिव एन सरवण और कृषि निदेशक आदेश तितरमारे के अलावा अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
निवेशकों को नहीं होगी कोई दिक्कत
अमरेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि बिहार की बड़ी आबादी कृषि पर आश्रित है। ऐसे में कृषि और वानिकी से संबंधित उद्योगों में काफी संभावनाएं देखी जा रहा रही हैं। रोजगार के मौके भी बढ़ेंगे। निवेशकों को किसी तरह असुविधा नहीं होने दी जाएगी। ऑनलाइन पोर्टल में किसी तरह की गड़बड़ी की संभावना नहीं रहेगी। पारदर्शिता के साथ निवेश प्रोत्साहन नीति को लागू किया गया है। उत्तर बिहार और सीमांचल में अपार संभावना मौजूद है।