एक बार फिर बढ़ी खाद्य तेलों की कीमत, एक परिवार पर साल भर में बढ़ा तीन हजार रुपये तक का बोझ
रसोई गैस की कीमतों में वृद्धि से लोग पहले ही परेशान थे अब खाद्य तेलों में और उबाल आने से रसोई घर का बजट और बिगड़ गया है। इस सप्ताह सरसों तेल के साथ ही रिफाइंड की कीमत में भी पांच रुपए प्रति लीटर की वृद्धि हो गई है।
पटना, जागरण संवाददाता। Edible oil price in Patna Market: रसोई गैस की कीमतों में वृद्धि से लोग पहले ही परेशान थे, अब खाद्य तेलों में और उबाल आने से रसोई घर का बजट और बिगड़ गया है। इस सप्ताह सरसों तेल के साथ ही रिफाइंड की कीमत में भी पांच रुपए प्रति लीटर की वृद्धि हो गई है। कोरोना काल शुरू होने के साथ ही खाद्य तेलों की कीमतों में तेजी आने लगी थी। हर महीने पांच से दस रुपए प्रति किलो की वृद्धि होती रही। इस सप्ताह भी कीमतों में तेजी आई है।
सरसों की किल्लत की वजह से बढ़ रहा भाव
सरसों तेल का भाव पांच रुपये प्रति किलो बढ़कर अब 145 से 160 रुपये पर पहुंच गया है। इसी तरह से रिफाइंड का भाव भी पांच रुपये प्रति लीटर बढ़त के साथ अब 130 से 160 रुपये हो गया है। बिहार खुदरा विक्रेता महासंघ के अध्यक्ष रमेश तलरेजा ने कहा कि बाजार में फिलहाल सरसों की किल्लत है। नई पैदावार आने में थोड़ा समय है। इसके साथ ही पुरानी पैदावार का स्टॉक खत्म हो चला है। इस वजह से कीमतों में तेजी आई है।
एक साल के अंदर बेतहाशा बढ़ी है सरसो तेल की कीमत
इससे पहले कोरोना काल में आवाजाही बाधित होने की वजह से भी कीमतों में तेजी आई थी। एक साल के अंदर सरसों तेल का भाव 50 से 60 रुपये प्रति किलो बढ़ा है। इस तरह की तेजी इससे पूर्व कभी नहीं आई थी। उन्होंने कहा कि रिफाइंड का भी यही हाल है। इसमें भी एक साल के अंदर 50 से 60 रुपये प्रति लीटर की वृद्धि हुई है। इससे घरेलू बजट पर बड़ा असर पड़ा है। एक छोटे परिवार में भी करीब चार से पांच किलो सरसों तेल और रिफाइंड की खपत होती है। इस तरह से साल भर में उनका बजट करीब 250 से 300 रुपये प्रति माह बढ़ गया है। बता दें कि फरवरी माह में रसोई गैस सिलेंडर भी 75 रुपये महंगा हुआ है।