कम होने लगी भर्ती वायरल पीड़ितों की संख्या

अज्ञात वायरस से बीमार बच्चों की संख्या में कमी आने से अब अस्पतालों में बेड खाली होने लगे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 10 Sep 2021 01:22 AM (IST) Updated:Fri, 10 Sep 2021 01:22 AM (IST)
कम होने लगी भर्ती वायरल पीड़ितों की संख्या
कम होने लगी भर्ती वायरल पीड़ितों की संख्या

पटना। अज्ञात वायरस से बीमार बच्चों की संख्या में कमी आने से अब अस्पतालों में बेड खाली होने लगे हैं। गुरुवार को पीएमसीएच के शिशु रोग विभाग की इमरजेंसी व वार्ड में 30 और एनएमसीएच में 11 बेड खाली थे। हालांकि, पीडियाट्रिक आइसीयू अभी तक भरे हुए हैं। इसका कारण वायरल निमोनिया किस वायरस से हुआ है इसकी पुष्टि ही दो दिन बाद हो पाती है।

एनफ्लुएंजा वायरस, आरएसवी यानी ब्रांकियोलाइटिस वायरस, स्टैफीलोकोकस या पैरा एनफ्लुएंजा वायरस के कारण होता है। ऐसे रोगियों को ठीक होने में आठ से दस दिन लगते हैं। यदि बच्चा छोटा है तो आक्सीजन पर पांच दिन तक रखना पड़ सकता है। बताते चलें कि बुधवार को 30 नए रोगी भर्ती किए गए थे। आइजीआइएमएस और एम्स पटना में वायरल पीड़ित शुरुआत से ही काफी कम थे। चारों अस्पतालों में 180 के करीब मरीज भर्ती हैं। वहीं, बच्चों के प्रतिष्ठित निजी अस्पताल के पिक-निकू व वार्ड अब भी भरे हुए हैं।

----------

कोरोना की नहीं पुष्टि

जिला प्रशासन ने गुरुवार को सिविल सर्जन के हवाले से सूचना दी है कि सर्दी-खांसी, बुखार के मामले तेजी से बढ़े हैं लेकिन अबतक किसी में कोरोना की पुष्टि नहीं हुई है। यह वायरल फीवर ही है और हर वर्ष इस माह में रोगियों की संख्या बढ़ती है। समय पर उपचार कराने से सभी बच्चे पूरी तरह स्वस्थ हो जाते हैं। स्थिति गंभीर नहीं है इसलिए घबराने की जरूरत नहीं है।

---------

असुरक्षित ढंग से बच्चों को

खाना परोस रहा पीएमसीएच

पटना : वायरल बुखार का मुख्य कारण दूषित जल या भोजन को माना जाता है। बावजूद इसके पीएमसीएच के शिशु रोग विभाग में पौष्टिक के नाम पर बीमार करने वाला भोजन परोसा जा रहा है। आलम यह कि आधा घंटे तक यह भोजन बिना ढंके लावारिस हालत में रखा रहता है। इस बीच उसमें कोई जहरीला जीव गिर जाए या कोई कुछ मिला दे, यह देखने वाला कोई नहीं होता है।

----------

ऐसे बंटता खाना

रसोई घर से ट्राली पर लाद कर हर वार्ड के बाहर निश्चित जगह पर खाना पहुंचा दिया जाता है। खाना बांटने की जिम्मेदारी एक ही कर्मचारी पर है। वह हर वार्ड में जाकर खाने के लिए बर्तन लेकर निश्चित स्थान पर पहुंचने की सूचना देने जाता है। दाल व चावल तभी ढंका रहता है लेकिन बाल्टी में रखी सब्जी को खुला छोड़ दिया जाता है।

chat bot
आपका साथी