वाहन चलाने के दौरान अब पुलिस से भी बचकर होगा रहना, बिहार सरकार ने दिया चालान काटने का अधिकार

बिहार सरकार ने पुलिस कर्मियों को विशेष अधिकार दिया है। राज्य भर में पुलिसकर्मी अगले एक साल तक वाहनों की धर-पकड़ के साथ चालान काटने की कार्रवाई करते रहेंगे। इसके साथ ही लॉकडाउन की तय धारा के तहत भी पुलिसकर्मी वाहन चालकों पर कार्रवाई कर सकेंगे।

By Akshay PandeyEdited By: Publish:Sun, 16 May 2021 06:14 AM (IST) Updated:Sun, 16 May 2021 06:14 AM (IST)
वाहन चलाने के दौरान अब पुलिस से भी बचकर होगा रहना, बिहार सरकार ने दिया चालान काटने का अधिकार
बिहार पुलिस को भी अब चालान काटने का अधिकार रहेगा। प्रतीकात्मक तस्वीर।

राज्य ब्यूरो, पटना : राज्य भर में पुलिसकर्मी अगले एक साल तक वाहनों की धर-पकड़ के साथ चालान काटने की कार्रवाई करते रहेंगे। इसके साथ ही लॉकडाउन की तय धारा के तहत भी पुलिसकर्मी वाहन चालकों पर कार्रवाई कर सकेंगे। परिवहन विभाग ने इस बाबत आदेश जारी कर दिया है। पुलिस कर्मियों को यह अधिकार अप्रैल, 2022 तक दिया गया है। 

ये जवान कर सकेंगे चालान

निर्देश के अनुसार, राज्य के सभी जिलों में पदस्थापित ओपी प्रभारी, थानाध्यक्ष व उनसे वरीय पुलिस पदाधिकारियों को उनके कार्यक्षेत्र के भीतर वाहनों की धरपकड़ व जांच का अधिकार दिया गया है। ओपी प्रभारी संपूर्ण ओपी क्षेत्र में जबकि थानाध्यक्ष अपने थाना अधीन क्षेत्र में वाहनों की जांच कर सकेंगे। अपर पुलिस अधीक्षक या पुलिस उपाधीक्षक मुख्यालय संपूर्ण जिला क्षेत्र में वाहनों की जांच कर सकेंगे। 

यातायात पुलिस को छह महीने का मिला अधिकार

पटना नगर निगम के लिए परिवहन विभाग ने अलग से आदेश जारी किया है। इसके तहत सभी सार्जेंट, सार्जेंट मेजर, पुलिस निरीक्षक और पुलिस अवर निरीक्षक यातायात को पटना नगर निगम क्षेत्र में गाडिय़ों की धरपकड़ का अधिकार दिया गया है। पटना नगर निगम क्षेत्र में यातायात पुलिसकॢमयों को यह अधिकार अगले छह महीने के लिए दिया गया है। यातायात पुलिस की ओर से की गई गाडिय़ों की धरपकड़ और इस मद में वसूली गई राशि की समीक्षा एसएसपी करेंगे।

हर माह परिवहन विभाग को देना होगा हिसाब

पुलिसकॢमयों को जुर्माना लगाने के लिए बनी रसीद या सीजर बुक संबंधित जिले के डीटीओ कार्यालय से उपलब्ध कराई जाएगी। सभी जिला परिवहन पदाधिकारियों को हर माह विभाग को वसूली गई राशि से संबंधित विस्तृत ब्योरा उपलब्ध कराना होगा। बिना उपयोग किए वाले रसीद को डीटीओ कार्यालय में वापस करना होगा। जिला पदाधिकारी भी नियमित तौर पर इसकी समीक्षा करेंगे। ऐसे में अब जिलों में पदस्थापित ओपी प्रभारी, थानाध्यक्ष व उनसे वरीय पुलिस पदाधिकारियों को उनके कार्यक्षेत्र के भीतर वाहनों की धरपकड़ व जांच का अधिकार रहेगा। 

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